12 अगस्त को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सुरेश चव्हाणके को उनके मीडिया संगठन सुदर्शन न्यूज़ की 14वीं वर्षगांठ पर बधाई दी। गोयल ने लिखा, “मुझे विश्वास है कि आपका चैनल समाचारों के द्वारा समाज को सच से अवगत कराता रहेगा।”
समाचार जगत में अपना विशेष स्थान बनाने वाले @SudarshanNewsTV के 14 वर्ष पूर्ण होने पर @SureshChavhanke जी को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।
मुझे विश्वास है कि आपका चैनल समाचारों के द्वारा समाज को सच से अवगत कराता रहेगा।
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) August 12, 2019
दो महीने बाद, चव्हाणके ने एक प्रसारण चलाया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, हिंदू समाज नेता कमलेश तिवारी की हत्या के बाद झूम कर ‘नाचे’। इसमें चव्हाणके ने ANI द्वारा अपलोड किए गए ओवैसी का एक वीडियो चलाया, जिसमें ओवैसी को पतंग (उनकी पार्टी का प्रतीक) उड़ाने का प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है। इसे लखनऊ में 18 अक्टूबर को हुई तिवारी की हत्या से एक दिन पहले यानि 17 अक्टूबर को रिकॉर्ड किया गया था।
चोरों और आतंकियो की मौत का मातम मनाने वाला ओवैसी #कमलेश_तिवारी के बलिदान के बाद झूम कर नाचा
ऐसे लगा कि जैसे इसका कोई मिशन सफ़ल हुआ हो.@myogiadityanath @AmitShah और @narendramodi जी, इसका बाहर रहना न जाने और कितने #KamleshTiwari
की हत्या की वजह बनेगा@aimim_national #BindasBol pic.twitter.com/bggFOvUHWU— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) October 20, 2019
सुदर्शन न्यूज़ के प्रोग्रामिंग हेड, राजेश राणा ने ऑल्ट न्यूज़ को समझाया कि ‘भ्रम’ की वजह से यह गलतफहमी हुई थी। उन्होंने बताया, “ANI ने 18 अक्टूबर को वह वीडियो अपलोड किया था, इसलिए, हमने बताया कि उसी दिन वीडियो क्लिप को शूट किया गया था”। उल्लेखनीय है कि भले ही ANI ने 18 अक्टूबर को वीडियो अपलोड किया था, लेकिन उसके ट्वीट में स्पष्ट उल्लेख था कि यह कार्यक्रम पिछले दिन हुआ था।
संयोग देखिए कि इस चैनल की ऑल्ट न्यूज़ से हुई बातचीत के बावजूद, इसके तुरंत बाद, सुरेश चव्हाणके ने तिवारी की हत्या का, ओवैसी द्वारा ‘जश्न’ मनाने के ‘सबूत’ के रूप में ट्वीट भी किया। उनके स्पष्टीकरण में साझा किया गया वीडियो भी, समान नहीं था जिसे सुदर्शन न्यूज ने 20 अक्टूबर के प्रसारण में इस्तेमाल किया था।
ओवैसी के डांस का सबूत #कमलेश_तिवारी_हत्याकांड के जश्न में, कटकटगेट, प. विधानसभा, संभाजीनगर (औरंगाबाद) महाराष्ट्र में 19 अक्टूबर 4 pm.
