अक्टूबर 2019 में, मुख्यधारा मीडिया संगठनों द्वारा फैलाई गयी भ्रामक सूचनाओं के कई उदाहरण देखे गए। मुख्य घटनाओं को जानबूझकर या अन्यथा गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। इस महीने में भी सोशल मीडिया में भ्रामक सूचनाओं को फैलाने के लिए फोटोशॉप की हुई तस्वीरों से लेकर वीडियो को गलत संदर्भ में रखने के सामान्य प्रयास देखे गए।

मुख्यधारा मीडिया की भ्रामक सूचनाएं

1. यूपी सरकार द्वारा 1.33 करोड़ के स्वीकृत अनुमानित खर्च को 133 करोड़ बताने की गलत खबर

26 अक्टूबर को, अयोध्या में ‘दीपोत्सव’ के तहत 5.51 लाख ‘दीये’ जलाए गए। इस कार्यक्रम को आधिकारिक समारोह घोषित किया गया था जिसका खर्च उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया गया। मीडिया संगठनों ने बताया कि राज्य सरकार ने इस आयोजन के लिए 133 करोड़ रुपये मंजूर किए। कई अन्य समेत NDTV, Newsclick, National Herald, The Times of India, लाइव हिन्दुस्तान, The Indian Express, ABP News, Mumbai Mirror, The Wire, The Hindu, The Quint, जनसत्ता, आउटलुक और Daily Pioneer, मुख्यधारा के लगभग हर समाचार संगठन ने ऐसी ही खबरें छापीं। इनमें से कुछ मीडिया संगठन जैसे NDTV, आउटलुक ने IANS फ़ीड प्रकाशित किए।

2019 में ‘दीपोत्सव’ की अनुमानित खर्च 132.70 लाख रुपये या लगभग 1.33 करोड़ रुपये है, न कि 133 करोड़ रुपये, जैसा कि कई मीडिया संगठनों ने रिपोर्ट किया था। NDTV के पत्रकार आलोक पांडे ने सबसे पहले इस बात की ओर ध्यान दिलाया। बजट आवंटन की प्रेस विज्ञप्ति यूपी सरकार की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसे, अधिकांश मीडिया खबरों में गलत आंकड़े प्रकाशित होने के एक दिन पहले यानि 22 अक्टूबर को ही जारी किया गया था। प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है, “वर्ष 2019 में आयोजन पर लगभग 132.70 लाख रुपये के व्यय का अनुमान है। इस मेले के आयोजन पर होने वाले व्ययभार का वहन शासन द्वारा धनराशि की उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा।”

2. बालाकोट हवाई हमले पर प्रचार का वीडियो ‘वास्तविक’ फुटेज के रूप में प्रसारित

4 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना (IAF) ने बालाकोट हवाई हमले, जो इस साल फरवरी में हुए पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद किया गया था, पर प्रचार का एक वीडियो जारी किया। इसके बाद, कई मीडिया संगठनों ने उस प्रातिनिधिक वीडियो को भारतीय वायुसेना के हवाई हमले के “वास्तविक” फुटेज या “सबूत” के रूप में बताया।

उदाहरण के लिए रिपब्लिक टीवी ने इस फुटेज को “IAF के बालाकोट सबूत” के रूप में चलाया। ज़ी न्यूज़ ने भी गलत जानकारी दी। इनके ट्वीट और लेख के शीर्षक ने इस वीडियो को बालाकोट हवाई हमले का “पहला फुटेज जो सबूत देता है” कहा। इस लेख को बाद में चैनल द्वारा अपडेट किया गया। इसके अलावा, फ़र्स्टपोस्ट और बिजनेस स्टैंडर्ड जैसे मीडिया संगठनों द्वारा प्रकाशित PTI की एक खबर में दावा किया गया, “प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले, IAF ने बालाकोट हमलों की वीडियो क्लिप भी दिखाई।” पूरे लेख में कहीं भी “प्रचार” शब्द नहीं आया।

ANI ने IAF द्वारा जारी किए गए फुटेज को अपलोड करते हुए लिखा था कि यह एक प्रचार क्लिप है जो बालाकोट हवाई हमले को प्रदर्शित करता है। WION के रक्षा संवाददाता ने भी ट्वीट किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वायु सेनाध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि “वीडियो में बालाकोट के हमलों का कोई दृश्य नहीं” था। ऑल्ट न्यूज़ की पूरी तथ्य-जांच यहाँ पढ़ी जा सकती है।

3. अमेरिकी एंकर ने पाक पीएम को कहा ‘वोटर’ मीडिया ने बताया ‘वेल्डर’

अमेरिकी टेलीविजन नेटवर्क MSNBC के साथ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साक्षात्कार का एक वीडियो बड़े पैमाने पर इस दावे के साथ प्रसारित किया गया कि एंकर ने पाकिस्तानी पीएम से कहा कि वह “ब्रोंक्स के वेल्डर” की तरह लगते हैं। पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने 3 अक्टूबर को 36-सेकंड की क्लिप साझा की। इसके बाद, रिपब्लिक टीवी ने सहवाग के ट्वीट पर यह लिखते हुए — “पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान एक अमेरिकी टेलीविजन शो पर खुद अपमानित हुए, जब उन्हें एक एंकर ने ‘ब्रांक्स का वेल्डर’ कहा” — लेख प्रकाशित किया (अर्काइव)।

