17 फ़रवरी को कई ट्विटर और फ़ेसबुक यूज़र्स ने दावा किया कि बेंगलुरु से आने वाली ऐक्टिविस्ट दिशा रवि ने अपनी ईसाई पहचान छिपायी है और उनका असली नाम दिशा रवि ‘जोसेफ़’ है. दिशा को दिल्ली पुलिस ने 14 फ़रवरी को गिरफ़्तार किया था. उनपर गूगल डॉक्युमेंट्स पर किसान प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट एडिट करने का आरोप है. ये टूलकिट स्वीडेन की ऐक्टिविस्ट ग्रेट थुन्बेरी ने शेयर की थी.

@SaffronSunanda नाम के ट्विटर हैंडल से ये ट्वीट किया गया – “उसका पूरा नाम दिशा रवि जोसेफ़ है. बस, यही ट्वीट है.” इस ट्वीट को 4 हज़ार से भी ज़्यादा रीट्वीट्स मिले और आर्टिकल लिखे जाने तक 13 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स मिले हैं.

द पायनियर के सम्पादक प्रमोद कुमार सिंह और एशियानेट न्यूज़ के सीईओ अभिनव खरे ने भी ये वायरल हो रहा दावा ट्वीट किया.

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भाजपा सदस्य गीता कोटपल्ली और प्रज्वल बस्ता ने भी ऐसा ही किया.

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इंडियन फ़िल्म्स ऐंड टेलीविज़न डायरेक्टर्स असोसिएशन के अध्यक्ष अशोक पंडित और सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल उमराव ने भी यही दावे किये. प्रशांत पटेल ने ये लिखा कि दिशा रवि जोसेफ़ केरला से सीरियन क्रिश्चियन हैं और इसके सदस्य हमेशा भारत को तोड़ने की मंशा रखने वाले आन्दोलनों में आगे रहते हैं.

प्रशांत पटेल ने हालांकि अपना ये ट्वीट डिलीट कर दिया था लेकिन उन्होंने जो भी लिखा था, वो कई ट्विटर और फ़ेसबुक यूज़र्स ने कॉपी-पेस्ट किया. ऑल्ट न्यूज़ ने प्रशांत पटेल और अशोक पंडित द्वारा फैलाई गयी मिस-इन्फ़ॉर्मेशन को कई बार आपके सामने रखा है. पाठक इस बात को भी याद रखें कि प्रशांत पटेल ने हाल ही में ये भी कहा था कि निकिता जैकब, जो ग्रेटा थुन्बेरी टूलकिट मामले में सह-आरोपी हैं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल से मिली थीं. ये दावा भी पूरी तरह से ग़लत था.

तमिलनाडु की दक्षिणपंथी पोलिटिकल पार्टी इंदु मक्कल काट्ची के ट्विटर हैंडल ने भी ये दावा किया कि दिशा क्रिश्चियन हैं. इस ट्वीट को 500 से ऊपर रीट्वीट्स मिले. इसी तरह, फ़ेसबुक पेज ‘NoConversion‘ ने भी ऐसे ही दावे किये. इस पेज के 3 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोवर्स हैं.

ट्विटर हैंडल @SouleFacts, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी फ़ॉलो करते हैं, ने लिखा, “फ़र्ज़ी ऐक्टिविस्ट… राइस बैग दिशा रवि जोसेफ़. कुछ याद आया? ये लोग हमेशा ब्रेक इंडिया गैंग का हिस्सा होते हैं.” इसी तरह, ऐसे कई ट्विटर यूज़र्स, जिन्हें नरेंद्र मोदी फ़ॉलो करते हैं, ने ये दावा किया कि दिशा रवि क्रिश्चियन कम्युनिटी से आती है.

ग़लत दावे

हमने ऐसे कई लोगों से बात की जो निजी जीवन में दिशा को जानते थे. उन्होंने इस बात से साफ़ इनकार कर दिया कि वो क्रिश्चियन है. ये दावा असल में तब वायरल होना शुरू हुआ जब लोगों को ये मालूम चला कि दिशा माउंट कार्मेल कॉलेज, बेंगलुरु की पढ़ी हुई है.

इस ग़लत दावे की सच्चाई इससे पहले द न्यूज़ मिनट ने भी बताई थी. उन्होंने बताया था कि उसका पूरा नाम दिशा अन्नप्पा रवि है. दिशा के परिवार के नज़दीकी और वकील प्रसन्ना आर ने द न्यूज़ मिनट को बताया, “उसकी मां का नाम मंजुला नानजाइया है और पिता का नाम रवि है. ये लोग कर्नाटका के टुमकुर ज़िले के तिप्तुर से हैं. दिशा किस धर्म से जुड़ी है, यहां ये मायने ही नहीं रखता है. वो क्रिश्चियन है या हिन्दू, इस बात का यहां क्या औचित्य है? वो प्रकृति से प्रेम करती है और उसके दोस्त हर जगह हैं. उसने किसी धर्म को फ़ॉलो नहीं किया लेकिन उसकी परवरिश लिंगायत परिवार में हुई है. ये बेहद अफ़सोसजनक है कि हमें ऐसी अफ़वाहों की सच्चाई बतानी पड़ रही जहां उसकी कथित धार्मिक पहचान को नफ़रत फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.”

सहाना दास, माउंट कार्मेल कॉलेज की प्रोफ़ेसर ने ऑल्ट न्यूज़ को बताया, “हमारे पास कुछ 10 हज़ार स्टूडेंट्स का डेटाबेस है. एक तरफ़ तो ये लगभग असंभव है कि हम ऐसे डॉक्युमेंट्स निकाल के लायें जिससे दिशा के धर्म की पुष्टि की जा सके. दूसरा, ये कॉलेज ऐसी बातों को कोई तवज्जो नहीं देना चाहता है जिनकी वजह से किसी शख्स की उपलब्धियों को नज़रअंदाज़ करते हुए सिर्फ़ इनकी धार्मिक पहचान ही सर्वोपरि रखी जाए.”

बीजेपी सदस्य कोटपल्ली ने सच्चाई बताये जाने के बावजूद लिखा, “लोल उसके पिता रवि का पूरा नाम क्या है? वो रवि जोसेफ़ है. आपने बड़ी सफ़ाई से उसकी मां और उसका पूरा नाम बता दिया लेकिन पिता का नहीं…”

द न्यूज़ मिनट के रिपोर्टर प्रज्वल भट ने ट्वीट करते हुए बताया कि दिशा के पिता का पूरा नाम रवि अन्नप्पा है.

पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह ने बाद में एक ट्वीट करते हुए सही तथ्य बताये और अपना ग़लत जानकारी वाला ट्वीट डिलीट नहीं किया.

अंत में, कई बड़े राइट-विंग सोशल मीडिया अकाउंट्स ने ये ग़लत दावा किया कि दिशा रवि ईसाई नहीं. हालांकि हमने इन ग़लत दावों की सच्चाई आपको बता दी है लेकिन यहां ये भी बताया जाना बेहद ज़रूरी है कि उसके केस और उसकी धार्मिक पहचान में कोई भी कनेक्शन नहीं हो सकता है. ये अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने का एक और प्रयास है. दिशा की गिरफ़्तारी के बाद से ऑल्ट न्यूज़ ने कई ऐसे दावों की सच्चाई आपके सामने रखी है जहां दिशा रवि को टार्गेट किया जा रहा था.


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