अप्रैल में सोशल मीडिया में राजनीतिक गतिविधियां काफी ज़्यादा रही। लोकसभा चुनाव के समय, प्रमुख राजनीतिक दलों के समर्थकों ने एक-दूसरे को निशाना बनाया, लेकिन अक्सर ही उन्होंने इस प्रक्रिया में, गलत सूचनाओं का सहारा भी लिया। राजनीतिक दलों और उनके नेताओं ने भी गलत सूचनाओं को फैलाने से परहेज नहीं किया।

1. ममता बनर्जी के नकली बयान के साथ फ़र्ज़ी अखबार क्लिप

लोकप्रिय बंगाली दैनिक समाचारपत्र বর্তমান (बर्तमान) की एक कथित क्लिप इस हेडलाइन के साथ सोशल मीडिया में शेयर की गई, “৪২টা আসন দিন হিন্দু কীভাবে কাঁদা তে হয় দেখিয়ে দেব: মমতা (मुझे 42सीटें दो और मैं आपको दिखाऊँगी कि हिंदुओं को कैसे रुलाया जाए : ममता)” यह तस्वीर व्हाट्सएप पर भी प्रसारित की गई थी।

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तस्वीर फोटोशॉप की हुई थी। अख़बार क्लिप पर एक झलक, यह बताने के लिए पर्याप्त थी कि तस्वीर फोटोशॉप की हुई है। “হিন্দু (हिंदू)” और “কাঁদা তে (रोना)” शब्दों की लिखावट, आकार और रंग बाकी शब्दों से मेल नहीं खाते हैं। वे योजनाबद्ध भी नहीं हैं, दूसरे शब्दों की तुलना में बड़े हैं और गहरे काले रंग के हैं। इसके अलावा, मूल तस्वीर के कुछ शब्दों को इस तस्वीर में बदल दिया गया था।

2. इटली की ऐतिहासिक इमारतों पर गांधी परिवार के स्वामित्व का झूठा दावा

शानदार यूरोपीय वास्तुकला की ओर इशारा करता हुआ एक आदमी यह दावा करता है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस भव्य संपत्ति के मालिक हैं। यह आदमी गुजराती में कहता है, “उन्होंने भारत को लूटा है और इटली में इन इमारतों को ख़रीदा है”। यह वीडियो सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित किया गया। एक मिनट की इस क्लिप में राहुल गांधी के खिलाफ यह व्यक्ति सावधान करते हुए कहता है कि — जिन्होंने भारत के पैसे से इटली में तीन असाधारण इमारतें खरीदी हैं और इससे भारी किराया प्राप्त करते हैं।

 

इटली से आयी पप्पु की सच्चाई देखो ओर दूसरो को भी दिखाओ …….

Posted by Mera Bharat Mahan on Saturday, April 27, 2019

यह दावा ना सिर्फ झूठा है बल्कि तर्कसंगत भी नहीं है। वीडियो में दिखाई गई इमारतें इटली के ट्यूरिन के एक सिटी स्क्वॉयर – पियाज़ा कैस्टेलो – का हिस्सा है। चौकोर आकार की यह ऐतिहासिक इमारतें 16वीं शताब्दी में बनी रॉयल पैलेस ऑफ ट्यूरिन सहित संग्रहालय, थिएटर और महलें हैं। इन वास्तुकला परिसरों में से कई परिसर यूनेस्को द्वारा संरक्षित विश्व विरासत स्थल हैं। ऑल्ट न्यूज़ द्वारा की गई तथ्य जांच यहां देख सकते है।

3. पीएम मोदी द्वारा रैली में अपशब्द बोलने का झूठा दावा

“श्रीमान प्रधानमंत्री, यह किस प्रकार की भाषा है? क्या यह देश के प्रधानमंत्री को अपशब्दों का उपयोग इतने सार्वजनिक रूप से, करना सम्मानजनक है? विश्वास नहीं होता है, चौंकाने वाला!! कुछ नहीं तो इस कुर्सी का थोड़ा सम्मान करें।” -(अनुवाद)

उपरोक्त संदेश गौरव पांधी ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया है। वीडियो पर लिखा है– ‘मोदी ने रैली में बीसी कहा’। पांधी कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं। वीडियो न केवल सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बल्कि व्हाट्सएप पर भी, इस संदेश के साथ कि प्रधानमंत्री ने एक अपशब्दों का उपयोग किया था, इसे व्यापक रूप से शेयर किया गया।