मीडिया संगठनों ANI, Moneycontrol, NDTV और Hindustan Times ने भी सहवाग के ट्वीट के आधार पर ऐसी ही खबरें कीं। NDTV की लेख ANI की सिंडिकेट फ़ीड थी। ANI ने लिखा, “…ताजा गलतफहमी में, अमेरिकी एंकरों ने उन्हें [इमरान खान को] लाइव टेलीविजन पर अपमानित किया है।”

अगर कोई एंकर के बयान को ध्यान से सुने, तो वह ‘वेल्डर’ नहीं बल्कि ‘वोटर’ (मतदाता) कहते हैं। खान ने न्यूयॉर्क की “ऊबड़-खाबड़” सड़कों की आलोचना करते हुए चीन में बुनियादी ढांचे की प्रशंसा की। एंकर ने पीएम के बयान पर हंसते हुए जवाब दिया, ”आप पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की तरह नहीं लगते। आप ब्रोंक्स के एक मतदाता की तरह लग रहे हैं, जो बुनियादी ढांचों और लागुआर्डिया व अन्य बुनियादी ढांचे को ठीक करने के बजाय अफगानिस्तान में युद्धों पर खर्च हो रहे धन के बारे में शिकायत करेंगे।” – (अनुवाद) एंकर का यह बयान नीचे दिए गए इस प्रसारण के 13:17वें मिनट से सुना जा सकता है।

4. ट्विटर पर #GoBackModi ट्रेंड के पीछे “पाकिस्तानी साजिश” का झूठा दावा

11 अक्टूबर को लगभग 3:30 बजे प्रसारित एक ‘एक्सक्लूसिव’ रिपोर्ट में टाइम्स नाउ ने दावा किया कि चेन्नई में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रधानमंत्री की बैठक से पहले हैशटैग #GoBackModi ट्रेंड करने के पीछे पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स थे।

टाइम्स नाउ के एंकर ने दावा किया- “ट्विटर पर #GoBackModi ट्रेंड कर रहा है। महाबलीपुरम में प्रधानमंत्री मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के कुछ घंटे पहले ही अब यह खुलासा हो गया है कि ट्विटर पर इस ट्रेंड के पीछे पाकिस्तान की साजिश है”, जबकि टेलीविजन स्क्रीन पर “#GoBackModi ट्रेंड के पीछे पाक का हाथ” और “भारत-चीन मेलजोल से भयभीत” फ्लैश हो रहा था। एंकर ने दावा किया कि इस हैशटैग को ट्वीट करने वाले अधिकांश उपयोगकर्ता पाकिस्तान के थे। CNN News18 ने भी वैसी ही रिपोर्ट प्रसारित की।

ऑल्ट न्यूज़ ने यह दावा झूठा पाया। #GoBackModi या प्रधानमंत्री की उनके चीनी समकक्ष के साथ बैठक से संबंधित कोई दूसरा हैशटैग 11 अक्टूबर को अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे के बीच पाकिस्तान में ट्रेंड नहीं हुआ। पाकिस्तान में भारत से संबंधित एकमात्र हैशटैग #KashmirChained ट्रेंड कर रहा था। यह बात वेबसाइट trends24.in पर दुनिया भर के ट्विटर ट्रेंडों की खोज से सामने आई। वास्तव में, #GoBackModi 11 अक्टूबर को उक्त समय अवधि में भारतीय सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के लिए शीर्ष रुझानों में से एक था। ऑल्ट न्यूज़ की विस्तृत तथ्य-जाँच यहाँ पढ़ी जा सकती है।

5. ANI, PTI ने 14 साल की लड़की द्वारा 370 पर किताब लिखने का गलत दावा किया

9 अक्टूबर को, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक किताब, ‘इन द टाइम्स ऑफ आर्टिकल 370’ का विमोचन किया। इस अवसर पर सिंह ने ट्वीट किया, “एक समारोह में, 14 साल की दिल्ली की स्कूली छात्रा अयाना कोहली द्वारा #Article370 पर लिखित किताब का विमोचन किया” (अनुवाद)। इस पुस्तक विमोचन को मीडिया द्वारा कवर किया गया था। ANI ने बताया कि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने 14-वर्षीया लड़की, अयाना कोहली द्वारा अनुच्छेद 370 पर लिखित एक किताब जारी की। ANI ने पुस्तक का कथित रूप से सार प्रस्तुत करते हुए लिखा, “इस नतीजे पर पहुंचा जा सकता है कि कश्मीर में स्थायी शांति लाने के लिए अनुच्छेद 370 को रद्द करना आवश्यक था।” PTI ने भी बताया कि 14-वर्षीया अयाना ने अनुच्छेद 370 पर किताब लिखी।

