एक वीडियो जिसमें मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग ‘भारत माता की जय’ का नारा लगा रहे हैं, सोशल मीडिया में इस दावे से साझा किया जा रहा है कि यह कश्मीर का वीडियो है। गौरतलब है कि 5 अगस्त को सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ सेक्शन को अप्रभावी कर दिया है, जो जम्मू-कश्मीर को एक विशिष्ट दर्जा देता था।

 

കശ്മീരിലെ മുസ്ലീം ജനത പാകിസ്ഥാൻ തീവ്രവാദികളുടെ അടിമത്തത്തിൽ നിന്നും മോചിതരാകുന്ന നയനാനന്ദകരമായ കാഴ്ച

Posted by Sreekumar Gopalapillai on Friday, 9 August 2019

यह वीडियो मलयालम संदेश के साथ व्यापक रूप से प्रसारित है -“കശ്മീരിലെ മുസ്ലീം ജനത പാകിസ്ഥാൻ തീവ്രവാദികളുടെ അടിമത്തത്തിൽ നിന്നും മോചിതരാകുന്ന നയനാനന്ദകരമായ കാഴ്ച -(कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकवादियों की कैद से आजादी – अनुवादित)

वीडियो को समान दावे वाले अंग्रेजी संदेश के साथ भी साझा किया जा रहा है। एक अन्य अंग्रेजी संदेश के साथ इसे साझा किया गया है –“जम्मू कश्मीर राज्य: खूबसूरत दृश्य। भारत माता की जय” – अनुवादित।

एक ट्विटर उपयोगकर्ता, हमीर देसाई, जिन्हें रेलवे मंत्री पियूष गोयल के कार्यालय द्वारा फॉलो किया जाता है, इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा, “धारा 370 के उन्मूलन का प्रभाव है”-(अनुवाद)।

बैंगलोर का वीडियो

ऑल्ट न्यूज़ ने वीडियो को कई कीफ्रेम में तोड़ा और उन की-फ्रेम्स को गूगल पर रिवर्स सर्च किया, हमें फरवरी में किया गया एक ट्वीट मिला, जिसमें इस वीडियो को साझा किया गया था। ट्वीट के अनुसार शहीद CRPF जवानों की याद में बेंगलुरु में बोहरा मुस्लिमों ने यह जुलूस निकाला था।

सबंधित कीवर्ड्स से वीडियो को सर्च करने पर, हमें यूट्यूब पर बैंगलोर के बोहरा मुस्लिमों द्वारा निकाले गए जुलुस का वीडियो मिला। भारतीय समर्थन के नारों के अलावा, लोगों को अन्य नारे लगाते हुए भी सुना जा सकता है –“शहीद जवान अमर रहे”, जो संकेत देता है कि रैली वास्तव में शहीद सैनिकों के समर्थन में निकाली गई थी।

इसके अलावा, वीडियो में लगभग 15 सेकंड के लिए, जुलूस के पीछे बिल्डिंग का नाम दिखाई देता है, जिसमें लिखा हुआ है – ‘बुरहानी फ्लोरा’।

बुरहानी फ़्लोरा, बैंगलोर के बोहरा लेआउट, गोटीगेरे में स्थित एक बिल्डिंग है।

इससे यह साबित होता है कि यह वीडियो कश्मीर में नहीं बल्कि बैंगलोर में रिकॉर्ड किया गया था। यह हाल में भारत सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर को विशिष्ट दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ सेक्शन को निष्क्रिय करने के निर्णय की घटना से संबंधित नहीं है।

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.