ओवैसी भक्त कहेंगे कि ये डाँस नही पतंग उड़ाने का स्टाइल है, पर इस्लाम में पतंग उड़ाना ग़ैर इस्लामिक है, तो औवैसी ने कैसे किया होगा #ArrestOwaisi pic.twitter.com/7VbLWvoMr6
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) October 22, 2019
इस गलत खबर के अलावा, चव्हाणके की लगभग घंटा भर लंबी रिपोर्ट, जिसमें उन्होंने दावा किया कि तिवारी की हत्या के जश्न में ओवैसी ने ‘नृत्य’ किया, कार्यक्रम में उनका लहज़ा लगातार अपमानजनक रहा। उन्होंने सुझाव दिया कि AIMIM नेता को सलाखों के पीछे बंद किया जाना चाहिए। चव्हाणके और उनके चैनल से परिचित लोग उनके द्वारा मुस्लिम समुदाय को बार-बार निशाना बनाने की बात से अनजान नहीं हैं।
इससे पहले, जून में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर, चव्हाणके ने भारत में मुसलमानों को और बढ़ने से रोकने के लिए देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर ‘जन संसद’ का आयोजन किया था। भाजपा सांसद गिरिराज सिंह के समर्थन से आयोजित इस रैली के हर तरफ से मुस्लिम विरोधी बयानबाजी हुई थी।
इस लेख में, सुदर्शन न्यूज़ द्वारा प्रसारित और इसके सीएमडी व प्रमुख संपादक, सुरेश चव्हाणके द्वारा प्रचारित गलत सूचनाओं के कई मामलों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो अक्सर सांप्रदायिक होते हैं।
सुदर्शन न्यूज़
1. यूपी पुलिस के खिलाफ मस्जिद के फरमान के बारे में गलत खबर
जुलाई 2018 में, सुदर्शन न्यूज़ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी जिसका दावा था कि उत्तर प्रदेश में एक मस्जिद द्वारा यूपी पुलिस के खिलाफ एक फरमान जारी किया गया था।
शुरू हो गया वो सब कुछ जिसका डर था . #up की एक #मस्जिद से आया फरमान – “टुकड़े टुकड़े में काटना है @Uppolice वालों को”@baghpatpolice @dgpup @myogiadityanath @narendramodi@adgzonemeerut @HMOIndia #UPCM https://t.co/B2YBnlCpZ2
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) July 21, 2018
यह खबर झूठी निकली, ऑल्ट न्यूज़ ने इसकी पड़ताल की थी। किसी भी मस्जिद से कोई फरमान जारी नहीं किया गया था, बल्कि अनीस नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस को धमकी दी थी क्योंकि वह अपने बेटे की मौत की जांच से असंतुष्ट था। सुदर्शन न्यूज़ की रिपोर्ट भ्रामक थी और बागपत पुलिस ने भी इसकी सच्चाई के बारे में बताया था। लेकिन, चव्हाणके अपने संगठन की तथ्यात्मक रूप से गलत रिपोर्ट पर अड़े रहे।
2. पुराने वीडियो को एडिट कर RSS कार्यकर्ताओं की हत्या करने के नारों से जोड़ा
सुदर्शन न्यूज़ ने 1 जुलाई, 2019 के प्रसारण में एक वीडियो चलाया जिसमें हाथ में तलवार लिए लोग आरएसएस कार्यकर्ताओं को मारने के नारे लगाते हुए दिख रहे थे।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस वीडियो को एडिट किया गया था। बिहार के डेहरी में अयोजित मुहर्रम के जुलूस के वीडियो को RSS विरोधी नारों के साथ जोड़ा गया था।
3. दिव्यांग व्यक्ति को ‘रोहिंग्या अपराधी’ दर्शाया
सितंबर 2017 में, सुदर्शन न्यूज़ ने एक दिव्यांग व्यक्ति की तस्वीर पोस्ट करके दावा किया कि वह पुलिस द्वारा पकड़ा गया ‘रोहिंग्या अपराधी’ था।
सुरेश चव्हाणके ने यह लेख ट्वीट किया जो अभी भी उनकी टाइम लाइन पर उपलब्ध है।
पनाह दे कर तबाह होने की कगार पर बंगलादेश.. बंगलादेशी पुलिस ने पकडे तीन रोहिंग्या अपराधी https://t.co/AmmRTWVsL7