यह पुस्तक अनुच्छेद 370 के बारे में नहीं है। हालांकि इस पुस्तक का नाम ‘इन द टाइम्स ऑफ आर्टिकल 370‘ है, लेकिन इसमें जम्मू-कश्मीर राज्य के विशेष दर्जे को हटाने के बारे में बात नहीं की गई है। यह किताब एक काल्पनिक साहित्य है — इस कहानी के नायक राम हैं, जो एक सैनिक हैं।

6. चुनावी हार के बाद भाजपा की पंकजा मुंडे के रोने का गलत दावा

समाचार एजेंसी IANS ने महाराष्ट्र की परली विधानसभा सीट की भाजपा उम्मीदवार पंकजा मुंडे जो हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में हार गई थीं, उनकी एक तस्वीर ट्वीट की। न्यूज़ एजेंसी के इस ट्वीट में लिखा है, “#भाजपा की दबंग और #महाराष्ट्र की मंत्री #पंकजा मुंडे अपने चचेरे भाई, #विधान परिषद में #विपक्ष के नेता #धनंजयमुंडे से #पारली (बीड) सीट पर मिली करारी हार के बाद बेहिसाब रोईं। फोटो: IANS”। यह ट्वीट अब डिलीट कर दिया गया है, लेकिन इसका आर्काइव्ड संस्करण यहां देखा जा सकता है। NDTV ने भी वह तस्वीर ट्वीट की और बाद में उसे हटा दिया।

यह तस्वीर TV9 मराठी के 20 अक्टूबर, 2019 के एक प्रसारण से लिया गया था। चैनल द्वारा पोस्ट किए गए इस यूट्यूब वीडियो का शीर्षक है-“वोट देने से पहले पंकजा मुंडे से विशेष साक्षात्कार” (अनुवादित)। यूट्यब वीडियो का थंबनेल IANS द्वारा पोस्ट की गई तस्वीर से मेल खाता है।

7. News18 ने पुराने वीडियो को मेरठ में “लाइव मर्डर” बताया

22 अक्टूबर को News18 उत्तर प्रदेश ने सोशल मीडिया में कथित रूप से वायरल एक वीडियो के बारे में ट्वीट किया। चैनल ने कहा कि क्लिप में कोई भी मृतकों के शरीर को छेदती बंदूक की गोलियों की तड़तड़ाहट सुन सकता है और एसएसपी मेरठ अजय साहनी ने कहा है कि वीडियो की जांच की जाएगी – “मेरठ- लाइव मर्डर का वीडियो वायरल ताबड़तोड़ गोलियों की गूंज से मेरठ में मची है सनसनी .. .. !मृतक को एक के बाद एक गोलियों से छलनी किया गया .. .. !सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ है वीडियो .. .. !एसएसपी अजय साहनी ने वीडियो की जांच कराने की बात कही है.”

ऑल्ट न्यूज़ ने Invid की मदद से वीडियो को कई फ्रेमों में तोड़ा और पाया कि यह वीडियो कम से कम नवंबर 2015 से इंटरनेट पर मौजूद है। फ्रेंच टेलीविज़न स्टेशन France 24 ने मार्च 2017 में इस वीडियो को तब खारिज किया था जब यह इस दावे के साथ वायरल हुआ था कि यह दक्षिण अफ्रीका में ज़ेनोफोबिक हमलों को दर्शाता था।

8. NDTV की गलत खबर: “असम के मुख्यमंत्री के छह बच्चे हैं”

हाल ही में, असम सरकार ने घोषणा की कि 1 जनवरी 2021 से, दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति सरकारी नौकरी के पात्र नहीं होंगे। इस बयान पर खबर करते हुए, NDTV के एक एंकर ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के खुद छह बच्चे हैं। इस खबर के घटनाक्रम के बारे में बोलते हुए एंकर ने कहा, “यह नीति 1 जनवरी, 2021 से लागू होगी। इसमें दिलचस्प बात यह है कि खुद मुख्यमंत्री के छह बच्चे हैं, लेकिन उन्होंने आखिरकार इस दो-बच्चा नीति को लागू करने का फैसला किया है।”- (अनुवाद)

NDTV की रिपोर्ट, जिसमें यह कहा गया कि असम के मुख्यमंत्री के छह बच्चे हैं, तथ्यात्मक रूप से गलत थी। 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए सर्बानंद सोनोवाल द्वारा दाखिल हलफनामे में, जो मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम की वेबसाइट पर उपलब्ध है, यह स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि उनके कोई बच्चे नहीं हैं। ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जाँच यहाँ पढ़ी जा सकती है।

9. सुदर्शन न्यूज़ की गलत खबर: कमलेश तिवारी की हत्या के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने डांस किया

20 अक्टूबर के एक जोशपूर्ण प्रसारण में, सुदर्शन न्यूज़ के सुरेश चव्हाणके ने AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बारे में दावा किया – “देखिए ओवैसी कैसे #कमलेश_तिवारी के बलिदान के बाद झूम कर नाचा।” 18 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हिन्दू महासभा के नेता कमलेश तिवारी की हत्या हुई थी। चव्हाणके ने एक वीडियो चलाया और दावा किया कि हैदराबाद के सांसद ने तिवारी की हत्या के एक दिन बार यानि 19 अक्टूबर को डांस किया।

