पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के कई सदस्य और समर्थक पांगोंग त्सो झील का एक वीडियो शेयर कर रहे हैं. जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के नेता सलमान निज़ामी ने दावा किया कि वीडियो में झील के पास चीनी पर्यटक दिख रहें हैं. उन्होंने इस झील का पूरा नियंत्रण अब चीन के हाथों में होने की तरफ़ इशारा करते हुए सवाल किया, “क्या कोई ’56 इंच वाले चौकीदार’ से पूछेगा कि अब क्या भारतीयों को पांगोंग झील घूमने के लिए वीज़ा की जरुरत पड़ेगी?” इस क्लिप को 3.7 लाख से ज़्यादा बार देखा गया.
Chinese tourists in Ladakh’s Pangong Lake. Can someone ask ’56 inch’ Chowkidar if Indians now need a visa to visit Pangong Lake? pic.twitter.com/6LKiMu12PP
— Salman Nizami (@SalmanNizami_) September 8, 2020
भारत-चीन सीमा विवाद पिछले कई महीनों से चला आ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप गलवान घाटी में जून में 20 भारतीय जवान शहीद हो गये थे. चीन ने हताहतों की संख्या साफ़ नहीं की थी, लेकिन दोनों ही देशों ने सीमा पर होने वाली गोलीबारी और आम सहमति का उल्लंघन करने के लिए एक-दूसरे को ज़िम्मेदार ठहराया है.
कांग्रेस सदस्य जॉर्ज कुरियन ने भी दावा किया कि भाजपा सरकार पांगोंग त्सो में चीनी सैनिकों की घुसपैठ से इनकार कर रही है वहीं चीन ने झील घूमने आ रहे पर्यटकों से कमाई शुरू कर दी है.
BJP Government in denial mode about any incursions by Chinese army at Pangong Tso and China has started generating revenue from Pangong Tso #WakeUpBJP #PangongTso pic.twitter.com/cjXaW0g76P
— जॉर्ज कुरियन (@GeorgekurianINC) September 8, 2020
कांग्रेस के राष्ट्रीय संयोजक सरल पटेल ने वीडियो पर अपना गुस्सा ज़ाहिर किया.
Chinese tourists at Panging Tso. 😡 pic.twitter.com/ettfLQMyWQ
— 𝐒𝐚𝐫𝐚𝐥 𝐏𝐚𝐭𝐞𝐥 (@SaralPatel) September 8, 2020
कांग्रेस के डिजिटल कम्युनिकेशंस के राष्ट्रीय कोऑर्डिनेटर गौरव पांधी और ट्विटर हैंडल Rofl Republic (@i_theindian) ने भी कुछ यही दावा किया.
फ़ैक्ट चेक
इस वीडियो में चीनी पर्यटक पांगोंग त्सो के भारतीय क्षेत्र में नहीं हैं. द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार ये झील 135 किलोमीटर लम्बी है जिसमें से पश्चिमी भाग का करीब 45 किलोमीटर भारतीय नियंत्रण में है और बाकी चीनी नियंत्रण में. शेयर किया जा रहा वीडियो झील के चीन अधिकृत भाग में शूट किया गया है.
लोकेशन वेरिफ़िकेशन
पांगोंग त्सो को ‘बैंगोंग को’ या चीनी में ‘班公错’ के नाम से भी जाना जाता है. ऑल्ट न्यूज़ ने Baidu (गूगल की तरह चीन में बना एक सर्च इंजन) पर चीनी भाषा में झील की तस्वीरों के लिए कीवर्ड सर्च किया.
हमेंं कई चीनी वेबसाइट्स पर इस झील की तस्वीरें मिलीं जिनमें से एक नीचे दिखायी गयी है. ये तस्वीर एक ट्रैवेल ब्लॉग से मिली है जिसपर इस क्षेत्र की अन्य तस्वीरें भी मौजूद हैं. ट्रैवलर ने अपनी यात्रा के दौरान झील की कई तस्वीरें शेयर की हुई हैं. जिस तस्वीर का इस्तेमाल हमने इस फ़ैक्ट चेक के लिए किया है उसका डिस्क्रिप्शन है, “पांगोंग झील के सबसे पूर्वी छोर पर पहुंच गया (रूट 219 के साथ)” (ओरिजिनल टेक्स्ट : “Arrived at the easternmost side of Pangong lake (along Route 219).”)
