गलत सूचनाओं के पैरोकारों के लिए जनवरी, 2019 हमेशा की तरह रहा, जिन्होंने सोशल मीडिया यूजर्स के विचारों से खिलवाड़ करने के लिए सभी तरह के हथकंडे अपनाए।
निशाने पर राजनेता
1. सोनिया गांधी के पास महारानी एलिजाबेथ से अधिक सम्पति होने की झूठी खबर
भाजपा के कई नेताओं और सदस्यों ने 2013 की एक खबर ट्वीट की, जिसके अनुसार, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी विश्व की चौथी सबसे धनी महिला थीं। इनमें भाजपा प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय शामिल हैं। इस दावे का आधार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट थी, जो हफ्फिंगटन पोस्ट के हवाले से लिखी गई थी।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि सोनिया गांधी के बारे में यह सूचना पहली बार 2013 में हफ्फिंगटन पोस्ट के एक लेख में प्रकट हुई थी। बाद में इस लेख में से श्रीमती गांधी का नाम हटा दिया गया था, क्योंकि इस सूचना के स्रोत पर “सवाल उठाया गया” था। यह हफ्फिंगटन पोस्ट द्वारा गलत सूचना देने का अलबेला उदाहरण निकला, क्योंकि सूचना का स्रोत संदिग्ध था। नवीनतम आंकड़ों (2014) के अनुसार, सोनिया गांधी की कुल संपत्ति 9.28 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
2. गल्फ न्यूज़ द्वारा राहुल गांधी को ‘पप्पू’ संबोधित करके लेख प्रकाशित करने का झूठा दावा
“विदेश में जाकर अपने देश की इज्जत नीलाम करने वालों को इसी प्रकार इज्जत मिलती है जैसी अबू_धाबी के दैनिक अखबार @gulf_news ने RahulGandhi को पप्पू की फोटो छापकर दी है।” – (अनुवादित)
उपरोक्त संदेश के साथ एक व्यंग्य चित्र, जिसे माना जाता है कि गल्फ न्यूज़ ने प्रकाशित किया, सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया। इसके साथ दावा किया गया था कि कांग्रेस अध्यक्ष जब संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गए थे तब एक बड़े मीडिया संगठन ने उनका मजाक उड़ाया था। इसे शेयर करने वालों में पोस्टकार्ड न्यूज़ के संस्थापक महेश विक्रम हेगड़े और गौरव प्रधान शामिल थे। प्रधान और हेगड़े दोनों को ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी फॉलो करते हैं।
यह संदेश कि गल्फ न्यूज़ व्यंग्य चित्र के साथ और ‘पप्पू’ संबोधित करके राहुल गांधी का मजाक उड़ा रहा था, झूठा था। व्यंग्य चित्र के साथ कैप्शन छपा था — “कैसे पप्पू की छाप ने राहुल को बदला”। वह व्यंग्य चित्र वास्तव में खुद राहुल गांधी द्वारा हस्ताक्षरित था, और उस अखबार को दिए उनके खास इंटरव्यू के साथ प्रकाशित हुआ था।
3. केजरीवाल का पुराना वीडियो शराब के नशे में होने का भ्रम पैदा करने के लिए धीमा करके वायरल किया गया
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर व्यापक रूप से शेयर किया गया। वीडियो में कार में बैठे केजरीवाल कैमरे के सामने बोलते हुए दिखते हैं। उनकी आवाज में लड़खड़ाहट दिखती है। साथ में दावा किया गया था कि केजरीवाल शराब के नशे में हैं। यह वीडियो लगभग एक मिनट का है। यह वीडियो कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और व्हाट्सएप्प पर व्यापक रूप से शेयर किया गया था।
इसका असली वीडियो खुद अरविंद केजरीवाल द्वारा उनके आधिकारिक फेसबुक पेज पर पोस्ट किया गया था। केजरीवाल ने यह लाइव वीडियो 29 जनवरी, 2017 को पोस्ट किया था, जब वे पंजाब में विधानसभा चुनाव के पहले अपनी पार्टी के लिए अभियान चला रहे थे। इस वीडियो को जानबूझकर धीमा किया गया था ताकि यह लगे कि केजरीवाल नशे की अवस्था में बोल रहे थे।