असदुद्दीन ओवैसी का यह वीडियो कमलेश तिवारी की गोली मारकर हत्या होने से एक दिन पहले लिया गया था। इस क्लिप को 18 अक्टूबर को ANI द्वारा अपलोड किया गया था और समाचार एजेंसी ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि इसे 17 अक्टूबर को शूट किया गया था – “महाराष्ट्र: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने औरंगाबाद में पैठान गेट पर अपनी रैली की समाप्ति के बाद डांस किया। (17.10.2019)।” तिवारी की हत्या 18 अक्टूबर को हुई।

फोटोशॉप तस्वीरें

1. News18 की ग्राफिक को फोटोशॉप कर IS नेता बग़दादी की मौत का श्रेय पीएम मोदी को दिया

News18 के शो ‘आर पार’ का एक कथित ग्राफिक सोशल मीडिया में चलाया गया। इस ग्राफिक में दिए गए पाठ में इस्लामिक स्टेट (IS) के प्रमुख अबू बक्र अल बग़दादी की मौत का श्रेय पीएम मोदी को दिया गया है। इसमें कहा गया है कि भारतीय प्रधानमंत्री के दबाव के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा बगदादी को खत्म करवाया गया – “मोदी के दबाव के चलते ट्रम्प ने किया बगदादी को ढेर।” अमेरिकी खुफिया विभाग ने इस ISIS नेता बगदादी को एक छापे में घेर लिया, जहां उसने आत्महत्या कर ली, इसके बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने 27 अक्टूबर को उसे मृत घोषित किया था।

यह ग्राफिक वास्तविक नहीं, बल्कि फोटोशॉप है। ‘आर पार’ के कई पिछले ग्राफिक्स से इस एक वायरल ग्राफिक की तुलना करने पर बेमेल फ़ॉन्ट से यह स्पष्ट हो जाता है। इसके अलावा, शो ‘आर-पार’ के एंकर, पत्रकार अमीश देवगन ने इस गलत सूचना को खारिज किया।

2. फोटोशॉप तस्वीर में नरेंद्र मोदी को गैंगस्टर छोटा राजन के साथ दिखलाया

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन को दिखलाती एक तस्वीर थी। तस्वीर में युवा मोदी कैमरे के सामने मुस्कुराते हुए दिखते हैं। उनके दाहीने तरफ, सफेद शर्ट पहने एक व्यक्ति लगभग दो कदम पीछे खड़ा दिखता है। वह छोटा राजन प्रतीत होता है। यह बताते हुए कि पीएम मोदी छोटा राजन के पक्ष में हैं, इस तस्वीर को इस कैप्शन- “मेरे मुन्ना भूल न जाना,मेरे दूध का कर्ज निभाना” के साथ साझा किया गया। इसका व्यापक संदर्भ उन अटकलों से था जिनमें छोटा राजन के भाई द्वारा महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही गई थीं।

यह तस्वीर फोटोशॉप की हुई है। मूल तस्वीर में, छोटा राजन नहीं है। इस तस्वीर की गूगल पर रिवर्स-सर्च करने पर, हमें 26 सितंबर, 2014 को द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक लेख में असली तस्वीर मिली। यह लेख 1990 के दशक में नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा पर थी। मोदी के दाहीने खड़े व्यक्ति छोटा राजन नहीं, बल्कि कोई बुजुर्ग सज्जन हैं।

3. महात्मा गांधी को महिला के साथ दिखाती फोटोशॉप तस्वीर

एक महिला के साथ महात्मा गांधी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर इस कैप्शन के साथ प्रसारित की गई थी, “चमचों तुम्हारे राष्ट्रपिता क्या कर रहे हैं? बूटलीकर, तुम्हारे राष्ट्रपिता क्या कर रहे हैं?”

उस तस्वीर की एक रिवर्स खोज से पता चला कि तस्वीर को फ़ोटोशॉप किया गया है। मूल तस्वीर में, गांधी पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ हैं। यह तस्वीर एसोसिएटेड प्रेस के अभिलेखागार में पाई गई जिसमें कहा गया था कि इसे 6 जुलाई, 1946 को बॉम्बे, भारत में “अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक” में क्लिक किया गया था।

4. भारतीय पोशाक में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की व्यंग्यात्मक तस्वीर को वास्तविक बताया

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की एक तस्वीर को इस दावे के साथ साझा किया गया कि शी जिनपिंग ने इमरान के साथ बैठक में भारतीय पोशाक पहनी थी। यह तस्वीर शी जिनपिंग की दो दिवसीय चेन्नई यात्रा जिसमें उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की, उसकी पृष्ठभूमि में इंटरनेट पर प्रसारित हुई।

गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च से, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि मूल तस्वीर में शी जिनपिंग ने काले रंग का सूट पहना हुआ था। इस तस्वीर को रॉयटर्स के एक फोटोग्राफर थॉमस पीटर ने क्लिक किया था। तस्वीर के साथ पोस्ट किया गया कैप्शन इस प्रकार है- “चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 2 नवंबर, 2018 को बीजिंग में ग्रेट हॉल ऑफ द पीपुल में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की।”

