फेसबुक पेज, योगी आदित्यनाथ की सेना (@YogiSenaGKP) को फॉलो करने वाले यूर्स की संख्या 7 लाख से भी ज्यादा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम वाले इस फेसबुक पेज का राजनीतिक झुकाव समझना सहज है। पिछले वर्ष विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद इस पेज ने राहुल गांधी का क्लिप किया हुआ एक वीडियो इस संदेश के साथ शेयर किया कि वो कृषि ऋण माफी पर पलट गए। उस झूठे क्लिप को लगभग एक लाख बार देखा गया है।

जीत के 24 घंटे बाद ही पलटे राहुल बाबा 😆

Posted by योगी आदित्यनाथ की सेना on Wednesday, 12 December 2018

योगी आदित्यनाथ की सेना विपक्षी दलों को निशाना बनाने वाली ऐसी गलत सूचनाओं का बड़ा स्त्रोत है, लेकिन उस बारे में हम बाद में चर्चा करेंगे। इस रिपोर्ट में पहले, दुष्प्रचार के इस प्लेटफार्म को संचालित करने वाले व्यक्ति की पड़ताल करेंगे।

पेज को चलाने वाले

योगी आदित्यनाथ की सेना,  इसी नाम से अपनी एक वेबसाइट — yogi-sena.co.in — द्वारा प्रकाशित लेखों को नियमित शेयर करती है।

ऑल्ट न्यूज़ ने इस वेबसाइट का हूइज डेटा (Whois data) देखा (यह अब छुपा है), तो पता चला कि यह कोई अमित सक्सेना के नाम से पंजीकृत है। डेटा से इस वेबसाइट के पंजीकृत फोन नंबर और पता की भी जानकारी मिली है। गोपनीयता संबंधी कारणों से नीचे दिए गये स्क्रीनशॉट में उन्हें धुंधला कर दिया गया हैं।

Whois data के ज़रिये मिले फोन नंबर को जब हमने ट्रूकॉलर पर देखा तो इसे अमित सक्सेना का ही पाया। ट्रूकॉलर ने उनका ईमेल आईडी भी प्रदर्शित किया, जो उनके ट्विटर आईडी से मिलता है।

सक्सेना का ट्विटर अकाउंट अधिकतर योगी आदित्यनाथ की सेना और हिन्दू रिपब्लिक ऑफ इंडिया (HinduRepublicOfIndia) नामक एक अन्य हैंडल, जिसका इसी नाम से फेसबुक पेज भी है, इनके ट्वीट्स के रिट्वीट्स से भरा हुआ है। इससे लगता है कि वह दोनों ही प्लेटफार्म से जुड़े हुए हो सकते हैं।

हमने पाया कि अमित सक्सेना की पहचान योगी आदित्यनाथ की सेना पेज के कई पोस्टों में इसके एडमिन (admin) के रूप में की गई है, जिससे सीधे संबंध का संकेत मिलता है।

ऑल्ट न्यूज़ को यह पता चला कि 2017 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले, यूपी भाजपा के आधिकारिक हैंडल की कई पोस्ट में उत्तर प्रदेश के निवासी, सक्सेना, को भी टैग किया जाता था

योगी आदित्यनाथ की सेना महज प्रचार का एक मंच नहीं है, बल्कि यह अपने लाखों फ़ॉलोअर्स को धोखा देने के लिए नियमित भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करता है।

नकली समाचारों का भंडार

1. झूठा दावा: सपा-बसपा गठबंधन के बाद आज़म खान ने मुस्लिमों से भाजपा को वोट देने के लिए कहा

योगी आदित्यनाथ की सेना  द्वारा, उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के गठबंधन की पृष्ठभूमि में, मतदाताओं से भाजपा को वोट देने के लिए कहते हुए सपा के संस्थापक सदस्य आज़म खान का एक वीडियो पोस्ट किया गया था।

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Posted by योगी आदित्यनाथ की सेना on Tuesday, 15 January 2019

