संबित पात्रा भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सबसे ज़्यादा दिखने वाले प्रवक्ता हैं. उन्हें टीवी डिबेट्स में पार्टी प्रतिनिधि के रूप में दिखने और विपक्ष पर तीखे कमेंट करने के लिए जाना जाता है. लेकिन उन्हें अपने CV में इसके अलावा एक और योग्यता जोड़नी चाहिए. ग़लत जानकारी फैलाने की प्रवृति. पात्रा के ट्विटर पर 40 लाख फ़ॉलोअर्स हैं. इस प्लेटफ़ॉर्म का वो अक्सर फ़ेक न्यूज़ शेयर करने के लिए (मिस)यूज़ करते हैं. उन्हें कई बार नेशनल टीवी पर ऐसी बातें रखते हुए देखा गया है जो भ्रामक होती हैं.

इस आर्टिकल में उनके द्वारा किए गए गलत दावों का कंपाइलेशन है. हालांकि यह पूरी लिस्ट नहीं है. सभी ग़लत दावों की लिस्ट काफ़ी लंबी हो सकती है. यहां हम संबित पात्रा की फैलाई कुछ बातों को सामने रख रहे हैं जिसमें मुख्य निशाना कांग्रेस और नेहरू-गांधी परिवार है और जो सच्चाई से काफ़ी दूर हैं.

कांग्रेस के ख़िलाफ़ कही फ़ैक्चुअली गलत बातें किये ग़लत दावे

1. राजस्थान सरकार ने स्टूडेंट्स को UP ले जाती बसों को डीज़ल के 19 लाख रुपए न चुकाने की वजह से रोका

उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों ने कोटा में फंसे छात्रों को यूपी पहुंचाने के लिए आपस में समझौता किया था. लॉकडाउन के बीच जब वो सकुशल घर लौट आए, उसके एक महीने बाद भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक चेक का फोटो ट्वीट करते हुए दावा किया कि राजस्थान सरकार ने बसों को तब राजस्थान से निकलने की इजाज़त दी जब आधी रात को उत्तर प्रदेश सरकार ने डीजल का 19 लाख रुपए का बकाया भुगतान कर दिया.

लेकिन यह सच नहीं था क्योंकि पात्रा ने जिस चेक का फोटो लगाया था उस पर 5 मई की तारीख़ पड़ी थी. राजस्थान से हज़ारों स्टूडेंट्स को यूपी पहुंचाने वाली बसों में से आख़िरी 19 अप्रैल को रवाना हुई थी. यानी यह साफ़ है कि बसों को पेमेंट के लिए अप्रैल में नहीं रोका गया था क्योंकि पेमेंट तो दो हफ़्ते बाद मई में किया गया था.

इस फ़ेक न्यूज़ पर ऑल्ट न्यूज़ का विस्तृत आर्टिकल आप यहां पढ़ सकते हैं.

2. राहुल गांधी का मज़ाक उड़ाने के लिए शेयर किया क्लिप्ड वीडियो

पात्रा ने एक वीडियो ट्वीट किया जिसमें राहुल गांधी को कहते सुना जा सकता है, “रेड ज़ोन असल में ग्रीन ज़ोन है और ग्रीन ज़ोन असल में रेड ज़ोन है.” इसमें गांधी ने COVID-19 के मामलों की इंटेंसिटी पर आधारित केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए ज़ोन्स की बात कर रहे थे.

संबित पात्रा ने 6 सेकेंड का जो वीडियो शेयर किया वह भारत में कोरोना वायरस पर राहुल गांधी की एक घण्टे की प्रेस कॉन्फ्रेंस से काटा गया था. कांग्रेस नेता ने देश के लोकल लीडर्स और ज़िम्मेदार लोगों से ग्राउंड लेवल पर कोरोना वायरस से निपटने पर ज़ोर दिया था. प्रेस कॉन्फ्रेंस के वीडियो में 20वें मिनट से वो कहते हैं, “नेशनल लेवल पर ये रेड, ऑरेंज और ग्रीन ज़ोन बनाए गए हैं. इन्हें स्टेट लेवल पर बनाना चाहिए. मुख्यमंत्रियों (कांग्रेस शासित राज्यों के) ने हमें बताया कि नेशनल लेवल पर जो रेड ज़ोन है वो असल में ग्रीन ज़ोन है और जो रेड है वह ग्रीन है.”