यह दावा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली में ‘बेन***’ शब्द का उच्चारण किया, गलत है। पीएम मोदी ने ‘थवान(ई) छे’ शब्दों का इस्तेमाल किया था, जिसे वीडियो क्लिप में पीएम मोदी द्वारा दूसरी बार बोलते सुना जा सकता है। इसे ही गलत तरीके से ‘बेन***’ बता दिया गया। ‘थवान(ई) छे’ का अनुवाद होता है- ‘होगा/होने वाला है’। इसका मूल शब्द प्रयोग ‘थवानी छे’ है, लेकिन पीएम मोदी ने ‘थवान छे’ कहा, जिसे बोलचाल की भाषा में उपयोग में लिया जाता है। वीडियो क्लिप में ‘थवान छे’ को बार-बार चलाना, यह भ्रम पैदा करता है कि पीएम मोदी ने ‘बेन***’ कहा।

4. बंगाल के भाजपा उम्मीदवार के हनुमान जैसे कपड़े पहनने का झूठा दावा

टीएमसी समर्थक गार्गा चटर्जी ने हनुमान के रूप में कपड़े पहने एक व्यक्ति की तस्वीरें ट्वीट कीं और कहा कि वह पश्चिम बंगाल में “रानाघाट से भाजपा के सांसद प्रत्याशी जगन्नाथ सरकार” थे (आर्काइव)। इस दावे को फेसबुक और ट्विटर पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया।

सोशल मीडिया में वायरल तस्वीरें, पश्चिम बंगाल के रानाघाट निर्वाचन क्षेत्र की हाल ही में हुई भारतीय जनता पार्टी की रैली को दर्शाती थीं। भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने 22 अप्रैल को ये तस्वीरें इस कैप्शन के साथ शेयर की कि, — “রানাঘাট লোকসভা কেন্দ্রে প্রার্থী জগন্নাথ সরকারকে নিয়ে রোড শো – (रानाघाट लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी जगन्नाथ सरकार के साथ रोड शो)।” घोष ने कई तस्वीरें अपलोड की थीं, उनमें वह तस्वीर भी शामिल थी जिसमें हनुमान के वेश में एक व्यक्ति जीप के ऊपर बैठा दिखाई देता है। जगन्नाथ सरकार ने हनुमान का वेश नहीं धारण किया था

5. कांग्रेस नेताओं को एक ही महिला के साथ फोटो खिंचवाने की भ्रामक सूचना

रेणुका जैन, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर फॉलो करते हैं, उनका एक ट्वीट न केवल ट्विटर, बल्कि फेसबुक पर भी खूब साझा किया गया (आर्काइव्ड)। अपने ट्वीट में जैन ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी फोटोशूट के लिए एक ही बुज़ुर्ग महिला का इस्तेमाल किया था। उनके ट्वीट में लिखा है, “कांग्रेस उन्हें 5000 रुपये प्रति फोटोशूट देती है।” -(अनुवाद)

यह दावा झूठा है। चारों महिलाएं अपने बुढ़ापे और सफेद बालों के कारण एक जैसी लग सकती हैं। हालांकि, गौर से देखने पर इनकी भौतिक विशेषताओं में स्पष्ट रूप सेअंतर दिखता है। ऑल्ट न्यूज़ ने अंतर स्पष्ट करने के लिए चारों महिलाओं की तस्वीरों को एक साथ रखा है। दूसरी महिला की तस्वीर भाजपा के सुरेंद्रन के साथ और चौथी शशि थरूर के साथ की थी। तीसरी बुजुर्ग महिला वही है जिसे राहुल गांधी को गले लगाते हुए दिखाया गया है।

राजनीतिक दलों/नेताओं द्वारा गलत सूचना

1. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने क्लिप्ड वीडियो के जरिए राहुल गांधी पर साधा निशाना

28 अप्रैल को, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के रतिया में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। अपने भाषण के दौरान वे राहुल गांधी के एक कथित वीडियो के बारे में बोले, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि, “यहां तक ​​कि, इस बारे में बात करना भी मुश्किल था”। खट्टर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने “हमारी माताओं और बहनों की प्रतिष्ठा को अपमानित किया है।” उन्होंने एक वीडियो का हवाला दिया जिसमें उन्होंने दावा किया कि गांधी ने इस वीडियो में कहा कि,“उत्तर प्रदेश में महिलाएं हर सप्ताह एक बच्चे को जन्म दे सकती हैं और एक वर्ष में 52 बच्चे को“।