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह वीडियो दो साल पुराना है और 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों के पहले लिया गया था। इसके अलावा, खान, मुस्लिमों से भाजपा को वोट देने के लिए नहीं कह रहे थे, बल्कि मुस्लिम घरों पर नीले झंडे देखकर वे गुस्से में कटाक्ष कर रहे थे।

2. झूठा दावा: राहुल गांधी ने कहा कि गाँधीजी की अहिंसा इस्लाम से प्रेरित थी

इस पेज ने राहुल गांधी का 10-सेकेंड का वीडियो पोस्ट किया जिसमें उन्हें यह कहते सुना जा सकता है, “महात्मा गांधी ने अहिंसा का विचार इस्लाम के प्राचीन भारतीय दर्शन से लिया था।”

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Posted by योगी आदित्यनाथ की सेना on Saturday, 12 January 2019

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि राहुल गांधी के भाषण का वीडियो क्लिप किया हुआ है। उन्होंने असल में कहा था कि, “…महात्मा गांधी ने अहिंसा का विचार प्राचीन भारतीय दर्शन से, इस्लाम से, ईसाई धर्म से, यहूदी धर्म से, सभी महान धर्मों से जिनमें यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि हिंसा कुछ भी हासिल करने में किसी की सहायक नहीं होगी, लिया था।”

3. झूठा दावा: हिमाचल पुलिस ने फेसबुक में हिन्दू नाम का उपयोग करने वाले “मोहम्मद अहमद” को पकड़ा

पिछले साल जुलाई में, योगी आदित्यनाथ की सेना के एक पोस्ट में दावा किया गया कि हिमाचल प्रदेश पुलिस ने हिन्दू नाम का उपयोग करके नकली फेसबुक अकाउंट चलाने वाले एक मुस्लिम पुरुष को पकड़ा। इसके 8,000 से ज्यादा शेयर हुए।

यह पता चला कि इस पेज ने एक फ्रीलांस डेटा साइंस, ब्लॉकचेन और एआई सलाहकार ज़ीशान-उल-हसन उस्मानी की तस्वीर उठा ली थी। इस व्यक्ति का ट्विटर पर भी अकाउंट है और फेसबुक पर भी उन्होंने वही तस्वीर पोस्ट कर रखी थी, जिसका योगी आदित्यनाथ की सेना ने इस्तेमाल किया था।

4. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम से फ़र्ज़ी बयान 

सितंबर 2018 में, पेज योगी आदित्यनाथ की सेना ने एक तस्वीर पोस्ट की, जो किसी हिंदी ई-पेपर क्लिप से काटे हुए एक लेख की लग रही थी। इस लेख का शीर्षक एक बयान था, जिसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नाम से दिया गया था — “भारत को कश्मीर पर अपना अधिकार छोड़ देना चाहिए क्योंकि कश्मीरी आजादी चाहते हैं।” इस पोस्ट को करीब 5,000 बार साझा किया गया।

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस पेज द्वारा शेयर की गई ई-अखबार की क्लिप की तस्वीर बदली हुई है। पहले तो इसमें कोई तारीख नहीं है, और दूसरा, इसमें व्याकरण की कई गलतियां हैं। इस लेख के पहले पैराग्राफ में, सीएम केजरीवाल को “केजरी” लिखा गया है, जो किसी मुख्यधारा के अखबार में अस्वाभाविक है। बाद के पैराग्राफ में, पाकिस्तानी पीएम नवाज़ शरीफ़ के बयान को उनके प्रत्यक्ष बयान के रूप में नहीं लिखा गया है। कोई आगे पढ़े तो ऐसी ही गलतियाँ और भी देखी जा सकती है। इस क्लिप के फ़र्ज़ी होने का सबसे बड़ा सबूत यह है कि यह केजरीवाल के बयान के बारे में कुछ नहीं कहता है, यह केवल शीर्षक में ही लिखा गया है।

5. भाजपा सांसद परेश रावल के नाम से झूठा बयान 

योगी आदित्यनाथ की सेना द्वारा डिज़ाइन किया गये एक पोस्टर को व्हाट्सएप्प पर साझा किया गया था। इसमें भाजपा सांसद और अभिनेता परेश रावल के नाम से यह कहते हुए एक बयान है कि — “आज ये लोग 20 करोड़ होकर हम 100 करोड़ हिंदुओं को राम मंदिर नही बनाने दे रहे हैं, अगर ये 100 करोड़ होते तो क्या हमें हमारे घरों में रहने देते?”

