दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हुई धार्मिक हिंसा के बाद कई तरह के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं. ऐसा ही एक वीडियो वायरल है.इसे शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि दिल्ली शहर के काज़ी ने हिदायत दी कि वो हिंदुओं का जीना मुश्किल कर देंगे.

वीडियो में ये कहते हुए सुना जा सकता है, “रोज होने वाली मौतें व मॉब लिंचिंग के खिलाफ मुसलमानों के भी नौजवान बच्चे हैं, उनके पास भी ताकतें हैं, हथियार हैं, मगर मुसलमान अमनपसंद हैं, व हिन्दू-मुसलमान के भाईचारे को कायम करना चाहते हैं. अगर वो भी उनके रास्ते पर चलें तो इस मुल्क में हिंदुओं का जीना मुश्किल कर देंगे.”

कॉलमनिस्ट दिव्य कुमार सोती ने वायरल वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि दिल्ली के शहर काज़ी साहब पर हिंदुओं और यहूदियों को धमकाने पर क्या ही कार्यवाही होगी. (आर्काइव लिंक)

भाजपा दिल्ली के मीडिया हेड नवीन कुमार जिंदल ने ये वीडियो शेयर करते हुए दिल्ली पुलिस को टैग किया और सवाल किया कि इनकी धरपकड़ कब होगी. (आर्काइव लिंक)

सेलफ्रेम कॉरपोरेशन के फ़ाउंडर और BJP समर्थक अरुण पुदुर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा “यह देखने के बाद मैं सो नहीं सका. भारत में गैर-मुसलमानों को खुलेआम जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. क्या आप जानते हैं कि केजरीवाल की सरकार ऐसे मुल्लाओं को ₹15,000/माह वेतन देती है?” (आर्काइव लिंक)

राइट विंग प्रॉपगंडा वेबसाइट ऑपइंडिया की एडिटर नीरवा मेहतातारेक फतह ने भी ये वीडियो शेयर किया. वीडियो के ऊपर दिख रहे ग्राफ़िक में ‘शहर काजी दिल्ली’ के हवाले से ‘हम हिन्दुओं का जीना मुश्किल कर देंगे’ लिखा है.

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फ़ैक्ट-चेक

वायरल वीडियो में एक जगह मुस्लिम सेवा संगठन की बात की जा रही है. इस आधार पर जब हमने यूट्यूब पर कुछ की-वर्ड्स सर्च किया तो हमें मुस्लिम सेवा संगठन देहरादून नाम के यूट्यूब चैनल पर ये वीडियो मिला जिसे 4 जुलाई 2019 को अपलोड किया गया था. वीडियो के टाइटल में लिखा है “मुफ़्ती रईस का बयान.”

मिली जानकारी से जुड़े कुछ की-वर्ड्स सर्च करने पर हमें ईटीवी भारत, दैनिक जागरण, अमर उजाला के आर्टिकल्स मिले. इन ख़बरों के मुताबिक, 17 जून 2019 को झारखंड में मुस्लिम युवक तबरेज़ अंसारी की मॉब लिन्चिंग के बाद मौत हो जाने के विरोध में मुस्लिम सेवा संगठन ने 27 जून को देहरादून ज़िलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया था.

इस प्रदर्शन में मुफ़्ती रईस मौजूद थे. देहरादून कचहरी के बाहर मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए भड़काऊ व आपत्तिजनक बयान देने के आरोप में पुलिस ने उनपर मुकदमा दर्ज किया था.

हमने मुफ्ती रईस अहमद कासमी से बात की. उन्होंने हमें बताया कि वायरल वीडियो 2 साल पुराना है इसका फिलहाल के किसी भी घटना से संबंध नहीं है. साथ ही उन्होंने हमें ये जानकारी भी दी कि फिलहाल वे जमीयत उलेमा-ए-हिन्द देहरादून के जिलाध्यक्ष हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की जांच पहले भी की थी जब BJP प्रवक्ता संबित पात्रा सहित कई लोगों ने इसे CAA विरोध प्रदर्शन के दौरान शेयर किया था.

कुल मिलाकर, हमने ये देखा कि देहरादून में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए मुफ्ती रईस अहमद कासमी का 2 साल पुराना वीडियो दिल्ली के काजी का बयान बताकर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया.

 

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