4. प्रियंका गांधी का पुराना वीडियो उनके नशे में होने के झूठे दावे के साथ शेयर किया
“शाम होते ही #शराब के नशे में चूर हो जाने वाली से #कांग्रेस को उम्मीद हो सकती है मगर देश को नहीं है” सार्वजनिक जैसा लगने वाले में कार्यक्रम लोगों से गुस्से में बोल रहीं प्रियंका गांधी का एक वीडियो, सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। इस वीडियो के साथ प्रसारित संदेश में कहा गया था कि एक राजनीतिज्ञ के तौर पर उन पर विश्वास नहीं किया जा सकता, क्योंकि वे शराब की आदि हैं।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह वीडियो ANI द्वारा 12 अप्रैल, 2018 को ट्वीट किया गया था। उसका कैप्शन था — “कैंडल लाइट मार्च में प्रियंका गांधी गुस्से में आ गईं, कहा, ‘कोई एक-दूसरे को धक्का नहीं मारेगा। आपलोगों को कारण समझना चाहिए, जिसके लिए आप यहां हैं। अगर आप सही व्यवहार नहीं कर सकते तो घर चले जाएं। अब आप सब खामोशी से वहां तक चलेंगे।”-( अनुवादित) प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्त्व में, कठुआ और उन्नाव बलात्कार मामलों के विरोध के लिए, मध्यरात्रि के कैंडल लाइट मार्च का हिस्सा थीं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, जब भीड़ उन्हें आगे नहीं बढ़ने दे रही थी और उनके बच्चों को जुलूस में धक्के लग रहे थे, तो वे गुस्से में आ गईं।
5. झूठी खबर: सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने पीएम मोदी को सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्चाधिकार-प्राप्त कमिटी द्वारा पूर्व सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को उनके पद से हटाने और महानिदेशक, अग्निशमन सेवाएं के पद पर उनका स्थानांतरण करने के निर्णय के एक दिन बाद 11 जनवरी को वर्मा ने अपनी सेवा से त्यागपत्र दे दिया। इसके एक दिन बाद, पूर्व सीबीआई प्रमुख के बारे में, अपने त्यागपत्र में पीएम मोदी को सबसे भ्रष्ट प्रधानमंत्री कहने का दावा सोशल मीडिया में वायरल हो गया।
उपरोक्त पोस्ट वायरल इन इंडिया का था, जिसे सोशल मीडिया में नियमित झूठी सामग्री पोस्ट करने के लिए जाना जाता है। इस मामले की सच्चाई यह है कि वर्मा ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को लिखे अपने त्यागपत्र में प्रधानमंत्री का कोई जिक्र ही नहीं किया था।
6. झूठ: वायरल पोस्टर का दावा राहुल गांधी का डीएनए राजीव गांधी से नहीं मिलता है
एक कथित डीएनए विशेषज्ञ का दावा कि राहुल गांधी, राजीव गांधी के बेटे नहीं हैं, इसके बारे में एक पोस्टर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया। इसे कई व्यक्तियों द्वारा फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप्प पर शेयर किया गया। यह दावा अखबार की क्लिप के रूप में प्रसारित किया गया।
ऑल्ट न्यूज़ ने पोस्टर में दिए गए कीवर्ड्स से गूगल सर्च की तो ऐसी कोई मीडिया रिपोर्ट इंटरनेट पर नहीं थी। दूसरी खोज मार्टिन सिज़ो नामक डीएनए विशेषज्ञ की की, तब भी कोई परिणाम नहीं निकला। किसी डीएनए विशेषज्ञ द्वारा आयोजित ऐसी किसी प्रेसवार्ता की कोई खबर भी किसी प्रकाशन में नहीं मिला।
7. पाकिस्तान को लेकर अरविंद केजरीवाल का एडिटेड वीडियो
