“असली नाम – मोहम्मद निसार भगवा टी-शर्ट, माथे पर तिलक। अब आप कई चीज़ें समझ सकते हैं। आप इसे कोलकाता में अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा करने वाले तथाकथित “भगवा गुंडे” से भी जोड़ सकते हैं, वे सभी टीएमसी के गुंडे थे”। – (अनुवाद) इस संदेश को, एक ट्विटर यूज़र रवि सिंह ने एक वीडियो के साथ शेयर किया। वीडियो में भगवा रंग के कपड़े पहने एक व्यक्ति से पुलिस पूछताछ कर रही है। वीडियो में RAF (रैपिड एक्शन फोर्स) के एक अधिकारी ने उस व्यक्ति की ओर इशारा करते हुए कहा कि, “वह पथराव कर रहा था”। जब दूसरों ने पूछा कि उसका नाम क्या है, तो उस व्यक्ति ने जवाब दिया, “मोहम्मद निसार”। -(अनुवाद)

फ़र्ज़ी समाचार वेबसाइट, दैनिक भारत, के संपादक रवि सिंह ने लिखा, “आप इसे कोलकाता में अमित शाह के रोड शो के दौरान हिंसा करने वाले तथाकथित “भगवा गुंडों” से भी जोड़ सकते हैं।”

उनके इस वीडियो को डॉ शोभा, मारिया विर्थ, अनिल कोहली समेत कई यूज़र्स द्वारा रिट्वीट किया गया। इनमें से अनेक, प्रधानमंत्री समेत, भाजपा नेताओं द्वारा फॉलो किए जाते हैं।

कई लोगों ने प्रचार किया कि इस आदमी को अमित शाह की कोलकाता रैली में पथराव करते हुए पकड़ा गया था और यह हिंसा टीएमसी द्वारा की गई थी।

यह वीडियो फेसबुक पर भी वायरल है।

झारखंड का वीडियो

इस वीडियो में कई संकेत हैं जो बताते हैं कि यह कोलकाता के विद्यासागर कॉलेज हिंसा के बाद का नहीं है। सबसे पहले, उस आदमी की बोली पश्चिम बंगाल की भाषा से अलग है। उन लोगों की बोली भारत के हिंदी भाषी पूर्वी राज्यों – बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश या छत्तीसगढ़ के लोगों के समान है। दूसरे, वह स्थान जहां उस आदमी को पकड़ा गया, वह कोलकाता की सड़कों से मिलता-जुलता नहीं है, जहां शाह के रोड शो के दौरान हिंसा हुई थी।

ऑल्ट न्यूज़ को एक यूज़र मिला, जिसने कमेंट किया था कि यह वीडियो झारखंड का है। उनका कहना था, “नहीं, यह वीडियो जुगसलाई #जमशेदपुर #झारखंड के एक बूथ पर 12 मई को मतदान के दिन हुई पथराव की घटना का है। उसका नाम मो इरशाद है, जिसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।” – (अनुवाद )

जब हमने उक्त घटना पर मीडिया रिपोर्टों की तलाश की, तो न्यूज़18 झारखंड के प्रसारण का एक वीडियो हमारे सामने आया, जिसमें 2:19वें मिनट पर पुलिस द्वारा पकड़ा गया उसी व्यक्ति को देखा जा सकता है।

12 मई को मतदान केंद्र के बाहर भाजपा और झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुईं थी, जिसके बाद पुलिस बल को तैनात किया गया था। उन्होंने हिंसा को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया और लाठीचार्ज भी किया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने पथराव करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया था।

इस प्रकार, वायरल वीडियो, विद्यासागर कॉलेज की हिंसा से संबंधित नहीं हैं। पश्चिम बंगाल में हुई झड़पों से संबंधित कई दावे किए गए जिनकी ऑल्ट न्यूज़ ने तथ्य-जांच की। उन्हें आप यहां पर पढ़ सकते हैं।

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.