19 फ़रवरी को एक ख़बर ने जगह बनायी. इस ख़बर के मुताबिक़ विश्व स्वाथ्य संगठन (WHO) ने पतंजलि की कोरोनिल को कोरोना वायरस के इलाज के लिए अप्रूवल दे दिया है. नीचे न्यूज़ नेशन की एक रिपोर्ट है जो ये दावा करती है कि इस आयुर्वेदिक दवा को WHO का अप्रूवल मिल गया है.
बाबा रामदेव की Coronil को मिली WHO की मंजूरी, देखें Exclusive बातचीत @yogrishiramdev @DChaurasia2312 #Coronil #coronavirus #Ramdev https://t.co/PExnPTxY76
— News Nation (@NewsNationTV) February 19, 2021
पतंजलि के संस्थापक रामदेव का दीपक चौरसिया ने इंटरव्यू लिया. इसमें दीपक ने कहा, “आज बाबा रामदेव ने ये सिद्ध कर दिया है कि जो वो कहते हैं वो वो करते हैं. उन्होंने कोरोनिल के बारे में बात कही थी तब इस बात पर बड़ा विवाद उठा था कि उनकी कोरोनिल किट क्या वाकई कोरोना का कारगर इलाज है? लेकिन आज इसपर WHO की सहमति मिल चुकी है.
रामदेव ने अपने जवाब में दावा किया कि WHO की एक टीम उनकी कम्पनी आई थी और फिर उसी ने उन्हें कोरोनिल को लाइसेंस दिया जिससे इस दवा को 150 से ज़्यादा देशों में बिकने की स्वीकृति भी मिल गयी. इस इंटरव्यू के कुछ ही मिनट बीतते हैं और रामदेव पश्चिमी देशों की चिकित्सा पद्धति की आलोचना करते हैं और यहां तक कहते हैं कि एलोपैथी ‘मेडिकल आतंकवाद’ पर उतर आई है.
न्यूज़ 18 के ऐंकर किशोर अन्जवामी ने भी रामदेव की प्रशंसा की और दावा किया कि कोरोनिल को WHO की मंज़ूरी मिल गयी है.
एशियानेट न्यूज़ ने लिखा कि कोरोनिल अब ‘WHO सर्टिफ़ाइड’ है. उन्होंने लिखा – “रामदेव ने दावा किया कि पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट की यह दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से सर्टिफाइड है.”
दो केंद्रीय मंत्रियों की मौजूदगी में रामदेव #Ramdev ने लॉन्च की #Corona की दवा-बोले, #WHO सर्टिफाइड है ‘कोरोनिल’ #Coronil
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जियो न्यूज़ और टीवी9 गुजराती ने भी ये रिपोर्ट किया कि रामदेव ने ये दावा किया है कि कोरोनिल को WHO का सर्टिफ़िकेट मिल गया है.
बीजेपी प्रवक्ता संजू वर्मा ने ट्वीट किया, “#PatanjaliCoronil को DCGI और #WHO का अप्रूवल मिलना नरेंद्र मोदी के अधीन फलने-फूलने वाले आयुर्वेद और घरों में शुरू हुए #स्टार्टअप सिस्टम के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.”
It took 6 months for #Patanjali Coronil to get approvals from World Health Organisation,but it was worth the wait&is a slap on the face of usual #KhanMarketGang, which mocks all things homegrown
India’s assets to fight #COVID under @narendramodi,are world’s best assets,as per UN
— Sanju Verma (@Sanju_Verma_) February 19, 2021
फ़ैक्ट-चेक
जैसे ही ये दावा फैलने लगा, पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर बालकृष्ण ने ट्वीट किया कि Drugs Controller General of India (DCGI), भारत सरकार ने कोरोनिल को Goods Manufacturing Practice (GMP) से स्वीकृत Certificate of Pharmaceutical Product (CPP) प्रदान किया था.
We want to clarify to avoid confusion that our WHO GMP compliant COPP certificate to Coronil is issued by DCGI, Government of India.
It is clear that WHO do not approve or disapprove any drugs.
WHO works for building a better, healthier future for people all over the world. pic.twitter.com/ZEDPdWy0tg— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) February 19, 2021
एक और ट्वीट में उन्होंने बताया कि CPP लाइसेंस WHO GMP क्वालिटी अप्रूवल के अनुरूप ही दिया गया है.
We are delighted and proud to state that Coronil has been granted a CoPP license by DCGI, in accordance with the WHO GMP quality approvals. pic.twitter.com/4wT0TEbrV2
— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) February 19, 2021
पीटीआई की एक रिपोर्ट में पतंजलि की ओर से आया बयान है – “कोरोनिल को Central Drugs Standard Control Organisation के आयुष सेक्शन की तरफ़ से WHO certification schemeके तहत Certificate of Pharmaceutical Product (CPP) मिला है.” आगे इस रिपोर्ट में लिखा है कि पेश किये गए डेटा के आधार पर आयुष मिनिस्ट्री ने कोरोनिल टेबलेट को बतौर “COVID-19 के लिए सहायक उपाय” चिन्हित किया है.
WHO Certification scheme क्या है?
ये स्कीम विश्व स्वास्थ्य संगठन ने “अपने सदस्य देशों के बीच दवाओं के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुविधा के लिए सदस्यों के अनुरोध पर” शुरू की थी.
ये स्कीम यूं चलती है – अर्जी डालने वाला या इम्पोर्ट करने वाली कम्पनी एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी से CPP मांगेगी. ये CPP कोई सर्टिफ़ाइंग अथॉरिटी ही दे सकती है. आसान भाषा में कहें तो – अगर कोई कम्पनी पतंजलि की कोरोनिल आयात करना चाहती है तो वो पतंजलि से कहेगी कि वो DCGI द्वारा जारी किया गया CPP उपलब्ध करवाए.
CPP जारी किये जाने में WHO की कोई भूमिका नहीं होती है. संयुक्त राष्ट्र संगठन ने साफ़ शब्दों में कहा है कि उसके प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल किया जाना गैर कानूनी है.
अर्थात, पतंजलि की कोरोनिल को Central Drugs Standard Control Organisation के आयुष सेक्शन ने CPP जारी किया है और ये दावा कि कोरोनिल को WHO की मंज़ूरी मिली है, सरासर ग़लत है.
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