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) September 30, 2017
पिछले साल SM Hoaxslayer ने रिपोर्ट की थी कि दिव्यांग बताए गए तस्वीर वाला व्यक्ति, वास्तव में एक कार्यकर्ता और बांग्लादेश के गणजागरण मंच के सदस्य थे। यह तस्वीर 2014 में आयोजित उस संगठन के विरोध प्रदर्शन की थी।
4. दिल्ली में बवाना के स्थानीय लोगों को ‘रोहिंग्याओं’ के रूप में संदर्भित किया
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग (DMC) ने मई 2018 में गलत रिपोर्ट प्रसारित करने के लिए सुदर्शन टीवी को नोटिस जारी किया था, जिसमें कथित तौर पर उत्तरी दिल्ली के बवाना क्षेत्र के कुछ स्थानीय लोगों को ‘रोहिंग्याओं’ और ‘बांग्लादेशियों’ के रूप में संदर्भित किया गया था।
आयोग ने चैनल को माफीनामा प्रसारित करने और भविष्य में ऐसी कोई रिपोर्ट प्रसारित नहीं करने का एक वचन-पत्र प्रस्तुत करने का आदेश भी दिया।
5. बुलंदशहर में भीड़ हिंसा से तब्लीगी इज़्तेमा को जोड़ा; पुलिस का इनकार
3 दिसंबर को बुलंदशहर जिले के सियाना तहसील में कथित अवैध गौ हत्या का विरोध कर रही भीड़ का पुलिस से टकराव के बाद एक पुलिस अधिकारी की हत्या कर दी गई। चव्हाणके ने ट्वीट करके यह सुझाव दिया कि यह हिंसा वहां हुए तब्लीगी इज्तेमा से जुड़ा हुआ था- “बुलंदशहर इज्तेमा के बवाल के बाद कई स्कूलों में बच्चे फँसे है, रो रहे है, लोग जंगल में है, घरों के दरवाज़े बंद कर के लोग सहमे हूए है- सुदर्शन से लाईव बातचीत में स्थानीय लोग।”।
#बुलंदशहर_इज्तेमा के बवाल के बाद कई स्कूलों में बच्चे फँसे है, रो रहे है, लोग जंगल में है, घरों के दरवाज़े बंद कर के लोग सहमे हूए है- सुदर्शन से लाईव बातचीत में स्थानीय लोग। #बुलंदशहर_में_बवाल @SudarshanNewsTV पर लाईव
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) December 3, 2018
बुलंदशहर पुलिस ने ट्विटर के माध्यम से स्पष्ट किया कि शहर को हिला देने वाली उस हिंसा का इज्तेमा की जुटान से कोई संबंध नहीं था। चव्हाणके के ट्वीट का जवाब देते हुए पुलिस ने गलत सूचना नहीं फैलाने की अपील की।
कृपया भ्रामक खबर न फैलाएं। इस घटना का इज्तिमा कार्यक्रम से कोई संबंध नही है। इज्तिमा सकुशल सम्पन्न समाप्त हुआ है। उपरोक्त घटना इज्तिमा स्थल से 45-50 किमी थाना स्याना क्षेत्र मे घटित हुई है जिसमे कुछ उपद्रवियो द्वारा घटना कारित की गयी है।इस संबंध मे वैधानिक कार्यवाही की जा रही है https://t.co/TwouiJoqhu
— Bulandshahr Police (@bulandshahrpol) December 3, 2018
ऑल्ट न्यूज़ ने एक लेख में इस दावे की पड़ताल की थी।
6. शाहरुख खान के हवाले से नकली बयान
सुदर्शन न्यूज़ ने 18 मई, 2014 के प्रसारण में दावा किया कि बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान ने कहा कि वह पीएम मोदी के सत्ता में आने पर देश छोड़ देंगे।
सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके का शाहरुख खान पर वार..
देखिए आज रात 8 बजे बिंदास बोल में ‘मोदी… http://t.co/MlV5ynH693— Sudarshan News (@SudarshanNewsTV) May 18, 2014
खान ने कभी भी वह कथित बयान नहीं दिया, यह एक ट्वीट में बदलाव कर उन्हें गलत तरीके से ज़िम्मेदार ठहराया गया था। ऑल्ट न्यूज़ ने इस गलत खबर की पड़ताल की थी।
Good time to tell all fools who r talking of a tweet that I didn’t tweet, u suck as much as the grammar of that fake tweet & I’m being kind.