19 जनवरी को, 20 राजनीतिक दलों के नेता ममता बनर्जी की ‘यूनाइटेड इंडिया’ रैली में एक साथ आए। इस रैली में अरविंद केजरीवाल ने भाजपा की बुरी तरह आलोचना की और लोगों से किसी भी कीमत पर भाजपा को हराने का आह्वान किया।
उसके कुछ ही समय बाद, अरविंद केजरीवाल की 19-सेकेंड की एक क्लिप सोशल मीडिया में प्रसारित की गई। इस क्लिप में केजरीवाल को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मैं जितना सोचता हु उतना मेरा शरीर कांप उठता है। अगर ये दोनो दोबारा 2019 में आ गये, अगर मोदी और अमित शाह 2019 में आ गये तो दोस्तो ये पाकिस्तान नही बचेगा, ये पाकिस्तान को बर्बाद कर देंगे।”
Finally Arvind Mawali spoke the truth 🤬😡😂#WA pic.twitter.com/4BCJMFctVz
— Hardik (@Humor_Silly) January 19, 2019
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि सोशल मीडिया में प्रसारित 19-सेकेंड की वह क्लिप एडिटेड थी। उस वीडियो का असली और बड़ा संस्करण कई मीडिया संगठनों द्वारा ट्वीट किया गया था। सोशल मीडिया में शेयर किया गया वीडियो डिजिटली फेरबदल कर बनाया गया था और केजरीवाल को पाकिस्तान समर्थक दिखलाने के लिए, “ये देश” शब्दों को बदलकर “पाकिस्तान” कर दिया गया था।
सोशल मीडिया में साम्प्रदायिक अलगाव
1. केरल में स्कूली छात्रों द्वारा ‘वंदे मातरम्’ के बहिष्कार का झूठा दावा
हाथों में हरे रंग के झंडे लिए बच्चों की एक तस्वीर गणतंत्र दिवस पर सोशल मीडिया में प्रसारित होनी शुरू हुई। यह दावा किया गया कि केरल में मुस्लिम स्कूली बच्चों ने वंदे मातरम का बहिष्कार किया और इस्लामी झंडे फहराए। यह तस्वीर ट्विटर और फेसबुक पर व्यापक रूप से शेयर की गई। भाजपा प्रवक्ता वैभव अग्रवाल ने तस्वीर की सच्चाई के बारे में ऑल्ट न्यूज़ से पता करने को कहा था।
@AltNews @free_thinker Can You try & check this and come back on truth please ?I know this is a needle in the hay stack pic.twitter.com/2CupfuU7Uf
— #VAIBHAVAggarwal #BJP (@thevaibhavag) January 28, 2019
दिलचस्प बात रही कि ऑल्ट न्यूज़ को पता चला कि यही तस्वीर, पहले भी, स्वतंत्रता दिवस के समय के आसपास, प्रसारित की गई थी। संदेश भी वही था — केरल में मुस्लिम स्कूली बच्चों ने राष्ट्र गीत गाने से मना किया, इस्लामी झंडे फहराए थे। हरे रंग के झंडे केरल के एक राजनीतिक दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के हैं। ये तस्वीरें IUML की रैली की हैं जो मई, 2013 में मलप्पुरम, केरल में आयोजित हुई थी।
2. झूठे दावे के साथ जैन साधु की पुरानी तस्वीर फैलाई गई
11 जनवरी को एक ट्विटर यूजर ने एक वृद्ध व्यक्ति की तस्वीर यह दावा करते हुए ट्वीट की कि एक जैन साधु भारत में गौवध बंद करने के लिए आमरण अनशन कर रहे हैं। इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी मोहनदास पाई समेत कइयों ने इसे रीट्वीट किया। यह तस्वीर इसी दावे के साथ पहले भी, 2015 में, शेयर की गई थी।
ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की तथ्य-जांच की और इसे गलत पाया। यह तस्वीर जैन पद्धति संथारा का प्रतिनिधित्व करती है जिसमें व्यक्ति मृत्युपर्यन्त उपवास करता है। संथारा की पद्धति जैन साधुओं और साध्वियों तक सीमित है।
3. शहीद की मृत्यु पर बिलखते परिजनों का वीडियो, झूठे व दुर्भावनापूर्ण सांप्रदायिक दृष्टिकोण के साथ फैलाया गया
