पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए दावा किया कि यह उत्तरप्रदेश में मुस्लिमों के खिलाफ पुलिस की बर्बरता को दर्शाता है। पीएम ने ट्वीट किया, यूपी में मुस्लिमों के खिलाफ भारतीय पुलिस का कहर” (अनुवाद) हालांकि, बाद में उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर लिया।
इसी वीडियो को कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस दावे से शेयर किया है कि असम में NRC लागू होने के बाद पुलिस लोगों को घर से उठा रही है।
Asam me NRC lagu, logo ko gharoo se uthana shuru ho chuka h.
News wale aapko ye nahi dekhayegi, kyun ki wo bik chuki h, ab aapki aur humari zimmadari h is video ko ziyada se ziyada share karne ki.#policewalegundde pic.twitter.com/jkJVwg9eDf— mr Khalifa (@ah1_anwar) January 2, 2020
इमरान खान ने एक और वीडियो कुछ इसी तरह के दावे से ट्वीट किया और इसे भी कुछ देर बाद डिलीट कर दिया। उन्होंने लिखा, “मोदी सरकार के जातीय सफाए के तहत भारतीय पुलिस मुसलमानों पर हमला करते हुए।” -(अनुवाद)
इसी वीडियो को मुज़फ्फ़रनगर में हुई घटना से जोड़ा गया है, जहां मौलाना सैयद रज़ा हुसैनी सहित कई छात्रों को शादात हॉस्टल से बाहर निकाल कर बेरहमी से यूपी पुलिस द्वारा पीटा गया था। दावा कुछ इस तरह है, “मौलाना सैयद रज़ा हुसैनी उम्र 82 साल… मुज़फ्फ़रनगर निवासी..(यूपी) (अपडेट: पुलिस ने बच्चों को एक मदरसे में घसीटते हुए बेरहमी से पीटा और उनसे कहा, “तुम्हें नागरिकता की ज़रूरत नहीं है” #IndiaAgainstCAA_NRC”
Maulana Syed Raza Hussaini ..
Age 82 years ..
Muzaffarnagar Resident .. (UP)
UPDATE: The police dragged the children into a madrassa and brutally assaulted them, shouting, “You don’t need citizenship!”#IndiaAgainstCAA_NRC
Posted by Kuzhimpadath Muhammad Basheer on Tuesday, 31 December 2019
पहला वीडियो: बांग्लादेश का पुराना वीडियो
ध्यान से देखने पर वीडियो में पुलिस की काली वर्दी पर RAB लिखा हुआ दिखता है। रैपिड एक्शन बटालियन (RAB – Rapid Action Battalion) बांग्लादेश पुलिस की अपराध और आतंकवाद विरोधी इकाई है।
इस आधार पर हमने यूट्यूब पर कीवर्ड्स सर्च किए और थोड़ा स्क्रोल करने पर हमें यही वीडियो मिल गया, जिसे जून 2014 में यूट्यूब पर मई, 2013 में हुई बांग्लादेश की घटना बताकर अपलोड किया गया है। वीडियो का शीर्षक है, “5 May 2013 RAB & Police killing metion in Bangladesh”
https://www.youtube.com/watch?v=dQplZSo58Ic
6 मई, 2013 को प्रकाशित BBC की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में हुए प्रदर्शन में टकराव से 27 लोगों की मौत की खबर है। इस रिपोर्ट में आगे लिखा है, “मृतकों और घायलों की संख्या की अलग-अलग खबरें आ रही है, लेकिन पुलिस ने पुष्टि की है कि कांचपुर में मृतकों में दो पुलिस अधिकारी और सुरक्षा बल के एक सदस्य शामिल थे। केंद्रीय ढाका में एक छत से घटनाओं को देखने वाले एक गवाह ने कहा कि प्रदर्शनकारी बहुत आक्रामक थे, कुछ लोग पत्थर फेंक रहे थे, जिससे स्थिति जल्दी हिंसक हो गई … पुलिस के पास जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।” -(अनुवाद)
6 मई, 2013 को Channel 4 News ने इस दंगे के दृश्य प्रसारित किए हैं, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प देखा जा सकता है।
Al Jazeera ने 14 मई, 2013 को इस घटना पर वीडियो रिपोर्ट प्रकाशित किया था, जिसका शीर्षक है “वीडियो का दृश्य यह सुझाव देते हैं कि बांग्लादेश मौत की संख्या को छुपा रहा” -(अनुवाद)
Al Jazeera के वीडियो का एक फ्रेम पूरी तरह वायरल वीडियो से मेल खाता है, जैसा कि नीचे तस्वीर में देखा जा सकता है।
दूसरा वीडियो: उन्नाव, यूपी के किसान प्रदर्शन का वीडियो
इस वीडियो को यूपी राज्य संयोजक, आईटी सेल, राष्ट्रीय लोकदल, ऐश्वर्या राय सिंह ने 17 नवंबर, 2019 को ट्वीट किया था।
धरा पुत्र का जो वध कर दे, वो राजपुरुष नाकारा है।
जिस पर किसान का रक्त गिरे, वो शासक हत्यारा है ।।#Unnao #उन्नाव pic.twitter.com/7sImhYYacR— Aeshwarya Raj Singh (@RajSinghBastiUP) November 17, 2019
उन्होंने अपने ट्वीट में दावा किया था कि यह वीडियो उन्नाव में हुए किसानों के प्रदर्शन को दर्शाता है। इस आधार पर कीवर्ड सर्च से हमें Nyoooz UP पर अपलोड किया गया विडियो मिला, जिसमें 1:30 मिनट से समान दृश्य देखे जा सकते हैं।
17 नवम्बर, 2019 को प्रकाशित आज तक की रिपोर्ट के अनुसार, “उन्नाव में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम की ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के तहत किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई. लेकिन किसानों का कहना है कि जो मुआवजा दिया गया वो काफी कम था. किसान और मुआवजे की मांग को लेकर कई दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे थे. बाद में पुलिस ने जब प्रदर्शन शांत कराने की कोशिश की तब मामला बिगड़ गया और दोनों के बीच झड़प की स्थिति उत्पन्न हो गई. यहां तक कि किसानों के गुस्से को शांत करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा.” इसमें आगे लिखा गया है, “किसानों का आरोप है कि 2005 में बगैर समझौते के उनकी जमीनों को अधिगृहित कर लिया गया था, लेकिन बदले में उसका मुआवजा नहीं दिया जा रहा. इसके विरोध में हम सड़क पर उतरे हैं. असल में, पूरा मामला यूपीएसआईडीसी की ट्रांस गंगा सिटी का है, जहां किसान अधिग्रहण की शर्तें पूरी नहीं किए जाने के कारण लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।”
इस तरह पाक पीएम इमरान खान ने बांग्लादेश का पुराना वीडियो और उन्नाव में किसान-पुलिस के बीच झड़प का वीडियो, भारत में ‘मोदी सरकार के जातीय सफाए के तहत भारतीय पुलिस द्वारा मुसलमानों पर हमला’ के झूठे दावे से ट्वीट किया था।
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