— Shah Rukh Khan (@iamsrk) May 18, 2014
7. आधिकारिक घोषणा से पहले ही पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की मृत्यु की सूचना
16 अगस्त, 2018 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्वास्थ्य गंभीर स्थिति में बताया गया। कई मीडिया संगठनों ने ‘ब्रेकिंग न्यूज’ प्रकाशित करने के लिए बिना उचित जानकारी और पड़ताल के आधिकारिक घोषणा किए जाने से पहले ही वाजपेयी की मौत की सूचना का प्रसारण कर दिया। एम्स ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री ने शाम 5:05 बजे अंतिम सांस ली। लेकिन, सुदर्शन न्यूज़ ने उन्हें पहले ही 3 बजे मृत घोषित कर दिया था।
8. दावा कि जेल में बंद राम रहीम नकली, असली विदेश में
पिछले साल एक हास्यपूर्ण फेसबुक लाइव में, सुरेश चव्हाणके ने दावा किया कि बलात्कार के मामले में सज़ा होने के बाद गुरमीत राम रहीम सिंह को जेल में नहीं रखा गया, बल्कि सज़ा सुनाए जाने के तीन महीने पहले से वह विदेश में रह रहा है।
सबसे बडा खुलासा !
नकली गुरमीत जेल में! असली विदेश में !! #DuplicateGurmit शाम 7 बजे से गुरमीत के साथ १५० एपिसोड कर चुके एक बडी हस्ति के साथ
सुदर्शन न्यूज पर। Facebook LivePosted by Sudarshan News on Friday, 1 September 2017
13-मिनट के इस लाइव वीडियो में, उन्होंने बेतुके दावे किए, जैसे कि गिरफ्तार व्यक्ति राम रहीम नहीं बल्कि उसका डुप्लिकेट था। उन्होंने यह भी कहा कि उसकी पहचान साबित करने के लिए कैद व्यक्ति का डीएनए परीक्षण किया जाना चाहिए।
यह फेसबुक लाइव 1 सितंबर, 2017 को सुदर्शन न्यूज़ के आधिकारिक पेज से प्रसारित किया गया, उसी दिन हिंदुस्तान टाइम्स के एक लेख में बताया गया कि राम रहीम के सेल से सटे एक कैदी ने कहा कि उसने रात में खुद को भगवान बताने वाले की चीख सुनी और डर के मारे किसी ने खाना नहीं खाया।
सुदर्शन न्यूज़ का बयान
ऑल्ट न्यूज़ ने सुदर्शन न्यूज़ द्वारा बार-बार साझा की जाने वाली विभाजनकारी टिप्पणियों के लिए इस चैनल से संपर्क किया। राजेश राणा ने बताया कि जब कोई सूचना नेटवर्किंग प्लेटफार्मों से उठाई जाती है, उनका संगठन ‘सोशल मीडिया’ को स्रोत के रूप में उद्धृत करता है। यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसी सामग्री का प्रसारण से पहले जांच की जाती है? कार्यक्रम प्रमुख ने कहा कि सही या गलत का दावा किए बिना यह चैनल दर्शकों को वायरल सामग्री के बारे में सूचित करता है।
लेकिन इस रिपोर्ट में पहले दी गई गलत सूचना के मामले, राणा का बयान इसके विपरीत हैं, जिनमें चैनल ने गैरसत्यापित सोशल मीडिया पोस्ट को सच की तरह प्रसारित किया है। साथ ही, इस चैनल का इस तथ्य को स्वीकार करना चिंता का प्रमुख कारण है, कि यह बिना सत्यापन वायरल सामग्री प्रकाशित करता है और इस तरह, न केवल झूठे दावों को श्रेय देता है, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित भी करता है।
राणा ने सोशल मीडिया पोस्टों पर ‘बेबुनियाद’ आरोप लगाए और दावा किया कि सुदर्शन न्यूज़ ने भ्रामक सामग्री के लिए अक्सर स्पष्टीकरण दिए हैं। लेकिन, वह ऐसा कोई मामला नहीं बता पाए है।
सुरेश चव्हाणके से बातचीत करने का हमारा प्रयास सफल नहीं हुआ।
सुरेश चव्हाणके ने खुद साझा की गलत सूचनाएं