सोशल मीडिया में एक वीडियो इस दावे के साथ प्रसारित किया गया कि कुछ औरतों के साथ रोती हुई दिख रही महिला, एक हिन्दू लड़की का बलात्कार और मृत्यु पर रो रही है। उस संदेश में दावा किया गया था राजस्थान में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद बलात्कार हुआ है और पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही क्योंकि अपराधी मुस्लिम समाज के थे और वह घटना मुस्लिम बहुल इलाके में हुई थी।
आ गई कांग्रेस सरकार हो गया बलात्कार शुरू
ए विडीयो राजस्थान का हे एक हिन्दू लडकी को मारा ओर घर मे लेजाकर बलात्कार किया वहा कि पूलीस भी कूछ नही कर रही क्यू कि ये जो लड़के हे जो मुस्लिम है वहा मुस्लिम आबादी जादा हे आज इसके साथ हूवा हे कल आप के साथ भी होगा इसकी मदत करो हाथ जोडता हू इस जगह अपनी बहन बहन समझकर इसको इतना फेलाओ कि मीडीया और बेटी बचावो नारा देनेवाले तक पहुचा दो इंसानियत के वासते जितनेभी ग्रुप है उसमे छोड़ते रहो रुकना नही चाहिएPosted by ठा. आकाश सिंह चौहान on Wednesday, 2 January 2019
ऑल्ट न्यूज़ ने उस वीडियो की तथ्य-जांच की तो पाया कि वीडियो में दिख रहे लोग बीएसएफ के स्वर्गीय कांस्टेबल हंसराज गुर्जर की शहादत पर विलाप कर रहे थे। जम्मू और कश्मीर के साम्बा जिले में चमलियाल चौकी क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हुई फायरिंग में गुर्जर शहीद हुए थे। एक सैनिक की मृत्यु को राजनीतिक फायदे के लिए साम्प्रदायिकरण किया गया।
मीडिया की गलत खबरें
1. इंडिया टीवी ने झाड़ू लगाते पीएम मोदी की फोटोशॉप तस्वीर का प्रसारण किया
23 जनवरी को इंडिया टीवी ने एक शो चलाया — ‘पीएम मोदी की अनसुनी कहानियां’ — जिसमें इस चैनल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर, उनके बचपन के दिनों से शुरू करके 20-मिनट का विशेष प्रसारण किया। शो के 4:10वें मिनट में इंडिया टीवी ने एक तस्वीर दिखलाई जिसमें पीएम को झाड़ू लगाते दिखाया गया था।
प्रधानमंत्री के संघर्षों का प्रदर्शन करने के लिए इंडिया टीवी द्वारा इस्तेमाल की गई तस्वीरों में से एक फोटोशॉप कर बदली हुई तस्वीर थी। वह तस्वीर, जिसमें पीएम मोदी को झाड़ू लगाते देखा जा सकता है, वह 2014 के लोकसभा चुनावों के ठीक पहले इंटरनेट पर वायरल थी। और फिर, 2016 में दाखिल सूचना के अधिकार की एक अर्जी (RTI) से खुलासा हुआ था कि वह तस्वीर नकली थी।
2. दुबई में “14-वर्षीया-लड़की ने राहुल गांधी को स्तब्ध किया” माय नेशन ने गलत खबर फैलाई
“दुबई में छोटी लड़की के सवालों के सामने राहुल चुप्पी साधने के लिए मजबूर हुए” -यह शीर्षक माय नेशन पोर्टल की एक कहानी का है। इस लेख में दावा किया गया था कि राहुल गांधी के हालिया दुबई दौरे के दौरान एक 14-वर्षीया-लड़की ने उनसे दो सवाल पूछे थे जिनसे वे चुप्पी साधने को मजबूर हो गए। उस लेख के अनुसार, उन सवालों ने कांग्रेस अध्यक्ष को शर्मिंदा कर दिया, जिन्हें उन्होंने “मुस्कुराकर टाल दिया” और कांग्रेस द्वारा लाइव प्रसारण काट दिया गया।
उस लेख में बताया गया कि उसके द्वारा पूछा गया पहला सवाल था, “राहुल गांधी जो कि लगातार जातीय और सामाजिक विभेद के खिलाफ आवाज उठाते हैं, वह गुजरात में अपने माथे पर भस्म लगाते हैं और कश्मीर का दौरा करते समय कुफ़ी (पारंपरिक मुस्लिम टोपी) पहनते हैं क्यों?” जबकि कांग्रेस अध्यक्ष से पूछा गया दूसरा प्रश्न था, “कांग्रेस, जो कि गर्व करती है कि उसने कई दशकों तक भारत पर राज किया। तब जो विकास और कल्याण के काम नहीं हो पाए थे। क्या वह अब किए जाएंगे?”
