नवंबर 2019: JNU विरोध-प्रदर्शन और अयोध्या फैसला के इर्द-गिर्द फैलाई गई भ्रामक सूचनाएं

नवंबर 2019 में जेएनयू की प्रस्तावित फीस वृद्धि को लेकर छात्रों के विरोध प्रदर्शन के इर्द-गिर्द ज़्यादातर भ्रामक सूचनाए फैलाई गई। उसके अलावा सुर्खियों में बने रहे, अयोध्या फैसले पर…

मुर्शिदाबाद हत्याकांड को कैसे सांप्रदायिक, राजनीतिक रंग दिया गया

8 अक्टूबर, 2019 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में तीन लोगों — बंधु प्रकाश पाल, उनकी गर्भवती पत्नी और 8-वर्षीय बेटे — के परिवार को चाकू से गोद कर मार…

सितंबर 2019: मीडिया की गलत खबरें; चंद्रयान-2 और नए ट्रैफिक नियम को लेकर भ्रामक सूचनाएं

फोटोशॉप की गई तस्वीरों से लेकर गलत तरीके से क्लिप किए गए या संदर्भ से बाहर प्रसारित वीडियो तक की ‘बहुरूपता’ वाली भ्रामक सूचनाओं से सितंबर 2019 की शुरुआत होती…

जम्मू-कश्मीर के DPS स्कूल में बच्चों को पीट रहे शिक्षक का बताकर मिस्र का वीडियो शेयर

ऑल्ट न्यूज़ के व्हाट्सऐप नंबर (76000 11160) पर एक वीडियो की पड़ताल के लिए कई रिक्वेस्ट मिलीं हैं. इसके साथ शेयर किये जा रहे मेसेज के मुताबिक, DPS स्कूल राजबाग…

बच्चे को पीटने का वीडियो वलसाड, गुजरात के स्कूल के नाम से व्हाट्सप्प पर वायरल

आप के whatsapp पे जितने भी नंबर एवं ग्रुप हैं एक भी छूटने नही चाहिए, ये वीडियो सबको भेजिए ये वलसाड के DPS SCHOOL Rajbag का टीचर है इसको इतना…

जनवरी राउंड-अप: 2019 की शुरुआत से ही फर्ज़ी खबरों द्वारा राजनीतिक हमले निरंतर जारी

गलत सूचनाओं के पैरोकारों के लिए जनवरी, 2019 हमेशा की तरह रहा, जिन्होंने सोशल मीडिया यूजर्स के विचारों से खिलवाड़ करने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपनाए। निशाने पर…

नवंबर 2018: प्रादेशिक चुनावों से पहले राजनीतिक दुष्प्रचार जोरों पर

चुनावों के समय आमतौर पर विघटनकारी सूचनाओं में वृद्धि हो जाती है। नवंबर का महीना, विकास के अतिरंजित दावों से लेकर ध्रुवीकरण की रणनीति तक के लिए, क्लिप किए हुए…

प्रशांत पटेल उमराव ने राजदीप सरदेसाई के बेटे के बारे में झूठी खबर फैलाई

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई द्वारा वकील प्रशांत उमराव पर सोशल मीडिया में झूठी खबरें फैलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराने के बाद, उमराव ने अपनी खास…

जनवरी 2018 की झूठी खबरें- सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वाली अफवाहें सबसे अधिक फैलाई गयी

जनवरी में झूठी खबरों, गुमराह करने वाले बयानों, तथ्यात्मक गड़बड़ियों, सार्वजनिक हस्तियों की ओर से नकली बयानों और टीवी न्यूज़ चैनलों की गुमराह करने वाली रिपोर्टिंग का एक अभूतपूर्व मिश्रण…