एक वीडियो फ़ेसबुक पर काफ़ी शेयर किया जा रहा है. इसे शेयर करने वाले दावा कर रहे हैं कि पश्चिम बंगाल के कोलकाता में इस्लाम के समर्थन में नारे लग रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा गया है, “ममता की छांव में आज ये रेली कलकत्ता में निकली है । कल पुरे देश में निकलेंगी तब सिर्फ मोदी याद आयेंगा।” ये वीडियो फ़ेसबुक पर ट्विटर दोनों पर खूब शेयर किया जा रहा है.

 

सितम्बर 2020 में यही वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा था, “यह दृश्य कश्मीर या केरल की नहीं है। यह आपके ममता दीदी के राज्य पश्चिम बंगाल कि राजधानी कलकत्ता की है।जहां इस्लाम जिंदाबाद के नारे लग रहे है। जागो हिन्दू जागो।”

यह दृश्य कश्मीर या केरल की नहीं है।
यह आपके ममता दीदी के राज्य पश्चिम बंगाल कि राजधानी कलकत्ता की है।जहां इस्लाम जिंदाबाद के नारे लग रहे है।

जागो हिन्दू जागो।

Posted by संजय उवाच on Sunday, 6 September 2020

फ़ेसबुक पर ये वीडियो वायरल है.

पाकिस्तानी-कनाडाई लेखक तारिक फ़तह ने 28 अगस्त को एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, “ये कराची, कश्मीर या केरला नहीं है. इस्लाम ज़िंदाबाद का नारा ममता बनर्जी द्वारा शासित राज्य पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में लगाया जा रहा है.” हालांकि, ये ट्वीट डिलीट कर दिया गया है लेकिन इसका आर्काइव यहां देखा जा सकता है. तारिक फ़तह को इससे पहले भी कई मौकों पर गलत जानकारी शेयर करते हुए देखा गया है.

tarek fatah

फ़ेसबुक पर सूजोन राणा नाम के एक यूज़र ने 21 अगस्त को यही वीडियो पोस्ट किया है. इसे शेयर करते हुए लिखा गया है, “राज्य का धर्म इस्लाम है! इंशाअल्लाह इस्लामिक ही रहेगा. नास्तिकों की ये कामना कभी पूरी नहीं होगी. यदि आपको राज्य धर्म इस्लाम पसंद नहीं है! तो बंगाल छोड़ कर चले जाओ. राज्य धर्म इस्लाम था, है और रहेगा. इंशाअल्लाह!” वीडियो में भारी संख्या में मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोग प्रदर्शन करते दिख रहे हैं.

ये टेक्स्ट बंगाली में लिखा गया है,”রাষ্ট্র ধর্ম ইসলাম আছে! ইসলামী থাকবে ইনশাআল্লাহ। নাস্তিকদের মনের আশা কোনদিন পূরণ হবে না “রাষ্ট্র ধর্ম ইসলাম ভালো না লাগলে! বাংলা ছেড়ে চলে যাও। রাষ্ট্রধর্ম ইসলাম ছিল, আছে, থাকবে _______ইনশাআল্লাহ”

রাষ্ট্র ধর্ম ইসলাম আছে!
ইসলামী থাকবে ইনশাআল্লাহ।

নাস্তিকদের মনের আশা কোনদিন পূরণ হবে না ❌

“রাষ্ট্র ধর্ম ইসলাম ভালো না লাগলে! বাংলা ছেড়ে চলে যাও। রাষ্ট্রধর্ম ইসলাম ছিল, আছে, থাকবে _______ইনশাআল্লাহ______ ✅✅✅

Posted by Md Sujon Rana on Friday, 21 August 2020

फ़ैक्ट-चेक

वीडियो में एक जगह प्रदर्शनकारी के हाथ में बांग्लादेश का झंडा दिख रहा है.

bangladesh flag

इसके अलावा प्रदर्शनकारियों के हाथों में प्लेकार्ड्स भी दिख रहे हैं. ऐसे ही एक प्लेकार्ड पर ‘Islami shasantantra chhatra andolan’ लिखा हुआ देखा जा सकता है. ये इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश नाम की पॉलिटिकल पार्टी की छात्र इकाई है.

इस आधार पर की-वर्ड सर्च करने से हमें यही वीडियो यूट्यूब पर मिला. इसे 13 सितम्बर, 2017 को अपलोड किया गया था. ये वीडियो ‘स्पाइस इन्फ़ो ट्यूब’ चैनल ने अपलोड किया है. वीडियो का टाइटल है, “बांग्लादेश इस्लामी आंदोलन म्यांमार दूतावास की तरफ़.”

13 सितम्बर, 2017 को एक और ऐसा ही वीडियो ‘द रोहिंग्या पोस्ट’ नाम के चैनल ने अपलोड किया था. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “म्यांमार के राखीन में रोहिंग्या मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ इस्लामी आंदोलन. बांग्लादेश के हज़ारों लोगों ने ढाका में म्यांमार दूतावास की तरफ़ मार्च निकाला. जैसा कि पहले से तय था, इस्लामिक पार्टी के हज़ारों समर्थकों ने बुधवार की दोपहर करीब 12 बजकर 30 मिनट पर बैतुल मुकर्रम राष्ट्रीय मस्जिद के सामने विरोध शुरू कर दिया. पुलिस ने काकरिल मोड़ पर प्रदर्शनकारियों को रोका लेकिन आंदोलनकारी पार्टी के लोग बैरिकेड को तोड़ने में कामयाब रहे. शांतिनगर चौराहे के एक और पुलिस बैरिकेड तक ये प्रदर्शनकारी मार्च करते रहे.”

द फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस में 13 सितम्बर, 2017 को छपी खबर में ये बताया गया है, “ढाका में हज़ारों की संख्या में लोगों ने म्यांमार के उत्तरी राखीन राज्य में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हो रही हिंसा के विरोध में रैली निकाली. इसके अलावा बांग्लादेश की समाचार वेबसाइट बांग्ला न्यूज़24 ने भी इस प्रदर्शन के बारे में रिपोर्ट प्रकाशित की थी.

इस तरह बांग्लादेश का 3 साल पुराना एक वीडियो पश्चिम बंगाल का बताकर शेयर किया गया. कोलकाता पुलिस ने तारिक फ़तह के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर कर इसे फ़र्ज़ी करार दिया है. और बताया है कि इस बारे में कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है. पुलिस के ट्वीट के कुछ घंटों बाद तारिक फ़तह ने गलत जानकारी शेयर करने के लिए माफ़ी मांगते हुए ट्वीट किया है.

इसके एक महीने बाद कोलकाता पुलिस ने एक और ट्वीट में ये जानकारी दी कि ये वीडियो बांग्लादेश का है.

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