वीडियो से “नेशनल लेवल” शब्द को चालाकी से हटा दिया गया ताकि बात का कॉन्टेक्स्ट खो जाए और ऐसा लगे कि गांधी ने बेवकूफ़ी की बात की है.

3. आलू-सोना मशीन – राहुल गांधी की स्पीच को एक बार फिर ग़लत तरीके से पेश किया

पिछले ट्वीट में संबित पात्रा ने राहुल गांधी के ‘रेड ग्रीन है और ग्रीन रेड’ वाले बयान का मज़ाक उड़ाने के लिए ‘आलू और सोने’ का उदाहरण दिया था. इसके बारे में पता चला कि यह रेफ़रेंस भी एक ग़लत रेफ़रेंस में सामने रखे गए वीडियो पर आधारित था, जिसकी सच्चाई पात्रा के ट्वीट करने से पहले कई बार बताई जा चुकी है.

2017 में भाजपा के आईटी सेल हेड अमित मालवीय ने एक वीडियो शेयर किया था जिसमें राहुल गांधी कहते हैं, “ऐसी मशीन लगाऊंगा जिसमें इस तरफ़ से आलू डालो, दूसरी तरफ़ से सोना निकलेगा.” यह वीडियो एक लंबे स्टेटमेंट से काटकर निकाला गया था, जो राहुल गांधी ने 12 नवंबर 2017 को गुजरात के पाटन में दिया था और उसमें प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लिया था.

गांधी ने इस स्पीच में कहा था, “कुछ महीने पहले यहां बाढ़ आई थी और उन्होंने (पीएम मोदी) ने कहा था कि मैं 500 करोड़ रुपए दूंगा, लेकिन उन्होंने एक रुपया नहीं दिया. उन्होंने आलू के किसानों से कहा कि ऐसी मशीन लगाऊंगा कि इस तरफ़ से आलू डालो, दूसरी तरफ़ से सोना निकलेगा. ये मेरे शब्द नहीं हैं ये नरेंद्र मोदी जी के शब्द हैं.”

यहां ग़ौर करने वाली बात है कि राहुल गांधी का दावा ‘जुमला’ था, क्योंकि पीएम मोदी का ऐसा कोई बयान रिकॉर्ड में नहीं है.

4. जवाहर लाल नेहरू के बताकर फ़ेक कोट्स शेयर किए

2018 में एक टीवी डिबेट के दौरान पात्रा ने दावा किया कि भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कहा था, “मैं शिक्षा से अंग्रेज़ हूँ, कल्चर से मुस्लिम हूं और इत्तेफ़ाकन हिन्दू पैदा हुआ हूं.”

उन्होंने रिपब्लिक भारत की एक डिबेट में भी इस कोट का रेफरेंस दिया था.

हालांकि ये शब्द पहली बार ‘The Angry Aristocrat’ शीर्षक वाले एक आर्टिकल में दिखे थे, जिसे 1959 में NB खरे ने लिखा था. खरे हिन्दू महासभा के नेता और जवाहर लाल नेहरू के बड़े आलोचक थे. यह आर्टिकल ‘A Study of Nehru’ का एक हिस्सा था जिसमें कई राजनैतिक हस्तियों के बयान लिखे गए थे. नेहरू की आत्मकथा सहित किसी भी लिटरेचर में इस कोट को नेहरू से नहीं जोड़ा गया है.

इस पर हमारा विस्तृत फ़ैक्ट-चेक आर्टिकल आप यहां पढ़ सकते हैं.

5. अशोक गहलोत को निशाना बनाने के लिए क्लिप्ड वीडियो का सहारा

2018 में संबित पात्रा ने एक वीडियो ट्वीट किया था जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं, “अगर पानी से बिजली निकाल ली जाए और वो पानी खेत में जाएगा तो उस पानी में एनर्जी नहीं रहेगी, वो खेत के लिए बेकार है.”

