एक समाचार पत्र की क्लिप को सोशल मीडिया पर कुछ यूज़र्स द्वारा साझा किया जा रहा है, जिसका शीर्षक है – “पंजाबी वोटर अगर मेरा साथ दें तो देहाती जाट गुज्जरों और बिहारियों को धूल चाटा दूंगा – राघव चड्ढा।”
पंजाबी वोटर अगर मेरा साथ दें तो देहाती जाट गुज्जरों और बिहारियों को धूल चटा दूंगा::AAP उम्मीदवार राघव चड्ढा
Posted by Bhumihar Sikandar Tiwari on Friday, 10 May 2019
इस पोस्ट के साथ साथ दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के आप नेताओं के नाम भी साझा किये जा रहे है।
@raghav_chadha बेटा राघव चड्ढा इतना आसान नहीं है की बिहारियों को दिल्ली से भगाना आज दिल्ली में 90%बिहारी है बिहारी से पंगा लेना भारी पड़ सकता है तुम्हें और तुम्हारे पार्टी की एक बिहारी सौ पर भारी @Aap_Burari_02 @majorgauravarya @ArvindKejriwal @AamAadmiParty @AtishiAAP @BJP4India pic.twitter.com/At7MGXMCrn
— DEEPAK JHA ABVP🇮🇳 (@deepakjha_abvp) May 10, 2019
अखबार की फ़र्ज़ी क्लिप
राघव चड्ढा ने अपने अधिकारिक फेसबुक पेज पर इस पोस्ट को फ़र्जी बताया और कहा कि यह फोटोशॉप का काम है।
ये खबर बिल्कुल झूठी है, इस फोटोशॉप से बनाई न्यूस पर विश्वास ना करें। यदि फेसबुक पर दिखे तो इसे तुरंत रिपोर्ट करें।
This…Posted by Raghav Chadha on Friday, 10 May 2019
यह ख़बर कई अन्य सबूतों के ज़रिये भी ख़ारिज की जा सकती है। इस ख़बर की गलत प्रस्तुति संदेह प्रकट करता है। इस पर मीडिया की रिपोर्टिंग की कमी की वज़ह से इसके झूठे होने पर शंका और बढ़ती है। इसे अख़बार के जैसे दिखाया गया है, हालांकि इसे ध्यान से देखने पर ही झूठ पकड़ा जा सकता है।
1. लेख में शब्दों की लेखनी और व्याकरण संबधी गलतियां है। लेख के शीर्षक में ही शब्द ‘चाटा’ को ‘चटा’ लिखा गया है। लेख
के दूसरे अनुच्छेद में शब्द ‘नहीं’ को ‘नही’ लिखा गया है। वाक्य, “एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए चड्डा ने कहा की “यदि पंजाबी समुदाय का शत प्रतिशत वोट…” में अल्पविराम की कमी है।
2. लेख में तारीख मौजूद नहीं है।
3. इस लेख में रिपोर्टर का नाम नहीं दिया गया है। किसी भी समाचारपत्र के रिपोर्ट में या तो उसे लिखने वाले रिपोर्टर का नाम या फ़िर समाचार पत्र के ब्यूरो का नाम होता है। अगर लेख़ किसी न्यूज़ एजेंसी द्वारा मिली है, तो उस एजेंसी का नाम छापा जाता है – जैसे PTI, ANI इत्यादी।
4. लेख में दिख रहे वाक्य और अनुच्छेद श्रेणीबद्ध नहीं है।
नकली अखबारों की क्लिप के जरिए सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाना आम बात है। अख़बार के रूप में किसी भी सूचना को पेश करने से वो विश्वासपात्र बन जाता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल पर भी झूठी अख़बार की क्लिप से निशाना साधा गया था।
अनुवाद: किंजल परमार
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