पूर्वी लद्दाख बॉर्डर के संवेदनशील इलाकों में चीनी सैनिकों के आने के बाद से भारत-चीन बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है. टाइम्स नाउ चैनल ने 26 मई को इस झड़प पर एक कार्यक्रम ब्रॉडकास्ट किया. यूट्यूब पर पोस्ट किए गए इस ब्रॉडकास्ट के कैप्शन में लिखा है, “भारतीय सेना के सामने इस समय सबसे बड़ी चिंता चीनी सैनिक हैं जो KM120 के की पॉइंट्स सहित गालवान घाटी तक आ गए हैं. टाइम्स नाउ के पास विजुअल्स हैं.

नीचे पूरा ब्रॉडकास्ट दिया जा रहा है. 49वें सेकेंड पर एंकर कहता है, “दरअसल ये वो विज़ुअल हैं जो हम आपके लिए लाए हैं.”

तकरीबन 15 मिनट के शो में चैनल ने झड़प के 3 वीडियो दिखाए. सच ये है कि तीनों वीडियो पुराने हैं और बॉर्डर पर हुए हालिया तनाव से इनका कोई संबंध नहीं है.

पहला वीडियो

नीचे शो के दौरान कई बार चलाए गए वीडियो का स्क्रीनशॉट है जिसमें टीवी स्क्रीन पर टिकर में लिखा दिखता है, “चीन की चाल कैमरे में क़ैद.” शो में 6वें सेकेंड पर दिखे वीडियो के बारे में दावा किया गया है कि इसे लद्दाख की पैंगोंग घाटी में शूट किया गया है.

हालांकि थोड़ी देर में टाइम्स नाउ ने स्क्रीन पर ‘फ़ाइल’ लिखा जिसका मतलब होता है कि वीडियो किसी ताज़ी घटना का नहीं है.

स्क्रीनशॉट पर लिखे टेक्स्ट को क्रॉप करके गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च किया गया तो पता चला कि इंडिया टुडे पत्रकार शिव अरूर ने 19 अगस्त 2017 को वही वीडियो पोस्ट किया था. डिस्क्रिप्शन में उन्होंने भी लिखा कि इसे पैंगोंग, लद्दाख में शूट किया गया है. हालांकि टाइम्स नाउ ने यह कहीं नहीं लिखा कि वीडियो नया नहीं है.

दूसरा वीडियो

यह वीडियो ब्रॉडकास्ट में पहली बार 54वें सेकेंड र दिखता है और स्क्रीन पर बोल्ड अक्षरों में ‘टाइम्स नाउ एक्सक्लूसिव’ लिखकर आता है. हालांकि उससे बड़ी विडंबना ये है कि साथ में एक और टिकर चलता है जिसमें लिखा है कि चैनल इस वीडियो के सच होने की पुष्टि नहीं करता है.

यही वीडियो इसी टिकर के साथ टाइम्स नाउ ने 31 जुलाई 2017 को भी चैनल पर चलाया था जब चीनी सैनिकों ने उत्तराखंड के बरहोती में सीमा का उल्लंघन किया था.

हमें पॉलिमर न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर 26 जुलाई 2017 की तारीख में इस वीडियो का लिंक मिला जिसमें भारतीय और चीनी सैनिकों की झड़प को रिपोर्ट किया गया था.

तीसरा वीडियो

टाइम्स नाउ चैनल के ब्रॉडकास्ट में तीसरा वीडियो 1:05 मिनट पर दिखता है. ऊपर दाईं तरफ़ कोने में ‘फ़ाइल’ लिखकर आता है. ऑल्ट न्यूज़ ने चैनल के द्वारा इस्तेमाल किए जाने से एक हफ़्ते पहले इसकी सच्चाई बताई थी. यह क्लिप भारतीय और चीनी सैनिकों की हालिया झड़प का बताकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था.

हमने जनवरी 2020 के एक लिंक पर जाकर देखा जिसमें लिखा था, “अरुणाचल प्रदेश बॉर्डर पर इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) से बहस करती चीनी सेना”.

यानी टाइम्स नाउ ने जो वीडियो भारत-चीन तनाव को लेकर अपने ब्रॉडकास्ट में दिखाए वो पुराने हैं. जहां एंकर और यूट्यूब डिस्क्रिप्शन कहते हैं कि ‘चैनल ये विज़ुअल दर्शकों के लिए’ लाया है वहीं शो के दौरान दिए गए डिस्क्लेमर से लगता है कि ये फ़ाइल फ़ुटेज हैं.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a researcher and trainer at Bellingcat with a focus on human rights and conflict. She has a Master's in Data Journalism from Columbia University and previously worked at Alt News.