ऑल्ट न्यूज़ ने परेश रावल के निजी सहायक से बात की, उन्होंने हमें बताया कि सांसद के नाम से बताया गया बयान उन्होंने कभी नहीं दिया।

6. भारतीय सेना द्वारा आत्मघाती हमलावर को पकड़ने का झूठा दावा

पिछले साल इस पेज ने एक बूढ़े आदमी की तस्वीर, जिसके शरीर पर पीले रंग का एक थैले लगा हुआ था।  पोस्ट की  यह दावा किया गया कि, वह एक आत्मघाती हमलावर है, जिसे भारतीय सेना ने पकड़ा है। इस पोस्ट को करीब 3,000 लोगों ने साझा किया।

यही दावा इस वर्ष भी वायरल हुआ था। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि हशीश ले जा रहे एक मुस्लिम व्यक्ति को पाकिस्तानी सेना ने पाक-अफगान सीमा पर तुरखुम में पकड़ा था, जिसकी तस्वीर को भारतीय सेना द्वारा पकड़े गए आत्मघाती हमलावर के रूप में वायरल किया गया।

7. मंदसौर बलात्कार मामले में कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम से झूठा बयान 

योगी आदित्यनाथ की सेना ने मध्य प्रदेश के कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम से झूठा बयान इस दावे के साथ पोस्ट किया कि, उन्होंने मंदसौर की 8-वर्षीया-लड़की के बलात्कार मामले में बलात्कारी इरफान के निर्दोष होने की संभावना का हवाला देते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। इस पोस्ट को लगभग 3,000 लोग साझा कर चुके है।

सिंधिया ने यह बयान कभी नहीं दिया है, बल्कि कांग्रेस नेता ने, वास्तव में, मंदसौर बलात्कार के आरोपी के लिए मृत्युदंड की मांग करने वाली रैली में  शामिल हुए थे और तस्वीर भी ट्वीट की थी। ऑल्ट न्यूज़ के इस गलत खबर की पड़ताल यहां पढ़ी जा सकती है।

8. पत्रकार रवीश कुमार के नाम से फ़र्जी बयान

“हर गाँव में बिजली पहुँच गई, लेकिन बिजली का बिल गरीब कैसे भरेगा। वो उसके लिए कर्ज लेगा और फांसी लगा लेगा।” -यह बयान पत्रकार रवीश कुमार के नाम से उनकी तस्वीर के साथ फेसबुक पेज योगी आदित्यनाथ की सेना पर 3 मार्च, 2018 को पोस्ट किया गया था। इस पोस्ट को लगभग 9,000 बार साझा किया गया।

ऑल्ट न्यूज़ ने इन बयानों की सच्चाई जानने के लिए रवीश कुमार से संपर्क किया, जिन्होंने स्पष्ट किया कि उनके नाम से दिया गया यह बयान उन्होंने नहीं दिया है। इस पेज ने पूर्व में जेएनयू के गायब छात्र नजीब के बारे में झूठी खबर फैलाई थी कि वह आईएसआईएस से जुड़ गया है, और रवीश कुमार से यह पूछते हुए कि उन्होंने इस खबर को क्यों नहीं चलाया, इसे लेकर उन पर निशाना साधा गया था।

9. झूठा दावा कि रोहिंग्या शरणार्थी शिविर के दौरे में प्रियंका चोपड़ा ने बुर्का पहना

