भारतीय सोशल मीडिया पर टीन के डिब्बे और खुद बनायी हुई बांसुरी बजाने वाले बच्चों के एक बैंड का वीडियो शेयर किया जा रहा है. लोग ये मान रहे हैं कि वीडियो भारत का है क्योंकि बच्चे जो धुन बजा रहे हैं, वो सत्येन बोस की 1954 में आयी फिल्म ‘जागृति’ का गाना ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की’ से मिलता है.
अभिनेता अनुपम खेर ने दावा किया कि वीडियो भारत के एक गांव का है. उन्होंने ट्विटर और फ़ेसबुक, दोनों पर वीडियो शेयर किया.
भारत के किसी गाँव में कुछ बच्चो ने मिलकर अपना एक बैंड तैयार किया है।इस बैंड के पास कोई आधुनिक साज़ो सामान नहीं है।और इन्होंने धुन भी क्या चुनी है! मिलिट्री बैंड की।क्योंकि ये जानते हैं कि “असली पावर दिल में होती है!!” इन बच्चों की जय हो।किधर हैं ये बच्चे? 😍😎🇮🇳 @Bengaluruhudugi pic.twitter.com/e6TjweFRwJ
— Anupam Kher (@AnupamPKher) August 18, 2021
वीडियो भारत में काफी वायरल है.
What do you say to this Spirit in poor Villages. Playing the Army Band? Just too good…. Kindly share, let everyone know. Patriotism is not asset of those hearts in high positions..it’s born in heart. pic.twitter.com/sjSYw7Fxno
— Rachana🇮🇳PurohitasyaPutri/ಪುರೋಹಿತರಮಗಳು (@Bengaluruhudugi) August 17, 2021
NDTV ने भी वायरल वीडियो पर एक आर्टिकल लिखा.
फ़ैक्ट चेक
1 वीडियो कहां का है?
2 बच्चे कौन सा गाना बजा रहे हैं?
हमें पाकिस्तान के कई लोगों के कमेंट्स (पहला कमेंट, दूसरा कमेंट) मिले जिसमें लिखा था कि वीडियो पाकिस्तान के गिलगित-बाल्टिस्तान के हुंजा का है. उन्होंने ये भी लिखा कि बच्चों को ‘चिलिमची बैंड’ के नाम से जाना जाता था.
हमें जो सबसे पुराना वीडियो मिला उसकी तारीख 16 मई 2014 है. हुंजा के एक फ़ेसबुक यूज़र ने ये वीडियो शेयर किया था.
chrildren band of hunza hyderabad …..
recently they were win band competition in gilgit .cptan of ARMY appreciate them for their performance. Just they need of your appreciation so we must appreciate them………….!
Posted by Salman Khan Gulv on Friday, 16 May 2014
2015 में हुंजा फ़ोक नाम के एक पेज ने भी ये वीडियो शेयर किया था. ऑल्ट न्यूज़ से बातचीत में पेज ने बताया कि वीडियो हैदराबाद के हुंजा गांव में लिया गया था. पेज ने ऑल्ट न्यूज़ के साथ बैंड की एक तस्वीर भी शेयर की.
हमें ये तस्वीर एक ‘जोश बैंड’ नाम के फ़ेसबुक पेज के डिस्प्ले पिक्चर में मिली. साथ ही, पेज के अबाउट सेक्शन में ‘चिलिमची बैंड’ लिखा हुआ है.
पेज ने पाकिस्तान के गायक-गीतकार शहज़ाद रॉय को ये वीडियो शेयर करने के लिए धन्यवाद दिया है.
ऑल्ट न्यूज़ को इस बैंड का एक इंटरव्यू मिला जिसे 2013 में चैनल 5 के लिए गिलगित के एक पत्रकार ने लिया था. बच्चों ने बताया कि उन्होंने एक लोकल बैंड से सीखा है.