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस दावे की उत्पत्ति एक तमिल वेबसाइट से हुई जहां से इसे माय नेशन, फिर पोस्टकार्ड न्यूज़ व राइटलॉग(Rightlog) ने उठाया। एक लड़की की तस्वीर सभी लेखों और सोशल मीडिया पोस्टों में प्रसारित की गई थी। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तस्वीर 3 साल पुराने यूट्यूब वीडियो से ली गई थी। इसके विवरण के अनुसार, मुंबई के उपनगर विक्रोली स्थित संत जोसेफ हाईस्कूल में यह वीडियो बनाया गया था।
इसके अलावा, ऑल्ट न्यूज़ ने विभिन्न स्रोतों से पुष्टि की कि माय नेशन का लेख मनगढ़ंत था। राहुल गांधी से 14-वर्षीया-लड़की की ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई थी जिसका दावा लेख में किया गया, और ऐसा कोई सवाल नहीं पूछा गया था।
3. राहुल गांधी पर स्मृति ईरानी की टिप्पणी की खबर में द टेलीग्राफ की गलती
“स्मृति ने राहुल की मर्दानगी पर सवाल उठाए” (अनुवादित) -यह शीर्षक द टेलीग्राफ द्वारा 5 जनवरी, 2019 को प्रकाशित एक लेख का था। इस लेख में दावा किया गया कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के ‘पुरुषार्थ’ (‘मर्दानगी’) पर सवाल उठाते हुए इसकी तुलना भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से की। लेख में, स्मृति ईरानी के हवाले से कहा गया है, “भाजपा अध्यक्ष ने अपने पुरुषार्थ से अपना पद अर्जित किया, राहुल को उनकी माँ के आशीर्वाद के कारण मिला है “– (अनुवादित)।
केंद्रीय मंत्री का यह बयान कहता है, “भाजपा के अध्यक्ष अपने पुरुषार्थ से बने है। राहुल गाँधी अपनी माता के आशीर्वाद से कांग्रेस के अध्यक्ष बने है।” द टेलीग्राफ ने पुरुषार्थ शब्द का अनुवाद मर्दानगी (manhood) कर दिया जबकि इसे अंग्रेजी में industriousness या hard work होना चाहिए था।
सोशल मीडिया द्वारा छवि निर्माण
1. तुर्की के हाईवे को मोदी सरकार द्वारा बनाया मुंबई-गोवा नेशनल हाईवे बताया
“ये स्वीडन , स्विजरलैंड या यूरोप का नहीं बल्कि भारत का चित्र है मुंबई-गोवा राष्ट्रीय महामार्ग NH66 कशेडी घाट मेरा देश बदल रहा है , ….!
राष्ट्र नायक मोदीजी को धन्यवाद”
शानदार दिखने वाली एक सड़क की तस्वीर सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर की गई कि यह मोदी सरकार के विकास संबंधित प्रयासों का परिणाम है।
इस तस्वीर की रिवर्स इमेज सर्च ने दिखलाया कि यह तुर्की का हाईवे है। मेर्सिन-अंताल्या हाईवे को मुंबई-गोवा हाईवे 66 का एक विस्तार बता दिया गया।
2. #10YearsChallenge: कर्नाटक भाजपा ने तीन सेट तस्वीरें ट्वीट की, तीनों गलत निकली
17 जनवरी को कर्नाटक भाजपा ने 2009 और 2019 की तुलना करते हुए, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए सकारात्मक बदलावों का चित्रण करने के लिए तस्वीरों का एक कोलाज ट्वीट किया। विकासोन्मुख शासन के रूप में अपनी छवि स्थापित करने के प्रयास में, पार्टी ने इन तस्वीरों को, इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल ट्रेंड 10yearschallenge से जोड़ने के लिए #10YEARCALLENGE के साथ ट्वीट किया। इसमें ‘Challenge’ की वर्तनी गलत ‘Callenge’ थी।
#10YearCallenge Modi style ! 😎 pic.twitter.com/2z0Qqnqc9c
— BJP Karnataka (@BJP4Karnataka) January 17, 2019
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इनमें से कुछ तस्वीरें भ्रामक थीं। उदाहरण के लिए, एक तस्वीर 2014 के एक डाक्यूमेंट्री की तस्वीर थी, जबकि दूसरी तस्वीर एक लेख से ली गई थी जो सरकारी योजनाओं और विकास के प्रयासों की सीमाओं की बात करता था।