यह वीडियो गहलोत की लंबी स्पीच का हिस्सा था जिसमें वह भाजपा के पहले रहे जनसंघ की बात कर रहे थे. गहलोत के मुताबिक जब वो छोटे थे तो उन्होंने देखा था कि जनसंघ के लोग कैसे भाखड़ा बांध के बारे में झूठ फैलाते थे, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नेहरू ने किया था. वो अफवाहें फैलाते थे कि अगर पानी से एक बार बिजली निकाल ली जाए तो पानी किसी काम का नहीं रहता.

 

देश में करीब 6 लाख गांव हैं, यदि 18 हजार गांवों में मोदी जी ने बिजली पहुंचाई तो फिर 5 लाख 82 हजार गांवों में बिजली किसने पहुंचाई? मोदी जी झूठ बोलने की हदें पार कर चुके हैं।

Posted by Ashok Gehlot on Saturday, 26 May 2018

6. सोनिया गांधी की संपत्ति के बारे में ग़लत दावा

पिछले साल न्यूज़ 18 की एक डिबेट के दौरान संबित पात्रा ने दावा किया था कि सोनिया गांधी दुनिया की चौथी सबसे अमीर महिला हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह दावा ‘World’s Luxury Guide’ नाम की एक गुमनाम वेबसाइट से लिया गया था जो अब ग़ायब है. नीचे इस पर हमारी विस्तृत रिपोर्ट देख सकते हैं.

7. कांग्रेसी विधायक को ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ बोलते दिखाने के लिए उसका पुराना वीडियो काट के शेयर किया

पात्रा ने कांग्रेस नेता नसीम खान का एक वीडियो ट्वीट किया और कहा कि वे “सच” जानना चाहते हैं कि क्या नसीम खान ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाए.

पात्रा को सच्चाई बता दी गयी. दरअसल सच भाजपा प्रवक्ता से अफ़वाह फैलाने से पहले ही पब्लिक थी. खान ने कहा था, “मैं मोदी जी से पूछना चाहता हूँ, आज दिल्ली में यमुना किनारे राजनाथ सिंह की मौजूदगी में श्री श्री रविशंकर ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ कहा. उन पर देशद्रोह का केस किया गया या नहीं? अगर मोदी जी और राजनाथ में हिम्मत है तो उन पर देशद्रोह का केस करें.”

पात्रा ने अभी तक अपना ट्वीट डिलीट नहीं किया है.

8. शशि थरूर के बयान को ग़लत तरह से पेश किया

नेताओं के बयान तोड़ मरोड़ कर पेश करने का सिलसिला जारी रखते हुए संबित पात्रा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से ऑन-एयर शशि थरूर को पार्टी से निकालने की मांग कर डाली थी. उनकी मांग थरूर के एक कथित बयान पर आधारित थी. उनका दावा था कि शशि थरूर ने नरेंद्र मोदी को ‘शिवलिंग पर बैठा बिच्छू’ कहा था.

अगर थरूर के स्टेटमेंट वाले वीडियो को ध्यान से सुना जाए तो साफ़ पता चलता है कि ये बयान उनका नहीं है बल्कि उन्होंने एक RSS नेता को कोट किया था, जिसने द कारवां के विनोद जोसे को बाइट दी थी.

9. सपा नेता माविया अली का पुराना वीडियो कांग्रेस नेता नसीमुद्दीन सिद्दीक़ी का बताकर शेयर किया

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर भारी विरोध प्रदर्शन के बीच संबित पात्रा ने पुराना वीडियो शेयर किया और कैप्शन दिया, “कांग्रेस का आला नेता नस्सिमुद्दीन सिद्दीकी कह रहा है “हम पहले मुसलमान है ..बाद में हिंदुस्तानी ..इस्लाम से टकराने वाले संविधान को भी हम नहीं मानेंगे ..हम इस देश के वफ़ादार नहीं है ..कुत्ते वफ़ादार होते है” कहाँ है दोनों भाईं बहन”

पात्रा ने जो वीडियो पोस्ट किया वह अगस्त 2017 का है. इसमें समाजवादी पार्टी के नेता माविया अली दिख रहे हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के विवादित सर्कुलर पर बयान दिया था. सर्कुलर में प्रदेश भर के मदरसों को स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए उसका वीडियो रिकॉर्ड करने को कहा गया था. माविया अली के बयान से सियासी भूचाल आ गया था.