Route 219 चीन का नेशनल हाईवे है जिसे G219 भी कहते हैं. इसका फैलाव चीन के पश्चिमी सीमा से लेकर तिब्बत स्वयात्त क्षेत्र (Tibert Autonomous region) तक है. गूगल अर्थ से लिए गये स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है कि G219, ‘बैंगोंग को’ से जुड़ता है.
ऑल्ट न्यूज़ वायरल वीडियो में 23 सेकंड पर दिख रही पर्वत श्रृंखला और इस ट्रैवल ब्लॉग की तस्वीर में दिख रही पर्वत श्रृंखला की तुलना कर रहा है. इस तुलना में आप पाएंगे कि दोनों श्रृंखला एक ही हैं. हम आपका ध्यान नीचे दिए 5 विशेष बिन्दुओं की ओर लाना चाहते हैं:
- नीले से चिन्हित : कम ऊंचाई का पर्वत जो अपने पीछे वाले शिखर से गहरे रंग का है.
- लाल से चिन्हित : निचले गहरे रंग वाले पर्वत के ठीक पीछे सबसे बायीं ओर दिख रहा शिखर.
- हरे से चिन्हित : दोनों शिखर के बीच, नीचे कम ऊंचाई का पर्वत.
- पीले से चिन्हित : सबसे बायीं ओर शिखर
- गुलाबी से चिन्हित : कम ऊंचाई का पर्वत जो पीछे वाले शिखर से ज्यादा गहरे रंग का है.
(पाठकों को ज़्यादा अच्छी तरह समझ आने के लिए लैपटॉप या PC में देखने की सलाह दी जाती है. नीचे दिए गये चिह्न बड़ी स्क्रीन पर ज़्यादा साफ़ दिखाई देंगे.)
इस लोकेशन को आगे सबसे बायीं तरफ के शिखर में उभार की तुलना करके भी वेरीफ़ाई किया गया है.
इसके अलावा, गूगल अर्थ पर भी इस पर्वत श्रृंखला की तस्वीरें मौजूद हैं. ऊपर जैसा बताया गया है, इन सभी शिखर पर एक जैसे उभार हैं और इन्हें चीनी क्षेत्र की तरफ़ चिन्हित किया गया है.
नीचे इस श्रृंखला की गूगल अर्थ रीप्रेज़ेंटेशन दी गयी है. यह भी बता दिया जाए कि गूगल अर्थ की तस्वीरें रियल टाइम नहीं बल्कि सेटलाइट इमेजरी के आधार पर धरती की 3D रूप को दर्शाती हैं. गूगल, तस्वीरों और मानचित्रों को डिजिटल फॉर्म में इकठ्ठा करता रहता है.
यानी, कांग्रेस सदस्यों ने चीनी क्षेत्र में पांगोंग त्सो झील में पर्यटकों का वीडियो इस ग़लत दावे के साथ शेयर किया जिसके मुताबिक़ चीन ने भारत के साथ तनाव के बीच पूरे क्षेत्र पर ही कब्ज़ा कर लिया है. ये भी ध्यान देने वाली बात है कि ट्विटर हैंडल Rofl Republic (@i_theindian) ने दावा किया कि चीन के पर्यटकों को 72 सालों में पहली बार पांगोंग त्सो में छुट्टियां मनाते हुए देखा गया. ये दावा भी बिल्कुल ग़लत है. गूगल अर्थ पर झील के चीनी क्षेत्र में पर्यटकों की तस्वीरें भी देखीं जा सकती है जो 2006 की हैं. टाइम्स नाउ ने इससे पहले झील के भारतीय हिस्से को चीन अधिकृत क्षेत्र में चीनी पर्यटकों के नाम पर दिखाया था.
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