समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने एबीपी न्यूज़ के प्रसारण की एक वीडियो क्लिप पोस्ट की. वीडियो में ऐंकर बता रही हैं कि एक दिव्यांग ने इस बार चुनाव में अखिलेश यादव को वोट देने की बात की तो बीजेपी नेता ने उसकी डंडे से पिटाई कर दी. कई ट्विटर यूज़र्स ने ये वीडियो ट्वीट किया. आईपी सिंह के वीडियो को आर्टिकल लिखे जाने तक 8 हज़ार से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. उन्होंने यूपी में होने वाले चुनाव से पहले इसे शेयर किया.

कुछ फ़ेसबुक यूज़र्स ने भी ये वीडियो पोस्ट किया. (पहला लिंक, दूसरा लिंक)

2018 का वीडियो

संभल पुलिस ने आईपी सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए लिखा कि ये बुलेटिन 2018 का है.

की-वर्ड्स सर्च करने पर हमने देखा कि एबीपी न्यूज़ ने 2018 में ये ख़बर चलाई थी. वीडियो में 48 सेकंड पर ऐंकर कहती है कि ये घटना 24 दिसंबर को हुई थी. आगे, वो बताती है कि उस व्यक्ति की पिटाई करने वाले भाजपा नेता का नाम मोहम्मद मियां है.

द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इस घटना पर रिपोर्ट किया था. पीड़ित व्यक्ति का नाम गुज्जर है और वो चंदौसी तहसील के खुर्जा गेट का निवासी है. रिपोर्ट में बताया गया है, “सोमवार की शाम संभल के ज़िला अध्यक्ष राजेश सिंघल के साथ स्थानीय भाजपा कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल संभल के उप-मंडल मजिस्ट्रेट दीपेंद्र यादव से कलेक्ट्रेट के अंदर मिलने गए थे. उस वक्त ये घटना हुई थी. चंदौसी तहसील के खुर्जा गेट निवासी गुज्जर ने भाजपा कार्यकर्ताओं को देखते ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के पक्ष में नारे लगाना शुरू कर दिया. गुर्जर ने पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ समेत कई बीजेपी नेताओं की आलोचना भी की. इसके बाद मोहम्मद मियां अपनी गाड़ी से एक डंडा निकालकर युवक की पिटाई करने लगे.”

TOI ने रिपोर्ट किया कि एसडीएम सिंघल ने शांति भंग के आरोप में गुज्जर को ग़िरफ्तार करने का आदेश दिया था और उसे जेल भेज दिया गया. अगले दिन उसे रिहा कर दिया गया था.

यहां ध्यान दिया जाना चाहिए कि संभल के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने TOI को बताया कि भाजपा नेता मोहम्मद मियां का आपराधिक इतिहास रहा है और असमोली पुलिस स्टेशन में उनका रिकॉर्ड दर्ज है.

इस तरह, समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने 2018 का वीडियो पोस्ट किया. वीडियो में स्थानीय भाजपा नेता ने एक दिव्यांग व्यक्ति पर सपा के समर्थन में नारे लगाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने पर पिटाई की थी.

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🙏 Blessed to have worked as a fact-checking journalist from November 2019 to February 2023.