मनोहर लाल खट्टर द्वारा संदर्भित की गई वीडियो को गलत तरीके से क्लिप किया गया था। यूपी के फूलपुर की राहुल गांधी के 7 साल पुराने भाषण को उठाया गया, क्लिप किया गया और सोशल मीडिया में प्रसारित किया गया। मूल भाषण में, राहुल गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत जननी सुरक्षा योजना के बारे में बात कर रहे हैं, जिसमें गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए 1,400 रुपये की राशि मिलती है। उस संदर्भ में, कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि एक RTI के जवाब के मुताबिक, एक ही नाम की महिलाओं को योजना में भ्रष्टाचार के कारण हर हफ्ते राशि मिल रही हैं। इस बारे में ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जांच यहां पढ़ी जा सकती है।

 

2. कांग्रेस आईटी सेल के प्रमुख ने फोटोशॉप तस्वीर को ट्वीट कर पीएम मोदी की तुलना हिटलर से की

“आपके क्या विचार हैं?” – यह ट्वीट, कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया प्रमुख दिव्या स्पंदना ने दो तस्वीरों के साथ किया। बाईं ओर की तस्वीर में नाज़ी नेता एडॉल्फ हिटलर है, जबकि दाईं ओर वाली तस्वीर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है।

यही तस्वीर 2018 में भी नरेंद्र मोदी के विरोधियों द्वारा प्रसारित की गई थी, जिसे ऑल्ट न्यूज़ ने जांच की थी। गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च से पता चलता है कि पोस्ट में उपयोग की गई हिटलर की तस्वीर फोटोशॉप की हुई है। मूल तस्वीर में, उन्होंने बच्चे के कानों को नहीं पकड़ा है बल्कि उसके कंधों पर हाथ रखा है। “द सन” के एक लेख में मूल तस्वीर प्रकाशित की गई है, जिसमें स्पष्ट रूप से नाज़ी नेता को जर्मन युवाओं के निजी मित्र और अभिभावक” के रूप में चित्रित करने के लिए खींचा गया था।

 

3. ममता बनर्जी ने भाजपा को वोट देने की अपील की, यह दावा बंगाल भाजपा ने एक संपादित वीडियो के जरिये किया

“मोदी सुनामी का प्रभाव – ममता बनर्जी ने सभी से भाजपा को वोट देने की अपील की!” –बंगाल भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट में यह घोषणा की गई कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक रैली में भाजपा को वोट देने की अपील की हैं। ट्वीट के साथ 18 सेकंड का एक छोटा वीडियो था, जिसमें उनके शब्द थे – “बीजेपी सोरकार के वोट दिये” – इसका हिंदी अनुवाद है – “भाजपा सरकार को वोट दें”।

बंगाल भाजपा ने एक वीडियो को संपादित करके ट्वीट किया था, जिसे एक भ्रामक प्रभाव देने के लिए लूप में चलाकर क्लिप किया गया था। ममता बनर्जी ने 23 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के खानकुल में एक रैली को संबोधित किया। अपने भाषण को समाप्त करते हुए, बनर्जी ने लोगों से व्यंग्यात्मक लहज़े में भाजपा को वोट देने के लिए कहा था। उनके शब्द थे- “6 मई आश्चे दिन, एखॉने भालो कोरे गोणोतोन्त्र बीजेपी सरकार के वोट दिये भालो कोरे कोबोर दिन, भालो कोरे कोबोर दिन, भालो कोरे कोबोर दिन”। इसका लगभग इस प्रकार से अनुवाद किया जा सकता है-

“6 मई को भाजपा सरकार को अपना वोट दें और उन्हें उचित दफन दें, उन्हें उचित दफन दें, उन्हें उचित दफन दें”।

जिस हिस्से में बनर्जी कहती हैं “भालो कोरे कोबोर दिन”, जिसका अर्थ है “उन्हें दफ़न करे”, उस हिस्से को बंगाल भाजपा द्वारा हटा दिया गया था। दूसरी ओर, जिस हिस्से में बनर्जी व्यंग्यात्मक रूप से कहती हैं “बीजेपी सरकार के वोट दिये” को बरकरार रखा गया और बार-बार लूप में चलाया गया।

 