इस ख़बर का विस्तृत फ़ैक्ट-चेक यहां पढ़ा जा सकता है.

विपक्ष पर हमले

10. ग़लत दावा कि AAP नेता अमानतुल्लाह खान ‘शरिया’ बनाना चाहते हैं

“अल्लाह ने तय कर दिया है की इन ज़ालिमों का ख़ात्मा होगा ..हम शरिया बनेंगे ..कहीं न कहीं से शुरुआत तो होती ही है ..”
AAP का अमानतउल्लाह खान. दोस्तों ये है AAP के विचार. अब ज़रा आप भी सोचिए ..सब अल्लाह ही तय करेंगे या आप भी कुछ तय करेंगे? आप शरिया बनना चाहतें है या नहीं??”

संबित पात्रा ने यह मेसेज ट्वीट कर बताया था कि ये अमानतुल्लाह खान का बयान है.

बयान को ध्यान से सुनने पर हमने पाया कि अमानतुल्लाह खान ने ‘ज़रिया’(माध्यम) कहा है, शरिया नहीं.

11. मुर्शिदाबाद ट्रिपल मर्डर केस को दिया पॉलिटिकल एंगल

8 अक्टूबर 2019 को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बंधु प्रकाश पाल, उनकी प्रेग्नेंट पत्नी और 8 साल के बच्चे की हत्या कर दी गई. उत्पल बेहरा नाम के एक कॉन्सट्रक्शन वर्कर पर इस अपराध का केस दर्ज किया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक बेहरा चाकू लेकर विक्टिम के घर में दाख़िल हुआ था. पुलिस ने बताया कि इन हत्याओं के पीछे की वजह ‘पैसे का लेन-देन’ थी. हालांकि पात्रा ने इसका एक पॉलिटिकल एंगल पेश करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा और विक्टिम को RSS कार्यकर्ता बताया.

पश्चिम बंगाल पुलिस ने साफ़ किया कि हत्या के पीछे कोई राजनैतिक कारण नहीं था.

इसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि विक्टिम के परिवार ने RSS के साथ किसी तरह का सम्बंध होने से इनकार किया है. इंडिया टुडे ने ये भी रिपोर्ट किया कि बंधु प्रकाश पाल के रिश्तेदार दीप्तिमान सरकार ने बताया कि एक RSS मेम्बर ने आर्थिक मदद की पेशकश की थी. हालांकि उन्होंने उस आदमी की मदद लेने से इनकार किया और पाल के किसी भी राजनैतिक पार्टी के साथ सम्बंध से इनकार किया.

इस मामले पर पूरा फ़ैक्ट-चेक यहां पढ़ सकते हैं.

12. बिना प्रोटोकॉल की समझ के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को घेरा

2017 में उपराष्ट्रपति के तौर पर अपने आख़िरी इंटरव्यू में हामिद अंसारी ने कहा था कि देश के मुस्लिमों में असुक्षा की भावना है. इसके बाद अंसारी के ख़िलाफ़ नफ़रती कैंपेन शुरू हो गया, जिसका हिस्सा संबित पात्रा भी थे. उन्होंने कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के साथ ग्राफ़िक शेयर किया जिसमें पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के योगा डे परेड में शामिल न होने और गणतंत्र दिवस पर तिरंगे को सैल्यूट नहीं किया था.

