सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में पीली रंग की शर्ट पहने हुए एक व्यक्ति एक हिरण को गोली मारते हुए दिखता है. ये वीडियो भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय का बताकर शेयर किया जा रहा है. ट्विटर यूज़र जूही ने 26 जुलाई, 2022 को ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि ये BJP विधायक अनिल उपाध्याय हैं. (आर्काइव लिंक)
भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय
🙊 ये अभी सरकार में हैं 🙊 अब कोई नहीं बोलेगा भावनाएं आहत हो रही हैं 🙊👌🏻🙊 चाल चरित्र चेहरा👇🏻😭😭😭😭 pic.twitter.com/s2hfq60Nv0— Juhi (@Juhi43372039) July 26, 2022
2021 में भी वायरल
फ़ेसबुक यूज़र ‘जग्गा पहलवान’ 7 मई, 2021 को ये वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था, “सलमान खान अभी भी हिरणों के शिकार के लिए अदालतों का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन बीजेपी के इस विधायक अनिल उपाध्याय एक पार्क में हिरण को गोली मारकर शिकार करना सीख रहे हैं। इसे वायरल करें और अदालत उसे सजा दे।” (आर्काइव लिंक)
ट्विटर और फ़ेसबुक पर ये वीडियो इसी दावे के साथ वायरल था.
व्हाट्सऐप पर भी ये वीडियो भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय का बताकर शेयर किया गया था. ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर पर इस वीडियो की जांच के लिए कुछ रीक्वेस्ट भी मिली थीं.
फ़ैक्ट-चेक
ऑल्ट न्यूज़ ने 2019 में ही इस वीडियो की पड़ताल की थी जब इसे इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा था कि ये पश्चिम बंगाल का एक वन विभाग अधिकारी है. असल में ये वीडियो बांग्लादेश का है. संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करने पर पता चला कि वीडियो को यूट्यूब पर जुलाई 2015 में बांग्लादेश के अंग्रेज़ी समाचारपत्र द डेली स्टार द्वारा अपलोड किया गया था जिसे अब प्राइवेट कर दिया गया है.
वीडियो का शीर्षक ‘Killing deer’ है, और साथ में लिखे गए डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, “वीडियो में एक व्यक्ति को खेत में एक हिरन को काफी नज़दीक से मारते हुए देखा जा सकता है. हत्या वह बड़ी सफाई से करता है. कोई अन्य व्यक्ति इस पूरी घटना को रिकॉर्ड करता है जो इस अपराध में शामिल है. बाद में, यह समूह अपने इस “महान सिद्धि” के लिए मृत शव के पास खड़े हो जाते है. उसके बाद वह सब अपने इस कार्य को “क़ानूनी हत्या” बताकर चिल्लाते हैं. इस वीडियो को मोईनुद्दीन नामक एक फ़ेसबुक पेज से लिया गया है.” ऑल्ट न्यूज़ को 12 जुलाई, 2015 को द डेली स्टार द्वारा पब्लिश किया गया एक आर्टिकल भी मिला.
रिपोर्ट के मुताबिक, हिरन की हत्या चटगांव के एक खेत में हुई, जिसके मालिक मोइनुद्दीन थे. मोईनुद्दीन ने खुद इस वीडियो को 4 जुलाई, 2015 को फेसबुक पर डाला था, जिसके बाद वहां अफ़रा-तफ़री मच गयी और अधिकारियों ने उस खेत में छापेमारी भी की. इसके बाद, मोईनुद्दीन ने फ़ेसबुक पोस्ट के ज़रिए खुद का बचाव करने की कोशिश भी की.
2015 में लिए गए और अपलोड किये गए बांग्लादेश के वीडियो को पहले सोशल मीडिया पर इस झूठे दावे से प्रसारित किया गया कि पश्चिम बंगाल में हिरन को मारने वाला व्यक्ति वन विभाग का अधिकारी है. और अब इसे शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि ये BJP विधायक अनिल उपाध्याय हैं जबकि इस नाम से कांग्रेस या BJP में कोई विधायक नहीं है. पहले भी कई बार सोशल मीडिया पर इस नाम का इस्तेमाल करते हुए ग़लत दावे किए गए हैं. नीचे कुछ उदाहरण हैं.
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