1. दावा: नेहरू ने कहा वह ‘एक्सिडेंटली हिंदू हैं’
27 नवंबर, 2018 को, चव्हाणके ने ट्वीट किया कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने खुद को ‘एक्सिडेंटली हिंदू’ कहा। इस लेख को लिखते समय, चव्हाणके के ट्वीट को 2,300 से अधिक लाइक और 900 रीट्वीट मिले।
हम सारे #हिंदू वादियों का यह यश है। जिस #नेहरू ने खुद को एक्सिडेंटली #Hindu कहा था। आज उसी #Secular #नेहरू_गांधी घराने का वंशज @RahulGandhi खुद को ज़बरदस्ती #हिंदु साबित करने के लिए न जाने कितने जतन कर रहा है। #BindasBol ! @SudarshanNewsTV #जयश्रीराम #गोत्र #गोत्र_दत्तात्रेय
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) November 27, 2018
इस दावे की पड़ताल पहले भी कई बार ऑल्ट न्यूज़ ने की है (1, 2)। नेहरू ने खुद को ‘दुर्घटनावश हिंदू’ नहीं कहा, बल्कि उन्हें ‘शिक्षा से अंग्रेज, संस्कृति से मुस्लिम और जन्म से संयोगवश हिंदू’ के रूप में हिंदू महासभा के नेता एन बी खरे को उद्धृत करते हुए बी आर नंदा ने अपनी पुस्तक ‘द नेहरुज: मोतीलाल एंड जवाहरलाल‘ में वर्णित किया था।
2. वीडियो के साथ दावा कि मुस्लिम लड़के ने भारतीय ध्वज फाड़ा
सोशल मीडिया में वायरल एक वीडियो में, एक किशोर लड़के को “मैं पक्का मुसलमान हूं” कहते हुए राष्ट्रीय ध्वज फाड़ते हुए देखा गया था। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि लड़का वास्तव में हिंदू समुदाय से था और विवाद खड़ा करने के लिए मुस्लिम बन गया था। सुरेश चव्हाणके भी, इस गैरसत्यापित वीडियो को प्रसारित करने वालों में से थे। उन्होंने एक लंबा संस्करण ट्वीट किया जिसमें लड़के के साथ दुर्व्यवहार किया गया, माफी मांगने के लिए और “पक्का हिंदू हूं” कहने के लिए मजबूर किया गया। ट्वीट को लगभग 2,000 बार रीट्वीट किया गया है।
पक्का मुसलमान हूँ इसलिए तिरंगा फाड़ के फेंकने वाला “स्वामी अग्निवेश” संस्कार होते ही #भारत_माता_की_जय बोल कर नारे देने लगा। लातों के भूत बातों से नहीं मानते। अब कोई कहेगा कि ये तो #Lynching है पर कोई यह भी बताए कि संविधान इस को कैसे रोक सकता है? क़ानून तो इनको रोकने में विफल है ! pic.twitter.com/MvVgV3UcSL
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 21, 2018
3. रोहिंग्याओं के खिलाफ घृणा फैलाने के लिए गोधरा दंगों की तस्वीरों का इस्तेमाल
सितंबर 2017 में, चव्हाणके ने ट्वीट किया – “जब रोहिंग्या मुसलमानों की जयपुर में जांच की तो, 25,000 की भीड़ ने पुलिस स्टेशन को घेर लिया ..” उनका ट्वीट #DeportRohingya अपील के साथ पूरा होता है। चव्हाणके ने बाद में कई उपयोगकर्ताओं द्वारा यह बताए जाने के बाद कि तस्वीरें गुजरात की थीं, ट्वीट को हटाया था।
बाईं ओर की तस्वीर 2014 के वडोदरा हिंसा की है और सबसे नीचे दाईं ओर की तस्वीर 2002 के गुजरात दंगों की है। ऊपर दाएं ओर की तस्वीर लंदन में हुए 2011 के दंगों की है।
4. ‘हिंदू विरोधियों’ द्वारा नागा साधू की पिटाई के झूठे दावे
इससे पहले सितंबर 2018 में, चव्हाणके ने प्रधानमंत्री मोदी से नागा साधु की पिटाई करने वाले ‘हिंदू विरोधियों’ के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की।