5. मोदी और हिटलर पर एक साथ किताबें रखी हुई दिखाने के लिए तस्वीर को फोटोशॉप किया

शेल्फ पर एक साथ रखी दो पुस्तकों को दिखलाती एक तस्वीर सोशल मीडिया में इस कैप्शन के साथ साझा की गई- ‘यह मुंबई एयरपोर्ट पर देखा’। बाईं ओर पुस्तक के कवर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं, जबकि दाईं ओर पुस्तक में नाज़ी नेता एडोल्फ हिटलर हैं। इन किताबों के बगल में लगाए गए तीर से लगता है कि अगर कोई पाठक नरेंद्र मोदी पर पुस्तक पसंद करता है, तो वह एडॉल्फ हिटलर पर वाली किताब आज़मा सकता है।

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वह तस्वीर फोटोशॉप की हुई है। तस्वीर में कई सुराग थे जिससे यह पता चलता है कि यह नकली है। मूल तस्वीर में बुक कवर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प थे।

6. मनोज तिवारी के नाम से मोहल्ला क्लीनिकों पर फ़र्ज़ी उद्धरण; आज तक के logo का दुरुपयोग

आज तक का एक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया में साझा किया गया, जिसमें दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी के नाम से एक बयान दिया गया है। स्क्रीनशॉट में, इस रिपोर्ट का शीर्षक है, “हर कॉलोनी में मोहल्ला क्लिनिक खोलकर नर्सिंग होम और प्राइवेट अस्पतालों को बर्बाद करना चाहते है केजरीवाल: मनोज तिवारी।”

सोशल मीडिया पर शेयर किया गया आजतक का स्क्रीनशॉट फोटोशॉप किया हुआ है। इस ‘समाचार’ को सत्यापित करने के लिए, ऑल्ट न्यूज़ ने इस रिपोर्ट को चैनल की वेबसाइट पर खोजा, लेकिन हमें ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली। इसके अलावा, किसी भी मीडिया संगठन ने मनोज तिवारी के इस तरह के बयान की सूचना नहीं दी है। ऑल्ट न्यूज़ ने आजतक से भी बात की और इसकी पुष्टि की।

सोशल मीडिया में साम्प्रदायिक भ्रामक सूचनाएं

1. कांग्रेस विधायक पर भीड़ के हमले की पुरानी घटना गलत सांप्रदायिक संदर्भ में वायरल

सोशल मीडिया में दो तस्वीरों के साथ एक संदेश प्रसारित हुआ- “असम में, हिन्दू महिला ने ज़ाकिर हुसैन से शादी करने के लिए अपने पति को छोड़ा और रुबिया बनी। देखिये उसके साथ शादी के बाद क्या हुआ”-अनुवाद। पहली तस्वीर में महिला को एक व्यक्ति के साथ देखा जा सकता है और दूसरी तस्वीर में महिला के चेहरे पर घाव दिखाई देते है। दूसरों समेत ट्विटर अकाउंट, हिस्ट्री ऑफ इंडिया (@RealHistoriPix) से इसे साझा किया गया।

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि 2012 की घटना को सोशल मीडिया में सांप्रदायिक मोड़ दिया गया। 1 जुलाई, 2012 की द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिणी करीमगंज शहर के एक होटल में असम कांग्रेस विधायक रूमी नाथ और उनके दूसरे पति जैकी ज़ाकिर की पिटाई कर घायल किया गया था। भीड़ के हमले में कांग्रेस विधायक के घायल होने की सात साल पुरानी घटना को सोशल मीडिया में हिन्दू महिला की मुस्लिम पति द्वारा पिटाई के रूप में साझा किया गया। आल्ट न्यूज़ की तथ्य-जांच यहाँ पढ़ें।

2. राजस्थान के ग्रामीण नाटक का पुराना वीडियो मुसलमानों द्वारा बच्चे की बलि के रूप में साझा

“ये कौनसा धर्म है भाया जिसने एक मासूम बच्चे की बली चढ़ा दी और सारे लोग खुशियां मना रहे हैं शायद ये सब लोग मुसलमान लगते हैं,” यह संदेश फेसबुक पर वायरल हुआ। यह दावा कि एक धार्मिक परंपरा के अनुसार एक लड़के की बलि दी गई और सुझाव दिया गया कि उस अनुष्ठान के पीछे मुस्लिम लोग थे।

दृश्यों को प्रसारित करने के लिए इस्तेमाल की गई कहानी झूठी थी। राजस्थान पुलिस द्वारा पिछले साल अक्टूबर में फेसबुक और ट्विटर दोनों पर दिए गए एक बयान में कहा गया है – “भीलवाड़ा में एक लड़के की बलि का वीडियो, मनोरंजन के उद्देश्य से था, इसे लोगों को गुमराह करने के लिए सोशल मीडिया में एक अंधविश्वासपूर्ण बयान देकर साझा किया जा रहा है। वास्तव में, जादू का यह शो हर साल नवरात्रि के दौरान आयोजित किया जाता है। गाँव खाखला में होने वाले नाटक को झूठी कथा के साथ प्रसारित किया जा रहा है। (अनुवाद)”। राजस्थान के एक गाँव में आयोजित एक नाटक के दृश्यों को मानव बलि के लिए मुस्लिम समुदाय को आरोपित करते हुए सांप्रदायिक बनाने का प्रयास किया गया था।