3. भाजपा ने पश्चिमी पेरीफेरल एक्सप्रेसवे दिखाने के लिए भ्रामक तस्वीरों का इस्तेमाल किया
भारतीय जनता पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कथित रूप से पश्चिमी पेरीफेरल एक्सप्रेसवे की दो तस्वीरें ट्वीट की गईं। बायीं ओर की तस्वीर से बंजर जमीन को दिखलाया गया, जबकि दाहिनी ओर की तस्वीर से यह दिखलाने का प्रयास किया गया कि कैसे यह पूर्णतया कार्यरत एक्सप्रेसवे में बदल गया था। भाजपा ने इन तस्वीरों को #5YearChallege और “तय समय-सीमा में विश्वस्तरीय संरचना उपलब्ध कराता पश्चिमी पेरीफेरल एक्सप्रेसवे चालू हुआ” कैप्शन के साथ ट्वीट किया।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि बायीं ओर की तस्वीर आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे की है और 2015 में ली गई थी। दायीं ओर की तस्वीर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की थी।
4. डिजिटल रचनाओं को दुबई में राहुल गांधी का पोस्टर छा जाने के रूप में चलाया
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुरुआती जनवरी में दो दिवसीय दौरे पर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) गए थे। उनके दौरे के दौरान और पहले, कांग्रेस नेताओं और समर्थकों ने, दुबई में उनकी कथित लोकप्रियता दिखलाने के लिए, उनकी तस्वीरों को, जिनमें उनका चेहरा दुबई के होर्डिंगों, और बसों के पीछे छाया हुआ था, ट्वीट और शेयर करते हुए, सोशल मीडिया में अति कर दी।
Dubai is all set to listen the beloved leader @RahulGandhi. He will be talking to Indian Diaspora and Students on his two day visit. #RahulGandhiInUAE #RGinUAE pic.twitter.com/OJA9a8xrlY
— Khursheed ख़ुर्शीद خورشید 🇮🇳 (@KhursheedAhmedA) January 11, 2019
ये तस्वीरें डिजिटल रूप से बनाई गई थीं। बस के पिछले शीशे पर गांधी के पोस्टर की तस्वीर फ़ोटोशॉप की हुई थी। होर्डिंगों पर उनकी तस्वीर, इमेज सॉफ़्टवेयर एप्लिकेशन का उपयोग करके बनाए गए थे।
विविध
उपरोक्त के अलावा भ्रामक /विघटनकारी सूचनाओं के कुछ अन्य महत्वपूर्ण उदाहरण पिछले महीने छाए रहे।
1. आतंकवाद से मुकाबले में मोदी सरकार को बेहतर दिखलाने के लिए परेश रावल ने गलत आंकड़े ट्वीट किए
“मोदी के 4.5 साल का शासन, 61 आम लोग मरे, 200 जवान शहीद और 1701 आतंकवादी मारे, और, मनमोहन सिंह का 10 साल का शासन, 1788 आम लोग मरे, 1177 जवान शहीद और सिर्फ 241 आतंकवादी मारे, अब देश बताए कौन है देश का असली सुरक्षा कवच और रक्षक जिस पर भारत भरोसा करे।” आंकड़ों का यह सेट अभिनेता से भाजपा सांसद बने परेश रावल ने ट्विटर पर “ध्यान देने योग्य बात!!!” शब्दों के साथ शेयर किया था। इसे सोशल मीडिया पर अखबार की क्लिप के रूप में शेयर किया गया।
इन संख्याओं की तथ्य-जांच से पता चला कि वे गलत हैं। साथ ही, उपरोक्त तस्वीर बदली हुई है — मोदी सरकार को इसके पूर्ववर्ती की तुलना में बेहतर दिखलाने के लिए संख्याओं को बदल दिया गया है।
2. योगी आदित्यनाथ का झूठा दावा: “मेरे कार्यकाल में कोई दंगा नहीं”
“मार्च में मेरे शासनकाल के दो वर्ष पूरे होंगे। मेरे अब तक के शासन में, कोई दंगा नहीं हुआ है।” -यह ट्वीट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 जनवरी, 2019 को किया। उन्होंने दावा किया कि उनके कार्यकाल में कोई दंगा नहीं हुआ।
मार्च में मेरे शासनकाल के दो वर्ष पूरे होंगे। मेरे अब तक के शासन में, कोई दंगा नहीं हुआ है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 3, 2019