प्रधानमंत्री @narendramodi जी इस नागा साधु पर जानवर की तरह डंडे चलाने वाले इस हिन्दू द्रोही को किसी भी क़ीमत पर, कुछ भी करके, तुरंत खोजा जाए और कठोर से कठोर कारवाई की जाए. #कृष्णजन्माष्टमी पर इससे बड़ा पुण्य का काम कोई नहीं होगा. #KrishnaJanmashtami तभी #HappyJanamashtami कहने https://t.co/pciZWg8BQM
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) September 3, 2018
ऐसा ही एक दावा सोशल मीडिया में वायरल हुआ था और ऑल्ट न्यूज़ ने इसकी पड़ताल की थी। देहरादून पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बयान जारी कर स्पष्ट किया गया था- “उक्त व्यक्ति एक बहुरूपिया है, जिसके विरुद्ध नशे की हालत में छेड़छाड़ की एक घटना में संलिप्त होने की शिकायत पर वैधानिक कार्यवाही की गयी है।” वह आदमी नागा साधु नहीं, बल्कि भीख मांग कर गुज़ारा करने वाला था, जिसे एक घर की महिला से छेड़छाड़ के आरोप में हिंदू परिवार ने पीटा था।
सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति जिसे नागा साधु बताते हुए कुछ लोगों द्वारा पीटने का एक वीडियो वाइरल किया जा रहा है।
उक्त संबंध में ज्ञात हो कि उक्त व्यक्ति एक बहुरूपिया है, जिसके विरुद्ध नशे की हालत में छेड़छाड़ की एक घटना में संलिप्त होने की शिकायत पर वैधानिक कार्यवाही की गयी है। pic.twitter.com/GB9uoDlsMs— SSP Dehradun (@DehradunSsp) August 30, 2018
5. दावा किया गया कि पाकिस्तानी इस्लामिक विद्वान तारिक़ जमील को बुलंदशहर इज्तेमा में आमंत्रित किया गया
जमील के एक वीडियो को ट्वीट करते हुए, जिसमें उन्हें सिख महाराजा रणजीत सिंह को “डकैत” कहते हुए सुना जा सकता है, चव्हाणके ने दावा किया कि इस पाकिस्तानी इस्लामिक विद्वान को उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में आयोजित इज्तेमा में आमंत्रित किया गया था।
पंजाब के शेर राजा रणजीत सिंह जी को डाकू और कंबख्त कहने वाला पाकिस्तानी मौलवी तारिक @TariqJamilOFCL को #बुलंदशहर_इज्तेमा में क्यो बुलाया गया है? सिध्दू @sherryontopp ने हौसला बढ़ाया है? @Uppolice @myogiadityanath @RSSorg @rajnathsingh pic.twitter.com/9w3cH99d3e
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) December 3, 2018
इस लेख में पहले ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि कैसे सुदर्शन न्यूज़ ने बुलंदशहर हिंसा को पिछले साल 1 से 3 दिसंबर तक उस शहर में हुए तब्लीगी इज्तेमा से जोड़ा था। तारिक़ इस दौरान यूपी में मौजूद नहीं हो सकते थे क्योंकि वह 2 दिसंबर को पाकिस्तान से एक वीडियो लाइव कर रहे थे।
I’m live streaming on @YouTube. Come watch: https://t.co/PQp1V0Ye5I
— Tariq Jamil (@TariqJamilOFCL) December 2, 2018
गलत सूचनाएं प्रसारित करने के अलावा, सुदर्शन न्यूज़ की सामग्री कथित रूप से सांप्रदायिक/धार्मिक स्तर पर नफरत फैलाने के लिए सरकार और स्थानीय पुलिस की निगाह में भी आई है।
धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के लिए यूपी पुलिस ने मामला दर्ज किया
अप्रैल 2017 में, धार्मिक भावनाओं को आहत करने और धार्मिक समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में सुदर्शन न्यूज़ और सुरेश चव्हाणके पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मामला दर्ज किया गया था।
