एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया जा रहा कि पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं के साथ अत्याचार हो रहा है और उन्हें वहां से भगाया जा रहा है. 18 मार्च 2021 को एक ट्विटर यूज़र ने एक वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “बंगाल की एक रोहिंग्या बस्ती मे कैसा स्वागत किया गया भाजपा नेताओं का वह भी प्रदेश अध्यक्ष श्री दिलीप घोष समेत। जब इनका यह हाल हुआ तो सामान्य नागरिकों का क्या होगा गन्भीरता से विचार करें?” बंगाल में होने वाली चुनाव के आस-पास ये वीडियो शेयर किया जा रहा है.

RBI के पूर्व गवर्नर एस गुरुमुर्थी ने भी ये वीडियो रोहिंग्या ऐंगल के साथ 20 मार्च को शेयर किया.

इनफ़ोसिस के पूर्व निदेशक मोहनदास पाई ने 19 मार्च को ये वीडियो शेयर करते हुए अमित शाह को टैग किया और लिखा, “भयानक”. हालांकि उन्होंने कोई दावा नहीं किया है.

बार-बार फैलने वाली ग़लत जानकारी

एक यूज़र ने दिसम्बर, 2020 में इसे शेयर करते हुए लिखा था, “अब ये पश्चिम बंगाल में हिन्दुओं के साथ हो क्या रहा हैं?? वहाँ के रोहिंग्या अपनी बस्ती में किसी हिन्दू को घुसने तक नहीं देते हैं??के वक्त हम लोग जागरुक नहीं हुए तो ये स्थित तो देशभर की हो जाएगी.”

एक और यूज़र ने इसे अंग्रेजी कैप्शन के साथ शेयर करते हुए दावा किया है कि रोहिंग्या मुस्लिम पश्चिम बंगाल से हिन्दुओं को भगा रहे हैं.

2019 से वायरल

आनंद नाम के एक यूज़र ने ये वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “जहाँ चुनाव होना बाकि हो और अपने रिस्तेदार हो तो उन्हें ये विडीयो भेजे.. अगर हमारे समाज ने मोदी जी को ज्यादा से ज्यादा संख्या में वोट नही दिया तो विधर्मी *बांग्लादेशी मुसलमान और रोहिंग्या मुसलमान* कुछ ऐसा हाल करेंगे जैसा वे कोलकत्ता में कर रहे हैं। अभी भी वक्त है जाग जाओ!”

हितेश‘ नामक एक अन्य यूज़र ने भी इसी संदेश के साथ ये वीडियो ट्वीट किया.

फेसबुक और ट्विटर पर कई लोगों ने भी इसी संदेश के साथ इस वीडियो को शेयर किया है।

फ़ैक्ट-चेक

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ किया जा रहा दावा ग़लत है और ये काफी पुराना है. ये घटना कोलकाता की नहीं, बल्कि 2017 में दार्जिलिंग में हुई थी. पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष और उनके समर्थकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया था. ABP न्यूज़ सहित कई मीडिया संगठनों ने इसकी सूचना दी थी. इस वीडियो को चैनल ने अक्टूबर 2017 में चलाया था जब ये घटना हुई थी.

गोरखा जनमुक्ति मोर्चा द्वारा अलग गोरखालैंड के लिए 104 दिनों की हड़ताल के बाद भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने पार्टी अध्यक्ष के नेतृत्व में शहर का दौरा किया था. घोष 5 अक्टूबर, 2017 को दार्जिलिंग में थे, जब उन्हें गोरखा प्रादेशिक प्रशासन के अध्यक्ष बिनय तमांग के समर्थकों द्वारा कथित रूप से पीटा गया था.

निष्कर्ष रूप में, 2017 में दार्जिलिंग में भाजपा सदस्यों के साथ मारपीट और उनके साथ दुर्व्यवहार करने का वीडियो ग़लत दावे के साथ शेयर किया गया. पहले भी भारत में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को गलत सूचनाओं के माध्यम से निशाना बनाया गया है. इसी वीडियो को पहले, हाल की एक अन्य घटना के रूप में शेयर किया गया था कि भाजपा सदस्यों को वोट मांगते समय पीटा और खदेड़ा गया था.

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About the Author

Jignesh is a writer and researcher at Alt News. He has a knack for visual investigation with a major interest in fact-checking videos and images. He has completed his Masters in Journalism from Gujarat University.