सोशल मीडिया पर एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है. इसमें उस प्रेस कांफ्रेंस का हिस्सा है जिसमें अमरीकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और मैट सॉस दिखाई दे रहे हैं. मैट रोच डाइग्नोस्टिक्स नॉर्थ अमेरिकन डिवीज़न के प्रेसिडेंट और सीईओ हैं. इस वीडियो के साथ जो दावा किया जा रहा है, उसके मुताबिक़ इस कंपनी ने COVID-19 से निपटने के लिए वैक्सीन बना ली है और ये ‘अगले रविवार’ से लॉन्च हो जाएगी.

Trump announced that Roche Medical Company will launch the vaccine next Sunday, and millions of doses are ready from it !!!
The end of the play

What’s app forward

Test Kit is ready not the vaccine by Pranjali Dani

Posted by Shivani Dani Wakhare on Monday, 16 March 2020

इस क्लिप में सॉस को कहते हुए सुना जा सकता है, “रोच की तरफ़ से हम FDA को धन्यवाद कहना चाहते हैं. उन्होंने हमारे कोरोना वायरस टेस्ट्स को मान्यता देने में देरी नहीं दिखाई. हम CDC और FDA के साथ पार्टनरशिप को भी सराहते हैं. इससे बाज़ार में दवाएं जल्दी से जल्दी मुहैया करवाई जा सकती हैं जिससे वो पेशेंट्स के पास जल्दी पहुंचेंगी. और साथ ही तमाम लैब्स के साथ हमें काम करने को मिल रहा है. इससे ज़रुरतमंद मरीज़ों तक ये टेस्ट्स पहुंच जायेंगे.”

फ़ैक्ट-चेक

सबसे पहले तो हमें यही समझ जाना चाहिए कि इस पूरे दौरान रोच के सीईओ मैट सॉस ने टेस्टिंग के बारे में ही बात की और किसी वैक्सीन का नाम ही नहीं लिया. ये इस वीडियो के साथ पेश किये गए ग़लत दावे का पहला सबूत है. असल में ये 37 सेकंड का वीडियो व्हाइट हाउस में हुई एक प्रेस कांफ्रेंस का वीडियो है. इसमें राष्ट्रपति ट्रंप भी शामिल थे. नीचे दिए गए वीडियो में इसे 18 मिनट 40 सेकंड के बाद से देखा जा सकता है. जैसा कि दिख रहा है, सॉस फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) को शुक्रिया कहते हैं और साथ में डिसीज़ कंट्रोल एंड प्रेवेंशन (CDC) को कंपनी द्वारा बताये गए कोरोना वायरस टेस्ट्स पर फुर्ती में अप्रूवल देने के लिए शुक्रिया कहते हैं.

रोच डाईग्नोस्टिक्स ने इस वीडियो को ट्वीट भी किया था. जैसा कि रिपोर्ट किया गया, नए कोरोना वायरस टेस्ट्स ने मरीज़ों को टेस्ट करने की क्षमता को 10 गुना तक बढ़ा दिया था.

रैंड पॉल अमरीकी सांसद हैं. उन्होंने अपने एक ट्वीट में लिखा, “गुड न्यूज़: FDA ने रोच के कोरोना वायरस टेस्ट्स को मंज़ूरी दे दी है. ये अभी चल रहे टेस्ट्स से 10 गुना तेज़ हैं.”

वायरल क्लेम जो ये कहता है कि रोच डाईग्नोस्टिक्स ने कोरोना वायरस से सफ़लतापूर्वक निपटने वाली वैक्सीन बना ली है, ग़लत है. यहां तक कि अभी कोई भी ऐसी वैक्सीन है ही नहीं जो कि इस संक्रमण पर असर कर सके और जिसे मंज़ूरी भी मिल गयी हो. ड्रग कंपनी और रीसर्च करने वाले लोग लगातार इस वायरस से निपटने के बारे में काम कर रहे हैं. फ़ोर्ब्स ट्रैकर के अनुसार रीसर्च भी ट्रायल पीरियड में ही है. संस्थाओं ने या तो इंसानों पर टेस्ट्स करने शुरू कर दिए हैं या फिर विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाओं से मिलकर टेस्ट्स से जुड़े काम कर रहे हैं. कई वैक्सीन अभी डेवेलपमेंट स्टेज में हैं. फ़ोर्ब्स के अनुसार, एक नयी वैक्सीन को डेवेलप होने में कम से कम 10 से 15 साल लगते हैं. हालांकि बीते वर्षों में तकनीक में आये बदलावों से ये प्रोसेस कुछ तेज़ हो सकता है.

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.