विभिन्न समुदायों के नागरिकों द्वारा शिकायत करने पर कि चैनल ने ऐसे कार्यक्रम प्रसारित किए, जो सांप्रदायिक भेदभाव को बढ़ावा देते थे, पुलिस ने कार्रवाई की। द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, समीक्षा के बाद पुलिस ने निष्कर्ष निकाला कि कई क्लिपों में, चव्हाणके ने कथित रूप से “हिंदू-मुस्लिम नफ़रत” फैलाने वाले बयान दिए।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चव्हाणके को 14 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। हालांकि अगले दिन ज़मानत दे दी गई। इससे पहले, केंद्र ने राज्यसभा में इस मीडिया संगठन के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
मुज़फ्फरनगर दंगों के दौरान हिंसा भड़काने के लिए कारण बताओ नोटिस
2013 में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने शिकायतें दर्ज कराए जाने के बाद कि यह चैनल मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के दौरान हिंसा भड़का रहा था, सुदर्शन न्यूज़ को कारण बताओ नोटिस भेजा गया था।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के अनुसार, उस समय मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम सुदर्शन टीवी द्वारा प्रसारित सामग्री की निगरानी कर रहे हैं और हमारा मानना है कि यह चैनल नीतियों का उल्लंघन कर रहा है, क्योंकि माना जाता है कि कुछ सामग्री ने हिंसा को भड़काया है। हमने उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया है क्योंकि हमारा मानना है कि उन्हें अपना विचार रखने का मौका दिया जाना चाहिए। अब तक, हमें केवल सुदर्शन टीवी के बारे में शिकायत मिली है और किसी अन्य ब्रॉडकास्टर के खिलाफ नहीं।”-अनुवाद।
एक प्रतिक्रिया में चव्हाणके ने कहा कि उनका “स्वच्छ रिकॉर्ड का इतिहास है और वे केवल अपने दर्शकों से शांत रहने की अपील कर रहे थे।”
छत्तीसगढ़ BJP सदस्य ने नफरत फैलाने के लिए सुदर्शन न्यूज़ के खिलाफ FIR दर्ज़ कराई
हाल ही के एक लेख में, न्यूज़लांड्री ने बताया कि सुदर्शन न्यूज़ ने छत्तीसगढ़ में भूमि विवाद के एक मामले को सांप्रदायिक रंग दिया। उनके प्रसारण की मुख्य बात थी, “छछत्तीसगढ़ में जिहादियों का नंगा नाच हिंदू महिलाओं को रेप की धमकी”।
छत्तीसगढ़ में जिहादियों का नंगा नाच हिंदू महिलाओं को रेप की धमकी देखिये बिंदास सप्ताह विशेषांक में https://t.co/jsJ27gCRBi
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) July 7, 2019
न्यूज़लांड्री ने बताया कि चैनल की इस रिपोर्ट के बाद, “11 जुलाई को संजय सिंह नाम के एक व्यक्ति ने सुदर्शन के ब्यूरो चीफ योगेश मिश्रा, विजया गुप्ता, उनकी बेटी करिश्मा गुप्ता और बजरंग दल के एक नेता व गुप्ता परिवार के करीबी ओमेश विसेन, के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। भाजपा राज्य कार्यकारिणी के सदस्य संजय सिंह ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153A के तहत पुरानी बस्ती पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज़ कराई।”
चैनल के प्रमुख संपादक अपनी रिपोर्ट पर अड़े रहे।
गलत सूचनाओं के दुष्प्रचार के बावजूद राजनीतिक संरक्षण