4. AAP के सोशल मीडिया प्रमुख ने दिल्ली में कांग्रेस की कमज़ोर ज़मीन दिखाते हुए 2013 का वीडियो ट्वीट किया

दिल्ली के लोगों ने समझ लिया है कि @INCIndia और @SheilaDikshit सिर्फ़ वोटकटवा हैं। अगर यकीन नहीं आता हैं तो ये 24 सेकंड का वीडियो देखिए। आज के #AAPkaManifesto के बाद जो 2-3% लोग कांग्रेस को वोट दे सकते थे, वो भी नहीं देंगे।

उपरोक्त संदेश आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी अंकित लाल ने ट्वीट किया है। इसके साथ एक छोटी वीडियो क्लिप भी है जिसमें दिल्ली की पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित दिखाई दे रही हैं। यह ट्वीट कांग्रेस पार्टी को एक वोट कटवा के रूप में संदर्भित करता है, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में लोकप्रिय जनादेश हासिल करने में असमर्थ है। लाल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जो वीडियो पोस्ट किया था, वह भ्रामक था। वह कोई हालिया रिपोर्ट नहीं है। यह नवंबर 2013 का है। NDTV ने 2013 के दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव से पहले अंबेडकर नगर में कांग्रेस पार्टी की रैली में बहुत कम लोगों के आने को लेकर एक ख़बर की थी। इस चुनाव में कांग्रेस की सबसे बड़ी पराजय हासिल हुई थी और वह 43 सीटों से 8 पर आ गई थी।

 

5. बॉक्सर विजेंदर सिंह ने किया मोहल्ला क्लीनिक को ‘बेनकाब’ करने का प्रयास, लेकिन पहुंचे 40 मिनट लेट

प्रसिद्ध मुक्केबाज विजेंदर सिंह, जो हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं, उन्होंने 24 अप्रैल को एक लाइव वीडियो ट्वीट किया। सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से दिल्ली में मुहल्ला क्लीनिक पर अपने एक दौरे के वीडियो का प्रसारण किया था। जहा पर मुहल्ला क्लिनिक बंद मिलता है, और सिंह को AAP सरकार की आलोचना करते सुना जा सकता है।

राजनीतिज्ञ बने बॉक्सर शायद इससे अनजान थे कि मुहल्ला क्लीनिकों का समय सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक का है। जबकि सिंह 2:40 बजे क्लिनिक पर पहुंचे और स्वभाविक रूप से क्लिनिक को बंद पाया गया।

डिजिटल रूप से बदली गई तस्वीरें

1. क्रॉस पहने हुई प्रियंका गांधी की फोटोशॉप तस्वीर

क्रॉस वाला नेकलेस पहने प्रियंका गांधी की तस्वीर सोशल मीडिया में व्यापक रूप से साझा की गई। भाजपा समर्थक द्वारा कई फेसबुक पेजों पर एक तस्वीर पोस्ट की गई, जिनमें प्रियंका गांधी की दो तस्वीरें अगल-बगल लगी हुई थीं। इनमें, बाईं ओर की तस्वीर में, श्रीमती गांधी क्रॉस पहने दिख रही हैं। दावा किया गया कि यह तस्वीर केरल में ली गई थी। इसी प्रकार, दाईं ओर की तस्वीर में, श्रीमती गांधी रुद्राक्ष की माला पहनी हुई हैं। दावा किया गया कि यह तस्वीर उत्तर प्रदेश में खींची गई थी। इस तरह की तस्वीरों द्वारा प्रियंका गांधी का कथित पाखंड और छलावा उजागर करने की कोशिश की गई थी।

प्रियंका गांधी की क्रॉस पहने हुई तस्वीर, फोटोशॉप की हुई है। ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर की तथ्य-जांच की और पाया कि श्रीमती गांधी ने वास्तव में एक लॉकेट पहना हुआ था, जिसे फ़ोटोशॉप में क्रॉस से बदल दिया गया था। मूल तस्वीर 2017 में उत्तर प्रदेश की एक रैली की थी।

 

2. फोटोशॉप तस्वीर में राहुल गांधी, ममता बनर्जी को पाक. पीएम और सेना प्रमुख के साथ दिखाया गया