3. ग्वालियर किले की तस्वीरें कर्नाटक में मस्जिद गिराने पर जैन मंदिर मिलने के दावे से प्रसारित

सोशल मीडिया में प्राचीन संरचनाओं और मूर्तियों की तस्वीरें इस दावे के साथ प्रसारित की गईं कि ये एक जैन मंदिर की हैं, जो कर्नाटक के रायचूर में सड़क नवीकरण परियोजना के तहत एक मस्जिद को गिराने पर उसके नीचे से निकली है। संदेश इस प्रकार है- “कर्नाटक रायचूर मे रोड सौंदर्यीकरणकरने के लिए मस्जिद गिराई उस मस्जिद के नीचे निकला जैन मंदिर”।

एक आसान सा गूगल रिवर्स इमेज सर्च से पता चल गया कि सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरें मध्यप्रदेश के ग्वालियर किले की है। यह किला गोपाचल नामक एक दूरस्थ चट्टानी पहाड़ी पर बना है, जहां जैन प्रतिमाओं के निर्माण के लिए नक्काशी की गई है, जिनकी तस्वीरें इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। ग्वालियर किले के अंदर की विभिन्न संरचनाओं और मूर्तियों की तस्वीरें कर्नाटक में एक मस्जिद के नीचे से निकले जैन मंदिर के रूप में सोशल मीडिया में साझा कर दी गईं।

तस्वीरों और वीडियो का भ्रामक उपयोग

1. गौतम अडानी की पत्नी को झुक कर प्रणाम करते पीएम मोदी के रूप में पुरानी तस्वीर साझा किया

एक महिला के सामने झुके हुए पीएम मोदी की तस्वीर इस दावे के साथ साझा की गई कि वह अदानी समूह के चेयरपर्सन गौतम अदाणी की पत्नी प्रीति अदाणी हैं। तस्वीर के साथ वायरल संदेश है- “भाइयो यह महिला उद्योगपति अडानी की पत्नी है जो इंसान झुका हुआ(बिका हुआ) है, वो हमारे देश का PM है”।

गूगल रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि तस्वीर में दिख रही महिला कर्नाटक के शहर तुमकुर या तुमकुरु की मेयर हैं। ऑल्ट न्यूज़ को सितंबर 2014 की एक Reddit पोस्ट मिली जिसमें यही तस्वीर थी, इसका शीर्षक था, “तुमकुर की मेयर का अभिवादन करते मोदी (उस फूड पार्क को लॉन्च करने के लिए इसरो छोड़ने के बाद)”।

2. सोमालिया की पुरानी तस्वीर वारलॉर्ड के प्रशिक्षण शिविर में इल्हान उमर के रूप में साझा

स्वचालित हथियार थामे पगड़ीधारी महिला की एक तस्वीर, अमेरिकी कांग्रेस की सदस्य इल्हान उमर के रूप में सोशल मीडिया में इस दावे के साथ साझा की गई कि वह तस्वीर सोमालिया में अल कायदा के एक ट्रेनिंग कैंप में ली गई थी। वह तस्वीर, अमेरिकी सदन की विदेशी मामलों की समिति — कांग्रेस की सदस्य उमर इसकी हिस्सा हैं — की वाशिंगटन में “दक्षिण एशिया में मानवाधिकार” पर सुनवाई के संदर्भ में प्रसारित की गई थी।

इस तस्वीर में उमर नहीं, बल्कि मोगादिशु के हैलेन स्थित एक सैन्य प्रशिक्षण परिसर में सोमाली सेना में भर्ती एक महिला दिखाई पड़ती है। यह तस्वीर एसोसिएटेड प्रेस के अभिलेखागार में उपलब्ध है, जिसके अनुसार इसे 25 फरवरी, 1978 को शूट किया गया था। तब से चार साल बाद 1982 तक उमर का जन्म भी नहीं हुआ था।

3. कार्ति चिदंबरम ने PM मोदी के समुद्रतट की सफाई को नाटकीय दर्शाने के लिए भ्रामक तस्वीरें साझा की

तमिलनाडु में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाक़ात के मौके पर, प्रधानमंत्री मोदी ने ममल्लापुरम में समुद्र तट पर कचरा उठाते हुए एक वीडियो ट्वीट किया, और सार्वजनिक स्थानों को साफ-सुथरा रखने की अपील की। वीडियो ऑनलाइन साझा किये जाने के बाद, सोशल मीडिया में कई उपयोगकर्ताओं ने मोदी की आलोचना करते हुए इसे नाटकीय कार्य बताया। तमिलनाडु के शिवगंगा से कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने तीन तस्वीरें ट्वीट कीं, जिनमें से दो में प्रधानमंत्री मोदी को कचरा उठाते हुए दिखाया गया, जबकि तीसरी तस्वीर में कैमरा और प्रकाश उपकरणों के साथ कई व्यक्ति दिखाई दे रहे हैं। इससे यह दर्शाने की कोशिश की गई कि प्रधानमंत्री का यह कार्य कैमरा के सामने किया गया एक नाटक था, जिसमें कोई वास्तविकता नहीं थी।