सुरेश चव्हाणके का ट्विटर कवर फोटो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है, जिसमें दोनों एक-दूसरे को नमस्कार करते हुए मुस्कुरा रहे हैं। फ़र्ज़ी खबरों के नियमित पैरोकार होने के बावजूद, चव्हाणके प्रभावशाली व्यक्तित्वों की सोहबत में हैं।
अगस्त 2018 में, उन्होंने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के साथ भोज की तस्वीरें ट्वीट कीं और पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से इन शब्दों में उनकी तुलना की — “पिछले उपराष्ट्रपति #HamidAnsari और वेंकैया जी में ज़मीन आसमान का अंतर दिखाई दिया”।
उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू जी ने आज संपादकों और वरिष्ठ पत्रकारों को भोजन पर बुलाया था। हमेशा की तरह घुल मिलकर उपराष्ट्रपति भवन के महत्वपूर्ण हिस्से को दिखाया।ख़ुद सबको हॉल के द्वार तक छोड़ने आए।पिछले उपराष्ट्रपति #HamidAnsari और वेंकैया जी में ज़मीन आसमान का अंतर दिखाई दिया pic.twitter.com/rPxmfmbtYx
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) August 14, 2018
चव्हाणके भाजपा सांसद गिरिराज सिंह के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों का आनंद उठाते हुए मालूम पड़ते हैं, जिन्होंने सुदर्शन न्यूज़ की 14वीं वर्षगांठ पर उन्हें बधाई दी।
सुदर्शन न्यूज़ के 14 साल पूरे होने पर @SureshChavhanke को बहुत-बहुत बधाई।
प्रभु राष्ट्रहित के लिए आपको सदैव शक्ति देतें रहें ।#14yrsOfSudarshanNews— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) August 11, 2019
प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में सुदर्शन न्यूज़ के संपादक भी आमंत्रित किए गए थे।
At Rashtrapati Bhawan in Sweering in ceremony with many friends, now @SureshChavhanke ji with me pic.twitter.com/Sc5wkKPI7H
— Subhash Chandra (@subhashchandra) May 30, 2019
भाजपा के अन्य प्रमुख नेता, जो चव्हाणके से दोस्ती का संबंध रखते हैं, उनके बारे में अक्सर प्रशंसा करते हुए ट्वीट करते हैं, उनमें केंद्रीय मंत्रियों रविशंकर प्रसाद और धर्मेंद्र प्रधान, सांसद विनय सहस्रबुद्धे, निरंजन ज्योति, हरिओम पांडे, अमर सिंह और विधायक टी राजा सिंह हैं।
सुदर्शन न्यूज़ द्वारा प्रकाशित अधिकांश लेख अपने पाठकों को भावनात्मक रूप से भड़काने वाले हैं और चैनल द्वारा प्रसारित अधिकांश कार्यक्रम सनसनीखेज़ होते हैं। एक ही संप्रदाय की बातों को बढ़ावा देने के लिए कई बार निंदा किए जाने के बावजूद, यह चैनल लगातार वैचारिक ध्रुवीकरण के लिए खतरनाक भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करता है और इसे राजनीतिक संरक्षण मिला रहता है। बड़ी फॉलोअर्स संख्या वाले किसी मीडिया संगठन द्वारा किसी भी गलत रिपोर्ट को प्रसारित करने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। केवल सोशल मीडिया (फेसबुक और ट्विटर) पर, सुदर्शन न्यूज़ और सुरेश चव्हाणके की संयुक्त रूप से 13 लाख से अधिक फॉलोअर्स की संख्या है – जनता की राय को आकार देने की इनकी क्षमता को किसी के भी द्वारा हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।
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