भाजपा सदस्य और समर्थकों ने महराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे की एक तस्वीर शेयर की. तस्वीर में एक बिलबोर्ड दिखता है जिसपर ‘سلام ورلی’ में लिखा है. ये अभिवादन के लिए लिखा गया था. भाजपा की नेशनल मीडिया पैनलिस्ट चारु प्रज्ञा ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए शिवसेना पर निशाना साधा. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
From Saffron to Green.
From Marathi to Urdu.
From Shiv Sena to ……………..?🤦🏻♀️ pic.twitter.com/ciMiQ9pZLO
— Charu Pragya🇮🇳 (@CharuPragya) September 7, 2021
कॉलमिस्ट शेफ़ाली वैद्या ने भी ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा, “हिंदूहृदय सम्राटांचे नातू!”. (ट्वीट का आर्काइव लिंक)
हिंदूहृदय सम्राटांचे नातू! pic.twitter.com/CBHQssyAf3
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) September 8, 2021
एक और ट्विटर यूज़र ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा कि आदित्य मराठी अस्मिता को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. (आर्काइव लिंक)
मराठी अस्मितेला भावपूर्ण श्रद्धांजली💐💐 pic.twitter.com/ZZaSGnhRl9
— टमरेल तोंडया (@tamrel143) September 6, 2021
फ़ेसबुक पर ये तस्वीर वायरल है.
फ़ैक्ट-चेक
रिवर्स इमेज सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को 2019 की न्यूज़18 की एक रिपोर्ट मिली. इस आर्टिकल में महाराष्ट्र चुनाव के दौरान आदित्य ठाकरे द्वारा वर्ली से नामांकन भरने के बारे में बताया गया है. रिपोर्ट में आदित्य ठाकरे की तस्वीर वाले कुछ बिलबोर्ड की तस्वीरें शेयर की गई हैं. इसमें वायरल तस्वीर भी शामिल है. इन बिलबोर्ड्स पर गुजराती, हिन्दी, मराठी और अरबी लिपि में अभिवादन लिखे हैं.
यानी, आदित्य ठाकरे के सिर्फ़ एक बिलबोर्ड की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की गई और दावा किया गया कि वो मुस्लिम समुदाय को बढ़ावा दे रहे हैं. इस दावे से ग़ैर हिंदुस्तानी लिपि का सांप्रदायीकरण भी किया गया. पहले भी किसान नेता राकेश टिकैत के मुज़फ़्फ़रनगर के भाषण के दौरान ‘अल्लाह हु अकबर’ कहने पर ऐसा भ्रामक दावा किया गया था. मुज़फ़्फ़रनगर में किसान महापंचायत के दौरान, राकेश टिकैत ने धार्मिक सद्भाव के प्रतीक के रूप में ‘अल्लाह हु अकबर’ और ‘हर हर महादेव’ के नारे लगाए थे. लेकिन उनके भाषण का वीडियो शेयर कर राकेश टिकैत की तुलना तालिबान से की गई.
ज़ी हिंदुस्तान ने पंजशीर के दृश्य बताते हुए जिस बच्ची को बन्दूक चलाते दिखाया, वो बलूचिस्तान की थी :
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