CHILDREN LEARN MUSIC PACKAGE BY PERVEZ MIR CHANAL FIVE GILGIT
Posted by Pervez Mir on Saturday, 18 May 2013
हुंजा फ़ोक ने ऑल्ट न्यूज़ को बैंड के संस्थापक काशिफ़ नवाज़ से कनेक्ट किया. उन्होंने हमें बताया, “कहानी 2013 में शुरू हुई जब मैं सिर्फ 14 साल का था. मैं हुंजा के एक छोटे से गांव मुहल्ला खुरुकुशाल हैदराबाद से ताल्लुक रखता हूं. मुझे संगीत का बहुत शौक है और मैं बचपन से ही इंस्ट्रूमेंट्स बजाता था. मैं घर पर बांसुरी बजाता था. फिर एक दिन मैंने सोचा कि क्यों न मैं एक बैंड बना लूं?”
“हमने अपने इंस्ट्रूमेंट्स (ड्रम) को घी के डिब्बे से बनाना/डिज़ाइन करना शुरू किया और अपनी पॉकेट मनी से बांसुरी खरीदी. हम बजाने के लिए फैंसी और असली इंस्ट्रूमेंट्स नहीं खरीद सकते थे. मैंने अपने से छोटे लोगों को ट्रेनिंग देना शुरू किया क्योंकि मैं टीम में सबसे सीनियर था. जब हमने शुरुआत की तो हम सिर्फ़ चार लोग थे, फिर संगीत पसंद करने वाले हमारे बैंड में शामिल होने लगे.”
काशिफ़ नवाज़ ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया कि स्थानीय लोगों ने उन्हें चिलिमची बैंड नाम दिया क्योंकि वे संगीत बनाने के लिए टीन के डिब्बे का इस्तेमाल करते थे. ‘चिलिमची’ शब्द का मतलब मोटे तौर पर ‘बर्तन’ होता है. बाद में उन्होंने लोकप्रियता हासिल करने के बाद नाम बदलकर जोश बैंड कर लिया. वायरल वीडियो में बीच में दिख रहे लड़के का नाम इबरार करीम है. वो बैंड का सबसे कम उम्र का सदस्य है. नवाज़ ने कहा कि करीम ने कम उम्र में ही अपने टैलेंट की वजह से बैंड की तरफ़ काफ़ी ध्यान खींचा. बैंड के फ़ेसबुक पेज की कवर तस्वीर पर करीम की एक फ़ोटो है. करीम 6 साल का था जब वो बैंड में शामिल हुआ. बैंड अभी भी शादी और दूसरे कार्यक्रमों में परफ़ॉर्म करता है.
यहां ‘आओ बच्चों सैर करायें तुमको पाकिस्तान की’ गाने की धुन बज रही है
नवाज़ ने कहा कि बैंड ‘आओ बच्चों सैर करायें तुमको पाकिस्तान की‘ गाना बजा रहा था. ये गाना 1954 की फिल्म ‘जागृति’ के मूल गीत ‘आओ बच्चों तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की‘ का पाकिस्तानी संस्करण है. 1956 में रिलीज़ हुई पाकिस्तानी फिल्म ‘बेदारी’ में इसी धुन पर गाना था लेकिन इसके बोल बदले हुए थे. ‘जागृति’ की रिलीज़ के तुरंत बाद अभिनेता रतन कुमार पाकिस्तान चले गए. वहां उन्होंने ‘बेदारी’ में भी मुख्य भूमिका निभाई.
दरअसल, फ़िल्म ‘बेदारी’ ‘जागृति’ की पूरी कॉपी थी. उर्दू शब्द ‘बेदारी’ का मतलब है जागना और हिंदी शब्द ‘जागृति’ का भी यही मतलब है. सेंसर बोर्ड को फ़िल्म की साहित्यिक चोरी का पता चला और ये फ़िल्म पाकिस्तान में प्रतिबंधित कर दी गयी.
इस तरह, पाकिस्तान के हुंजा में बच्चों के बनाए बैंड का एक पुराना वीडियो इस गलत दावे के साथ वायरल हो रहा है कि वीडियो भारत का है.
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