प्रोटोकॉल के मुताबिक जिस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर राष्ट्रपति उपस्थित हो वहां उपराष्ट्रपति को सैल्यूट नहीं करना होता है. इसीलिए अंसारी ने सैल्यूट नहीं किया क्योंकि गणतंत्र दिवस परेड में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी मुख्य अतिथि थे. इसके अलावा पात्रा ने जो योगा डे वाला आर्टिकल शेयर किया वह 2015 में भाजपा के नेशनल जनरल सेक्रेटरी राम माधव के द्वारा शुरू किए गए एक विवाद के बाद आया था. अंसारी ने योगा डे में शिरकत नहीं की थी क्योंकि उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था. हफिंगटन पोस्ट ने रिपोर्ट किया है कि केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक ने प्रोटोकॉल बताया कि जहां प्रधानमंत्री को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया हो वहां उपराष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया जाता है. माधव ने अपने ट्वीट के लिए बाद में माफ़ी मांगी थी.

पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर हमले

13. हर्ष मंदर को जामिया में भड़काऊ स्पीच का ज़िम्मेदार बताने के लिए क्लिप्ड वीडियो शेयर किया

संबित पात्रा ने सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर की जामिया मिलिया इस्लामिया पर दी गई स्पीच का एक हिस्सा शेयर करते हुए लिखा, “सुप्रिम कोर्ट मानवता,समानता और Secularism की रक्षा नहीं करती ..इसलिए न Supreme Court में,न संसद में फ़ैसला होगा ..फ़ैसला सड़क पर होगा”

सोनिया गांधी के NAC के सदस्य और UrbanNaxal हर्ष मंदर का कहना है।

ये है असल दंगाई जो लोगों को उसका रहें है सड़क पर उतर के हिंसा करने के लिए।”

वीडियो में मंदर को कहते सुना जा सकता है, “यह लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में नहीं जीती जाएगी. हमने सुप्रीम को पिछले कुछ समय से NRC, अयोध्या और कश्मीर के मामलों में देखा है. सुप्रीम कोर्ट मानवता, समानता और सिकुलरिज़्म को बनाये रखने में नाकाम रहा है. हम सुप्रीम कोर्ट में प्रयास करते रहेंगे, वह हमारा सुप्रीम कोर्ट है, लेकिन फ़ैसला न तो संसद में होगा, न सुप्रीम कोर्ट में. हमारे देश का भविष्य क्या होगा? आप सब युवा हैं- आप अपने बच्चों के लिए कैसा देश छोड़ना चाहते हैं? यह फ़ैसला कहां होगा? पहला, यह सड़को पर होगा, हमें सड़कों पर उतरना होगा…” यहां बीच में क्लिप रुक जाती है.

हालांकि मंदर की स्पीच को क्लिप किया गया. जो उन्होंने कहा उसका कॉन्टेक्स्ट ये है, “हमारे देश का भविष्य क्या होगा? आप सब युवा हैं- आप अपने बच्चों के लिए कैसा देश छोड़ना चाहते हैं? यह फ़ैसला कहाँ होगा? पहला, यह सड़को पर होगा, हमें सड़कों पर उतरना होगा, लेकिन सड़कों के अलावा एक और जगह है जहां ये फैसला होगा. इस लड़ाई का फ़ैसला और किस जगह पर होगा? वो जगह है हमारा दिल, मेरा दिल आपका दिल, हमें जवाब देना होगा- अगर वे हमारे दिलों को नफ़रत से भरते हैं और हम नफ़रत में जवाब देते हैं तो नफ़रत और गहरी होती जाएगी.”

इस मामले में आप हमारी वीडियो फ़ैक्ट चेक रिपोर्ट यहां देख सकते हैं –

14. आरफ़ा ख़ानम की CAA पर स्पीच को ग़लत रंग देकर शेयर किया

पात्रा ने पत्रकार आरफ़ा ख़ानम का एक वीडियो ट्वीट किया और दावा किया कि आरफ़ा ने इस्लामिक संस्कृति को बढ़ाने की साजिश शुरू कर दी है. उन्होंने लिखा, “हिंदुओं की आवश्यकता केवल “तब तक” ही है जब तक इस्लामिक Society का निर्माण न हो जाए. हमारे नारे भी सभी को मान्य होगा- ला इल्लाह इल्लल्लाह ..सभी के लिए”