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की उनके देश के सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा के साथ बातचीत की एक तस्वीर सोशल मीडिया में प्रसारित हो रही है। इस तस्वीर में एक कोने में बैठे हुए कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा, नवजोत सिंह सिद्धू, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी देखा जा सकता है। इसे एक कैप्शन के साथ प्रसारित किया गया है — “ನೀವು ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಗೆ ಮತ ಹಾಕಿದರೆ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಕ್ಕೆ ಮತ ಹಾಕಿದ ಹಾಗೆ.ಚಿತ್ರ ನೋಡಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ದ ಪರ ಗುಲಾಮರು ಮೂಲೆಯಲ್ಲಿ ಹೇಗೆ ಕುಳಿತಿದ್ದಾರೆ,” जिसका अनुवाद है , “यदि आप कांग्रेस को वोट देते हैं, तो आप पाकिस्तान को वोट देंगे। तस्वीर को देखिए, पाकिस्तान के गुलाम कैसे कोने में बैठे हैं।”

 

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि मूल तस्वीर में कोई भारतीय नेता को नहीं देखा जा सकता है, इसे डिजिटल रूप से बदल दिया गया है। इस तस्वीर को ट्विटर यूज़र @Atheist_Krishna द्वारा फोटोशॉप किया गया था, जिन्होंने 5 अप्रैल को इस कैप्शन के साथ इसे पोस्ट किया था — “बालाकोट में मारे गए आतंकवादियों के सबूत जुटाने के लिए पाकिस्तान पहुंचा विपक्ष।” इससे यह पता चलता है कि उसने विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष किया था।

3. फोटोशॉप्ड: रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण को भाजपा के लिए चुनाव प्रचार करते दिखाया गया

फ़िल्मी जोड़ी दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की एक तस्वीर फेसबुक पर एक पेज द्वारा पोस्ट की गई है। तस्वीर में दोनों केसरिया स्कार्फ डाले दिखाई देते हैं, जिन पर ‘वोट फॉर बीजेपी एन मोदी’ छपा हुआ है। तस्वीर के साथ पोस्ट किए गए संदेश में लिखा है, ‘कमल का बटन दबाकर देश की तरक्की में भागीदार बनें’।

जैसा कि अपेक्षित था, यह तस्वीर डिजिटल रूप से हेरफेर की हुई थी। ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर की गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च की तो मूल तस्वीर मिली जिसे 30 नवंबर 2018 को खींचा गया था। दीपिका और रणवीर सिद्धिविनायक मंदिर गए थे, जहां यह तस्वीर ली गई थी। इसे कई मीडिया संगठनो ने भी प्रकाशित किया था।

मुख्यधारा मीडिया की भ्रामक सूचनाएं

1. रिपब्लिक टीवी ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए व्यक्ति को गलत तरीके से कांग्रेस विधायक बताया

“कांग्रेस के विधायक अनिल उपाध्याय भी हुए पीएम मोदी के मुरीद, बांधे तारीफों के पूल” -इस ब्रेकिंग न्यूज़ की सुर्खियों का प्रसारण 27 अप्रैल को रिपब्लिक टीवी के हेलो भारत कार्यक्रम में किया गया। इसमें पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए एक व्यक्ति का वीडियो था, जिसमे वह व्यक्ति कहता है कि, केवल भ्रष्ट लोग ही उन्हें खोना चाहते हैं। एंकरों ने आगे बताया कि उन्होंने इसे ‘बड़ी ख़बर’ इसलिए कहा क्योकि यह देश के आम नागरिक नहीं है, बल्कि पीएम मोदी के राजनीतिक विरोधी भी उनकी प्रशंसा से भरे हैं। उन्होंने उस व्यक्ति का परिचय मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय के रूप में दिया।

कांग्रेस के विधायक अनिल उपाध्याय भी हुए पीएम मोदी के मुरीद, बांधे तारीफों के पूल

कांग्रेस के विधायक अनिल उपाध्याय भी हुए पीएम मोदी के मुरीद, बांधे तारीफों के पूल

Posted by Republic Bharat on Friday, April 26, 2019

रिपब्लिक टीवी ने साफ तौर से गलत खबर चलाई थी। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऑल्ट न्यूज़ ने पता लगाया कि अनिल उपाध्याय नाम से कोई कांग्रेस विधायक नहीं है। वीडियो वाले व्यक्ति की पहचान “द क्विंट” ने मोहन (मुन्ना) पांडे के रूप में की थी। पांडे के कई वीडियो ट्विटर यूज़र, तन्मय शंकर (@Shanktan) द्वारा शेयर किए गए हैं। इन सभी वीडियो में, वह पीएम मोदी का समर्थन करने के लिए बहुत उत्साही और भावनात्मक दिखाई दे रहे हैं। “द क्विंट” से बात करते हुए, शंकर ने पुष्टि की कि वह व्यक्ति मोहन पांडे हैं और उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं।