यह सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को गुमराह करने का एक स्पष्ट प्रयास था। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि कार्ति चिदंबरम द्वारा ट्वीट की गई तीन तस्वीरों में से दो पीएम मोदी द्वारा मामल्लपुरम में समुद्र तट पर कचरा उठाने के कार्य से संबंधित नहीं थीं।

4. INS विक्रांत पर पूजा करते हुए पूर्व रक्षा मंत्री की पत्नी का पुराना वीडियो, “बपतिस्मा” के रूप में साझा किया गया

पूर्व रक्षा मंत्री एके एंथनी की पत्नी, एलिजाबेथ एंथनी का ‘INS आईएनएस विक्रांत’ पर अनुष्ठान करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया में साझा किया गया। दावा किया गया था कि श्रीमती एंथनी विमानवाहक पोत पर ‘क्रॉस’ बना रही थीं और वाहन को बपतिस्मा दे रही थीं। इस वीडियो के साथ ट्वीट किए गए संदेश में लिखा है, “पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंथनी की पत्नी एलिजाबेथ ने INS विक्रांत पर इसके लॉन्च के दौरान एक क्रास खींचा और इसे बपतिस्मा दिया…। किसी को कोई समस्या नहीं थी..हल्लेलूजाह!!!”

एक गूगल खोज से ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि एलिजाबेथ एंटनी ने 12 अगस्त, 2013 को कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड में स्वदेश निर्मित विमानवाहक ‘INS विक्रांत’ को लॉन्च किया था। जो अनुष्ठान किया गया, वह एक हिंदू समारोह था, कोई ईसाई कार्यक्रम नहीं, जैसा कि कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने दावा किया है। ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जाँच यहाँ पढ़ी जा सकती है।

5. द्वारका के जलमग्न शहर की तस्वीरों के रूप में असंबंद्ध तस्वीरें वायरल

सोशल मीडिया में तस्वीरों का एक सेट इस दावे के साथ पोस्ट किया गया कि ये भारत के पश्चिमी तट पर जलमग्न शहर द्वारका का प्रतिनिधित्व करती हैं। तस्वीरों के साथ पोस्ट किए गए संदेश में लिखा है, “श्री कृष्ण का द्वारका, गुजरात में जलमग्न शहर। जैसा कि महाभारत में वर्णित है। यह वास्तविक है फिर भी ईसाई दुनिया कहती है कि कोई प्रमाण नहीं है!”

ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जाँच से पता चला कि इनमें से कोई भी तस्वीर द्वारका, गुजरात से संबंधित नहीं है। जबकि एक तस्वीर तमिलनाडु की है, दूसरी अमेरीका की एक कृत्रिम चट्टान की है।

6. सिनेमा से लिए गए दृश्य को महात्मा गांधी की हत्या का दुर्लभ तस्वीर बताया

महात्मा गांधी की एक तस्वीर जो कथित तौर पर उस क्षण को कैद करती है जब उन्हें नाथूराम गोडसे ने मार डाला था, सोशल मीडिया में प्रसारित की गई। गांधी की 150वीं जयंती के अगले दिन, 3 अक्टूबर को, यह तस्वीर इस दावे के साथ साझा की गई- “गांधी जी की हत्या की दुर्लभ तस्वीर”

कुछ ट्वीट्स के नीचे पोस्ट की गई टिप्पणियों के माध्यम से, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वह तस्वीर ‘नाइन आवर्स टू रामा’ नामक फिल्म से ली गई है। यह फिल्म स्टेनले वोल्पर्ट द्वारा लिखे गए इसी नाम के उपन्यास पर आधारित है।

विविध

1. पीएम मोदी के शासन में विश्व बैंक के सभी ऋण भारत द्वारा चुकाने के दावे की तथ्य-जाँच

सोशल मीडिया में वायरल एक दावे में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले छह वर्षों में भारत के ऊपर विश्व बैंक के सभी ऋणों को चुका दिया है। पूरा संदेश इस प्रकार है, “70 साल तक भारत विश्व बैंक का सबसे बड़ा कर्जदार था, एक बार जन्म लेने वाला हर भारतीय जन्म से कर्जदार था, जो काम महान अर्थशास्त्री नहीं कर सके, उसे एक चायवाले ने किया, उसने 6 साल के भीतर भारत और भारतीय का भाग्य बदल दिया, @narendramodi ने विश्व बैंक का भारत पर ऋण के हर पैसे को चुका दिया है, सभी का भुगतान किया गया। पूर्ण समझौता भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र में किया गया, जो वही है जो भारत में कुछ आर्थिक मंदी की बात कर रहा था? #UNLoanCleared #ModiHaiToMumkinHai.” इस दावे को संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन के एक ट्वीट के स्क्रीनशॉट का उपयोग करते हुए प्रचारित किया गया।