नीचे दिए गए वीडियो में 17:15 मिनट से इस वीडियो को काटा गया है. दरअसल इस हिस्से को भी ट्रांसलेट किया जाए तो ख़ानम किसी ‘इस्लामिक समाज’ का निर्माण करने की बात करती नहीं दिखती हैं. वो कहती हैं, “यह प्रोटेस्ट हमें एक ऐसे समाज में ले जा रहा है जहां सभी बराबर होंगे. इसलिए हम अपनी विचारधारा से समझौता नहीं कर रहे हैं, मैं यह फिर से कहती हूँ. हम अपनी विचारधारा से समझौता नहीं कर रहे हैं बल्कि अपनी स्ट्रेटजी बदल रहे हैं.” यहां ‘स्ट्रेटजी’ शब्द को प्रोटेस्ट के स्वरूप पर ज़ोर दे रहा है जहां धार्मिक नारों को दरकिनार करके सेकुलर आंदोलन को सराहा जाता है.

15. आतिश तासीर को पाकिस्तान का नागरिक बताया

पत्रकार आतिश तासीर ने पिछले साल टाइम मैगज़ीन की कवर स्टोरी ‘India’s divider-in-chief’ लिखी थी, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की तीखी आलोचना की गई थी. इसके बाद संबित पात्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया कि तासीर पाकिस्तानी नागरिक हैं.

तासीर ब्रिटिश नागरिक हैं. वे UK में पैदा हुए, भारत में पले-बढ़े और आजकल न्यूयॉर्क, US में रहते हैं. वे भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह और पाकिस्तानी नेता सलमान तासीर के बेटे हैं.

तासीर की नागरिकता के विवाद पर हमारा विस्तृत फ़ैक्ट-चेक आर्टिकल आप यहां पढ़ सकते हैं.

मुस्लिम समुदाय पर हमले

16. बिजनौर का वीडियो मुस्लिम विरोधी और ग़लत दावे के साथ शेयर किया

भारत में कोरोना वायरस स्वास्थ्य संकट से बढ़कर एक मानवीय संकट है जहां ग़रीबों को बिना खाने के और बिना पैसे के बेसहारा छोड़ दिया गया है. इस सबके बीच निजामुद्दीन मरकज़ को हॉटस्पॉट घोषित किए जाने के बाद इसने मुस्लिम विरोधी हवा को तेज़ कर दिया. मुस्लिम व्यापारियों के साथ मार-पीट की गई और मुस्लिम समुदाय के दुकानदारों का बॉयकॉट किया गया. संबित पात्रा ने एक मुस्लिम दुकानदार का वीडियो शेयर करते हुई दावा किया कि उसने जो सामान बेचने के लिए रखा था उस पर पेशाब किया.

उस आदमी ने अपने ठेले पर रखे फलों पर पेशाब नहीं छिड़का था. उसके ख़िलाफ़ की गई FIR में कहा गया था कि उसने पेशाब करने के बाद अपने ठेले पर रखी पानी की बोतल से हाथ धोए थे. बाद में उसी बोतल से फलों पर पानी छिड़का था.

इस घटना पर हमने विस्तृत रिपोर्ट 23 अप्रैल 2020 को पब्लिश की थी. एक महीने बाद पात्रा का वो ग़लत ट्वीट अब भी उनकी टाइमलाइन पर दिख रहा है.

17. CAA प्रोटेस्ट के दौरान हिन्दू देवी-देवताओं के पोस्टर जलाए गए, ये दिखाने के लिए पुराना वीडियो शेयर किया

इसी साल जनवरी में भाजपा प्रवक्ता ने एक ट्वीट को कोट ट्वीट किया था जिसमें हिन्दू देवी-देवताओं के पोस्टर जलाने का वीडियो था. पात्रा ने दावा किया कि ये CAA विरोधी प्रदर्शनकारी हैं.