एक ओर आदित्यनाथ दावा करते हैं कि उनके कार्यकाल में कोई दंगा नहीं हुआ, वहीं दूसरी ओर, गृह मंत्रालय की रिपोर्ट कुछ और कहती है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर द्वारा 11 दिसंबर, 2018 को लोकसभा में दिए गए एक जवाब के अनुसार, 2017 में देशभर में 822 साम्प्रदायिक दंगे हुए, जिनमें से अकेले उत्तर प्रदेश में 195 हुए थे। साम्प्रदायिक दंगों की कुल 195 घटनाओं में 44 लोग मारे गए थे और 542 लोग घायल हुए थे।
3. अमित शाह का झूठा दावा: तृणमूल कांग्रेस की रैली में ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे नहीं लगे
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के मालदा में अपनी रैली में दावा किया कि विपक्ष की महागठबंधन रैली के दौरान ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे नहीं लगे। भारतीय जनता पार्टी ने अपने आधिकारिक हैंडल से ट्वीट किया, “जिस गठबंधन की रैली में भारत माता की जय का जयकारा ना लगता हो, वन्दे मातरम् के नारे नहीं लगते हो, वो देश का क्या भला करेंगे? श्री अमित शाह”
19 जनवरी को कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में यूनाइटेड इंडिया रैली आयोजित हुई थी, जिसमें विपक्षी पार्टियां केंद्र सरकार में बदलाव के लिए एकजुट हुई थीं। इस कार्यक्रम का 5-घंटे से ज्यादा का वीडियो अमित शाह के बयान को गलत साबित करता है। इस पूर्ण वीडियो में 3:04:35वें घंटे पर, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ‘जय हिंद’ के नारों के बाद ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है।
4. ट्विटर हैंडल ‘नो द नेशन’ ने राहुल गांधी का क्लिप्ड वीडियो शेयर किया
6 जनवरी को ट्विटर हैंडल नो द नेशन (@knowthenation) ने राफेल डील पर लोकसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी का एक वीडियो ट्वीट किया। 9-सेकेंड की इस क्लिप में, कांग्रेस अध्यक्ष को यह कहते हुए सुना जा सकता है — “मेरे पास अब तक कोई सबूत नहीं है, लेकिन मैं बहुत स्पष्ट हूं कि प्रधानमंत्री सीधे तौर पर शामिल हैं।” इसने यह धारणा दी कि गांधी, पीएम मोदी पर बिना सबूत भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे थे। इस वीडियो को 10 लाख से ज्यादा बार देखा गया और इसका आर्काइव यहां देखा जा सकता है।
“I have no proof so far, but I am very clear that the Prime Minister is directly involved”#RafaleDeal pic.twitter.com/54AUXcG7sz
— Know The Nation (@knowthenation) January 6, 2019
नो द नेशन ने एक लंबे वीडियो में से केवल 9-सेकेंड की क्लिप को ट्वीट करके राहुल गांधी के बयान को गलत तरीके से रखा। यदि कोई उनके पूरे भाषण को सुने, तो गांधी यह नहीं कहते हैं कि, ”मेरे पास अब तक कोई सबूत नहीं है, लेकिन मैं बहुत स्पष्ट हूं कि प्रधानमंत्री सीधे तौर पर शामिल हैं।” वास्तव में, उनका बयान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को निर्देशित था। वह कहते हैं कि उनके पास अभी तक उनके (सीतारमण के) शामिल होने का कोई सबूत नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री सीधे घोटाले में शामिल हैं। नो द नेशन पर ऑल्ट न्यूज़ की रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है।
सत्ता को आईना दिखाने वाली पत्रकारिता का कॉरपोरेट और राजनीति, दोनों के नियंत्रण से मुक्त होना बुनियादी ज़रूरत है. और ये तभी संभव है जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर ऑल्ट न्यूज़ को डोनेट करें.
बैंक ट्रांसफ़र / चेक / DD के माध्यम से डोनेट करने सम्बंधित जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.