 

बिहार के दरभंगा से एबीपी न्यूज़ द्वारा प्रसारित एक चर्चा में स्मृति ईरानी की डिग्री का सवाल एक बार फिर सामने आया, जब दर्शकों में से एक व्यक्ति ने उनकी संदिग्ध शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाया। जवाब में, एबीपी न्यूज के एंकर ने बहस में बीच-बचाव करते हुए कहा कि ईरानी के पास मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) की डिग्री है। चर्चा का प्रासंगिक हिस्सा नीचे पोस्ट किए गए वीडियो में 38:16वें मिनट पर देखा जा सकता है।

श्रोताओं में से एक व्यक्ति द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में, एबीपी न्यूज़ की एंकर रुबिका लियाकत ने तुरंत जवाब देते हुए कहा, “एमए किया है सर कॉरोस्पोंडेंस से, एमए किया हुआ है, एमए किया हुआ है।” यह सच नहीं है, क्योंकि ईरानी के 2019 के चुनावी हलफनामे में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि उन्होंने अपने तीन साल के डिग्री कोर्स को पूरा नहीं किया है।

विविध

1. गलत दावा: मतदाता सूची में नाम न हो तो वोटर ‘चैलेंज वोट’ की मांग कर सकते है

जब आप पोलिंग बूथ पर पहुंचें और पाएं कि आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो अपना आधार कार्ड या वोटर आईडी दिखाएं और धारा 49ए के तहत “चैलेंज वोट” की मांग करें और अपना वोट डालें।
यदि आप पाते हैं कि किसी ने आपका वोट पहले ही दे दिया है, तो “टेंडर वोट” की मांग करें और अपना वोट डालें।
यदि कोई पोलिंग बूथ 14% से अधिक टेंडर वोट रिकॉर्ड करता है, तो ऐसे पोलिंग बूथ पर दुबारा मतदान आयोजित किया जायेगा।
कृपया इस अत्यंत महत्वपूर्ण संदेश को अधिकतम समूहों और दोस्तों के साथ शेयर करें क्योंकि सभी को मतदान के अपने अधिकार के बारे में पता होना चाहिए। -(अनुवाद)

इस चुनावी प्रचार के दौरान उपरोक्त संदेश सोशल मीडिया और मैसेजिंग प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से साझा किया गया है।

इनमें से अधिकांश दावे झूठे हैं। ऑल्ट न्यूज़ की इस पर विस्तृत तथ्य-जांच यहां पढ़ी जा सकती है।

 

2. फ़र्ज़ी: BBC के चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण में 2019 में भाजपा की जबरदस्त जीत की भविष्यवाणी

फेसबुक और व्हाट्सएप पर व्यापक रूप से शेयर किए जा रहे एक संदेश के अनुसार, दुनियाभर में समाचार प्रसारित करने वाले ब्रिटिश मीडिया संगठन BBC द्वारा किए गए चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण का एक नतीजा निकला है कि सत्तारूढ़ भाजपा अपने 2014 के प्रदर्शन से बेहतर प्रदर्शन करके सत्ता में जबरदस्त वापसी करने वाली है।

यह संदेश पूरी तरह फ़र्ज़ी है। BBC द्वारा इस तरह का कोई चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण नहीं किया गया है। वास्तव में, यह ब्रॉडकास्टर, भारत के लिए चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण करता ही नहीं है। ऑल्ट न्यूज़ को दिए एक बयान में, BBC के प्रवक्ता ने कहा, ”लोकसभा चुनावों का यह फर्जी सर्वेक्षण व्हाट्सएप और फेसबुक पर साझा किया जा रहा है, इसके BBC न्यूज़ के होने का दावा किया जा रहा है। हम यह बिल्कुल स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह फ़र्ज़ी है और यह BBC का नहीं है। BBCभारत में चुनाव-पूर्व सर्वेक्षणों का समर्थन नहीं करता है।” -(अनुवाद)

मई महीने में, जब सात चरणों में निर्धारित आम चुनाव 19 मई को समाप्त होने वाला है, राजनीतिक गलत सूचनाएं, उम्मीद के मुताबिक ज्यादा बढ़ गई हैं।

 

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.