ऑल्ट न्यूज़ ने इन दावों को गलत पाया। उदाहरण के लिए, सैयद अकबरुद्दीन का ट्वीट भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र के बकाया भुगतान से संबंधित है नाकि विश्व बैंक को ऋणों के पुनर्भुगतान से। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र को देय राशि का भुगतान ऋणों का पुनर्भुगतान नहीं है। साथ ही, यह दावा कि भारत ने अपने सभी ऋण विश्व बैंक को चुका दिए हैं, गलत है। पूरी तथ्य-जाँच यहाँ पढ़ें।

2. नरेंद्र मोदी बनाम मनमोहन सिंह के विदेश दौरे: अमित शाह के दावे की तथ्य-जाँच

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हाल ही में एक सार्वजनिक सभा में बोलते हुए दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पांच साल में पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना में अधिक विदेशी यात्राएं कीं। उनके सटीक शब्द थे, “अभी-अभी कांग्रेस के एक नेता बोलते थे, कि मोदीजी विदेशों में घुमते हैं, मैंने बोला जांच कराओ कि मनमोहन जी के 5 साल और मोदीजी के 5 साल ज़्यादा विदेश में कौन गया, देखो भाई, तो मालूम पड़ा मोदीजी कम गए हैं और मनमोहन सिंह ज़्यादा गए हैं। तो मेरे मन में सवाल उठा कि दिखता तो ऐसा है कि मोदीजी ज़्यादा गए हैं, ऐसा क्यों हुआ?”

ऑल्ट न्यूज़ ने तीन सेटों की संख्या (कुल यात्रा की संख्या, यात्रा किए गए देशों की संख्या और विदेश में बिताए दिनों की संख्या) की तुलना की और अमित शाह के दावे को गलत पाया। ये संख्याएं गृहमंत्री के कथन के साथ मेल नहीं खाती हैं। प्रधानमंत्री द्वारा की गई अंतर्राष्ट्रीय यात्राओं की जानकारी पीएमओ की वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध है।

3. राहुल गांधी ने हरियाणा से भाजपा उम्मीदवार के वोटिंग में धांधली का आरोप लगाते हुए क्लिप्ड वीडियो ट्वीट किया

हरियाणा के असंध निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार बख्शीश सिंह विर्क का एक वीडियो सोशल मीडिया में साझा किया गया था जिसमें सिंह को वोटिंग मशीनों के बारे में टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है – “आप जो भी बटन दबाएंगे, वोट स्वचालित रूप से फूल (भाजपा का चुनाव चिन्ह) पर जाएंगे।” उन्होंने आगे सुझाव दिया कि भाजपा नेता नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल खट्टर समझ सकते हैं कि किस मतदाता ने किसके लिए और किस निर्वाचन क्षेत्र से मतदान किया। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वायरल वीडियो को ट्वीट किया और लिखा, “भाजपा में सबसे ईमानदार आदमी”।

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह वीडियो शरारतपूर्वक क्लिप किया गया है, हालाँकि, इसका एक हिस्सा बदला हुआ नहीं है। वीडियो 39-सेकंड लंबा है, लेकिन गौर करने पर 24वें सेकंड पर जंप-कट (खास इफेक्ट देने के लिए वीडियो संपादन का एक प्रकार) का पता चलता है। पूरी तथ्य-जाँच यहाँ पढ़ें।

4. शिवराज सिंह चौहान के अलग-अलग बाहों पर प्लास्टर का झूठा दावा

भाजपा विधायक शिवराज सिंह चौहान की दो तस्वीरों का सेट सोशल मीडिया में वायरल था। दावा किया गया कि मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम के सुबह किसी और हाथ में और शाम को किसी और हाथ में प्लास्टर था। इन तस्वीरों को साझा करने के लिए इस्तेमाल किया गया कैप्शन है- “ऐसा चमत्कार, सुबह इस हाथ में प्लास्टर, शाम को दूसरे हाथ में प्लास्टर। भगवान शिवराज सिंह चौहान जी के दोनों हाथ जल्द ठीक करे।”

मप्र के पूर्व सीएम द्वारा अपलोड किए गए एक वीडियो से, ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि चौहान के दाहिने हाथ पर प्लास्टर लगा हुआ था। भ्रम इस तथ्य से पैदा हुआ कि फ्रंट कैमरा में ‘मिरर इमेज’ की सेटिंग (दोनों में एक तस्वीर सेल्फी थी) शायद चालू थी, जिसके कारण तस्वीर बाद में उल्टी हो गई। चौहान के साथ सेल्फी क्लिक करने वाले व्यक्ति ने अपने कैमरा सेटिंग्स में ‘मिरर इमेज’ को स्विच-ऑन रखा होगा, यही वजह है कि ऐसा प्रतीत होता है कि चौहान का बायां हाथ चोटिल है। हालांकि, यदि आप छवि को फ्लिप करते हैं, तो स्पष्ट हो जाता है कि दाएं बांह पर प्लास्टर लगाया गया है, बाएं पर नहीं।

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.