सोशल मीडिया में एक वीडियो कश्मीर में अत्याचार के दावे से प्रसारित है, जिसमें भारतीय सेना के जवान एक लड़के को बेरहमी से पीटते हुए दिख रहे हैं।
Indian media is a big liar, see what Indian cruel army is doing in Kashmir pic.twitter.com/Hveb7bsBvc
— Faisal Ghafoor (@faisi_watto) August 21, 2019
कई व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं ने समान दावे से यह वीडियो साझा किया है।
यह वीडियो पहले बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अत्याचार के रूप में साझा किया गया था।
This is how pak army deals with citizens of #Baluchistan . So called intellectuals and celebrities who talk about human rights violation in #Kashmir should watch this 👇 pic.twitter.com/baOhX1Ji6c
— Chiguru Prashanth (@prashantchiguru) August 13, 2019
पुराना वीडियो
प्रसारित किया गया वीडियो हाल का नहीं है बल्कि दो साल पुराना है। PTI की रिपोर्ट, जिसे डेक्कन हेराल्ड ने प्रकाशित किया था, के मुताबिक, “पुलवामा डिग्री कॉलेज के एक छात्र को चार सेना के जवानों द्वारा कथित तौर पर ज़मीन पर गिरा कर मारा गया“-अनुवादित। यह लेख 15 अगस्त, 2017 को प्रकाशित हुआ था।
कई मीडिया संगठन जिसमें पाकिस्तानी मीडिया भी शामिल है, उन्होंने इस कथित घटना को प्रकाशित किया था। द इंडियन एक्सप्रेस ने रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया के हवाले से बताया कि वीडियो की सत्यता का पता लगाया जा रहा है। कर्नल कालिया ने कहा,“दुराचार के दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी”-अनुवादित।
DNA के अनुसार, 2017 में एक व्यक्ति को सेना द्वारा जीप से बांधने और बड़गाम से उसे परेड करवाने के एक दिन बाद यह घटना हुई थी। सेना का मकसद “पत्थरबाजों” को नियंत्रण में लाना था।
Watch | ‘Azaadi chaiye tujhe’: Videos emerge of Army allegedly beating up Kashmiris https://t.co/d58Qj6gq61 pic.twitter.com/d0DBCRDZbH
— DNA (@dna) April 15, 2017
इस वीडियो में कई ऐसे सुराग है जिससे पता चलता है कि यह वीडियो भारत में लिया गया था। एयरटेल और नेरोलैक के विज्ञापन, दोनों ही भारतीय कंपनियां हैं। इसके अलावा, दाईं ओर एक बैनर पर ‘श्रीनगर’ लिखा हुआ है।
इस तरह यह पुराना वीडियो अभी प्रसारित है, यह दिखाने के लिए कि अभी की घटना है। इससे पहले भी, पिछले साल हुए कुलगाम ब्लास्ट का वीडियो अभी कश्मीर की स्थिति के रूप में साझा किया गया था। वर्ष 2018 में सेना द्वारा लोगों को अपने बचाव के लिए मानव ढाल के रुप में इस्तेमाल करने का वीडियो प्रसारित किया गया था।
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