हाथों में हरे रंग का झंडा थामे बच्चों की एक तस्वीर गणतंत्र दिवस के मौके पर सोशल मीडिया पर प्रसारित होनी शुरू हुई। दावा किया गया है कि मुस्लिम स्कूलों के बच्चों ने वंदे मातरम का बहिष्कार किया और इस्लामी झंडे फहराए।

यह तस्वीर फेसबुक और ट्विटर पर व्यापक रूप से शेयर की गई है। भाजपा प्रवक्ता वैभव अग्रवाल ने ऑल्ट न्यूज़ से इस तस्वीर की सच्चाई पता करने को कहा।

ऐसे ही संदेश के साथ पहले भी इस्तेमाल हुई तस्वीरें

दिलचस्प बात है कि इन्हीं तस्वीरों को, पहले भी स्वतंत्रता दिवस के समय प्रसारित किया गया था। संदेश वही था — मुस्लिम स्कूल के बच्चों ने इस्लामी झंडे फहराए और राष्ट्रीय गीत गाने से मना कर दिया।

शंखनाद (ShankhNaad), जो काफी भ्रामक सूचनाएं फैला चुका है, उसने भी — यह दावा करते हुए कि यह घटना केरल के एक स्कूल में 2014 में स्वतंत्रता दिवस पर घटित हुई थी — इसे पहले ट्वीट किया था।

सच क्या है?

तस्वीरों में दिखते हरे रंग के झंडे इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) का है। IUML, केरल का एक राजनीतिक दल है। जिसका झंडा नीचे दिखाया गया है।

ये तस्वीरें, जो कुछ वर्षों से प्रसारित होती आ रही हैं, किसी स्वतंत्रता दिवस समारोह या गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा नहीं हैं। ये तस्वीरें IUML की नेक्स्ट जेनरेशन रैली की है जो मई, 2013 में केरल के मलप्पुरम में आयोजित हुई थी और जिसकी तस्वीरें IUML के फेसबुक पेज पर पोस्ट की गई थीं।

दोनों तस्वीरों को एक-साथ रखने पर, यह देखा जा सकता है कि पीछे से पीले रंग वाली वैन और हरे रंग वाली बस, दोनों तस्वीरों में मौजूद हैं। इससे यह स्थापित होता है कि दोनों तस्वीरें एक ही घटना का प्रतिनिधित्व करती हैं।

गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय अवसरों पर, इस प्रकार के संदेशों को प्रसारित किया जाना, समाज के एक खास वर्ग को नुकसान पहुंचाने और उनकी देशभक्ति पर सवाल उठाने के संगठित अभियान की ओर इशारा करता है।

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