जिसे पात्रा ने कोट ट्वीट किया था वह ट्वीट डिलीट हो गया लेकिन पात्रा का ट्वीट अभी बना हुआ है. ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वीडियो कम से कम अगस्त 2018 का है. बैकग्राउंड में लोगों को कन्नड़ में ‘ज़िंदाबाद, ज़िंदाबाद! अम्बेडकर ज़िंदाबाद’ के नारे लगाते सुना जा सकता है.

 

Why this hell… What Hindus god have done to you… Secularism should be banned … Bring uniform civil code

Posted by Prashanth Venkataswamy on Thursday, 23 August 2018

18. मुस्लिम मौलाना की पुरानी भड़काऊ स्पीच CAA विरोधी प्रोटेस्ट का बताकर शेयर किया

CAA प्रोटेस्ट के दौरान पात्रा ने एक मुस्लिम मौलाना की भड़काऊ स्पीच का वीडियो शेयर किया और लिखा, “ख़तरनाक बहुत ख़तरनाक.. जाग जाइये इससे पहले कि देर हो जाए!!”

ये भड़काऊ स्पीच जमीयत उलेमा-ए-हिंदी के जिला अध्यक्ष मुफ़्ती रईस अहमद ने 2019 में तबरेज़ अंसारी की लिंचिंग के बाद दी थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक मुफ़्ती के ख़िलाफ़ कोतवाली पुलिस में IPC की हेट स्पीच की धारा और दो समुदायों के बीच दुश्मनी बढाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया था.

इस मामले पर ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.

संबित पात्रा को लेकर भी कई बार अफ़वाहें फैल चुकी हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने सोशल मीडिया पर किए जा रहे उस दावे को ख़ारिज़ किया था जिसमें कहा गया था कि उन्हें भाजपा प्रवक्ता पद से हटा दिया गया है. किसान आंदोलन को लेकर उनका एक फ़ेक कोट वायरल हो रहा था जिसके बारे में इस आर्टिकल में पढ़ा जा सकता है. एक प्रसिद्ध पब्लिक पर्सनैलिटी होने के कारण पात्रा को लेकर अफ़वाहें फैलना सामान्य बात है. हालांकि सत्ता में मौजूद पार्टी का प्रतिनिधि होने के बावजूद वो क्यों अफवाहें फैला रहे हैं ये समझ से परे है.

क्या भाजपा अपने प्रवक्ता के द्वारा फैलाई गई फ़ेक इन्फॉर्मेशन से इत्तेफ़ाक रखती है, खासतौर से जब लाइव टीवी पर वो बात कही जाती है? क्या सत्ताधारी पार्टी विपक्ष, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों और मुस्लिम समुदाय पर भ्रम पैदा करने वाली जानकारियों और सच्चाई से दूर खड़े दावों के दम पर हमला करना चाहती है? क्या इसीलिए संबित पात्रा फ़ेक इन्फॉर्मेशन को सच सामने आने के बाद भी डिलीट नहीं करते हैं? ऑल्ट न्यूज़ ने इस आर्टिकल में बताए गए उनके हर ट्वीट पर आर्टिकल लिखे हैं. भाजपा प्रवक्ता ने उनमें से कोई ट्वीट डिलीट नहीं किया है, यहां तक कि उनमें से कुछ 3 साल से ज़्यादा पुराने हैं. हमने संबित पात्रा से उनके स्टेटमेंट के लिए फ़ोन, व्हाट्सएप और ईमेल पर सम्पर्क करने की कोशिश की. उनकी तरफ़ से कोई जवाब नहीं आया है. पात्रा ने 2018 में हमें जवाब दिया था जब उन पर रेप के आरोप की अफ़वाह सोशल मीडिया पर फैली थी और उसे ख़ारिज़ करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने एक स्टोरी की थी. अब ट्विटर पर उनके वेरिफ़ाइड हैंडल द्वारा शेयर की जा रही ग़लत जानकारी पर स्पष्टीकरण भी वही दे सकते हैं. लेकिन अभी के लिए उनके ग़लत जानकारियों से भरे ट्वीट्स डिलीट न होते देखकर कोई ख़ास उम्मीद नहीं की जा सकती.

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About the Author

Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.