मई, 2018 में, यूनिसेफ की सद्भावना राजदूत के रूप में प्रियंका चोपड़ा के बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार स्थित रोहिंग्या शरणार्थी शिविर के दौरे से उनको भारी बदनामी और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। बाद में, बुर्का पहने चोपड़ा की एक तस्वीर — इस दावे के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर शेयर की गई कि, अभिनेत्री ने यह पोशाक पहनी, जब वह ‘अतिवादी’ रोहिंग्या मुसलमानों से मिली — ।

योगी आदित्यनाथ की सेना द्वारा 5 जुलाई को इस तस्वीर को पोस्ट किया गया, जिसे 12,000 से अधिक बार साझा किया गया। इसके साथ दिए गए संदेश में कहा गया था, “दोगले फ़िल्मबाजों का दोगलापन, भारत मे घूमो तो फूहड़ परिधान लेकिन बांग्लादेश के कट्टरवादी रोहिंग्या मुसलमानों से मिलते समय बुरखा।” बुरका पहने चोपड़ा की वह तस्वीर 2011 की थी, जब वे एक फ़िल्म ‘सात खून माफ’ की शूटिंग कर रही थीं।

10. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भ्रामक तस्वीरें

पिछले साल इस पेज ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू की महिलाओं के साथ खींची गई कई तस्वीरों के एक कोलाज को एक अनैतिक व्यक्ति के रूप में दर्शाने हुए, शेयर किया था।

हालांकि, उनमें से अधिकांश तस्वीरें या तो फोटोशॉप में छेड़छाड़ की हुई थीं या परिवार और मित्रों के साथ फोटो खिंचवाते हुए नेहरू की थीं। ऑल्ट न्यूज़ ने पूर्व में इन तस्वीरों को अलग-अलग खारिज किया है — 1, 2, 3, 4

11. पत्रकार राणा अय्यूब के नाम से झूठा बयान 

“नाबालिग बाल बलात्कारी भी मानव हैं, क्या उनका कोई मानव अधिकार नहीं है। यह हिंदुत्व सरकार बाल बलात्कारियों की मौत के लिए अध्यादेश केवल बड़ी संख्या में मुस्लिमों को फांसी देने के लिए ला रही है। मुसलमान अब भारत में सुरक्षित नहीं हैं”।- (अनुवाद) यह उद्धरण पत्रकार राणा अय्यूब के नाम से दिया गया है। एक अकाउंट @repubIicTv, जो की टीवी समाचार चैनल का पैरोडी अकाउंट है, उसके द्वारा इस बयान के साथ एक ट्वीट पोस्ट किया गया था। योगी आदित्यनाथ की सेना ने इस नकली बयान को साझा किया था।

इस  पोस्ट को बाद में पेज से हटा दिया गया।

12. नकली बयान पर अभिनेता नाना पाटेकर का नाम मढ़ा

“छिपकली रात को कीड़े-मकोड़े खाकर सुबह होते ही गांधी के तस्वीर के पीछे छुप जाती है, ठीक यही काम कांग्रेस करती आई है।” -यह बयान अभिनेता नाना पाटेकर के नाम पर चलाया गया और योगी आदित्यनाथ की सेना पेज द्वारा इस तस्वीर को पोस्ट किया गया। इसको करीब 11,000 से अधिक लोगों ने साझा किया हैं।

यह बयान सरासर गलत है। ऑल्ट न्यूज़ ने नाना पाटेकर से बात की जिन्होंने कहा, “न तो मैंने ऐसा कुछ कहा है, न ही यह मेरा विचार है”। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह बयान नया नहीं है और पिछले कुछ वर्षों से सोशल मीडिया में चल रहा है।

13. अन्ना हज़ारे से संबधित गलत बयान 

इस जनवरी में योगी आदित्यनाथ की सेना ने एक क्लिपिंग साझा की, जिसमें अन्ना हज़ारे के नाम से एक बयान है — “मोदी मुक्त भारत के लिए मैं शहीद होने के लिए भी तईयार हु”

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि उपरोक्त बयान के बारे में मीडिया में कोई खबर नहीं है। इसके अलावा, यही बयान सोशल मीडिया में हार्दिक पटेल के नाम से भी वायरल था।

 

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.