नफ़रत फ़ैलाने के मकसद के किए गए पोस्ट्स के आधार पर ट्विटर ऐसे एकाउंट्स बैन कर सकता है. ज़्यादातर वेरीफ़ाईड एकाउंट्स “बार-बार इन ट्विटर नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं” जिसमें नफ़रत वाले कंटेंट पोस्ट करना शामिल है. ऐसा करने पर उनका वेरीफ़ाईड बैज भी हटाया जा सकता है. लेकिन फिर भी 20 लाख फ़ॉलोवर्स वाला एक वेरीफ़ाईड यूज़र जो नियमित रूप से भारत में मुस्लिम समुदाय को टारगेट करते हुए आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करती हैं, उन्हें न सिर्फ ट्विटर इस्तेमाल करने दिया जा रहा है. बल्कि इस एकाउंट को वेरीफ़ाईड बैज भी दिया गया है.

मधु किश्वर और कई बार उनके द्वारा किया गया ट्विटर पॉलिसी का उल्लंघन

राईट विंग कॉलम्स्टि मधु किश्वर ने एक ट्वीट में लिखा था कि मुस्लिम पुरुष अपनी “यौन शक्ति” से हिंदू, ईसाई और सिख लड़कियों को लुभाते हैं. उन्होंने मुस्लिम पुरुषों को “ट्रेंड स्टड बुल” कहा और अप्रमाणित “लव जिहाद” को एक नया नाम दिया, “सेक्स जिहाद.” इस ट्वीट को फ़िलहाल हटा लिया गया है.

मुसलमानों के निहित प्रदर्शन पर उनकी बेतुकी बातें हास्यास्पद होंगी. मधु किश्वर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ़ इस तरह के अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कई बार देखी गई हैं.

उनके ट्वीट पर भारी प्रतिक्रिया आने के बाद उन्होंने अपने ट्वीट हटा लिया. और यकीनन उसी ट्वीट पर एक स्पष्टीकरण दिया. उन्होंने लिखा कि, “स्टड बुल” सहित कोई भी जानवर, सेक्स स्लेवरी के लिए महिलाओं का बलात्कार या उन पर कब्जा नहीं करता और अपनी ही प्रजाति की महिलाओं पर क्रूरता करके आनंद नहीं लेता. लेकिन “मज़ाबी ऐसा करके खुद पर गर्व करते हैं.” “मज़ाबी” शब्द का इस्तेमाल मुसलमानों को संदर्भित करने के लिए किया गया है.

23 जुलाई, 2022 को उन्होंने पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता भारतीय फ़ोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी को ‘जिहादी‘ बताया.

अफ़ग़ानिस्तान से रिपोर्ट करने के दौरान, तालिबान के हमले में दानिश सिद्दीकी की मौत हो गई थी. बड़े पैमाने पर सार्वजनिक आक्रोश और कई रिपोर्ट्स के बाद, ट्विटर ने 2 दिन के बाद मधु किश्वर का ट्वीट हटाया. हालांकि, उनका अकाउंट सस्पेंड नहीं किया गया.

ट्विटर को जब कोई अकाउंट हटाने के लिए एक उदाहरण काफी नहीं लगता तो इसके लिए और कितने उदाहरण लगेंगे? मधु किश्वर ने लगातार नफ़रत फ़ैलाने का काम किया है. और ट्विटर पॉलिसी के एक नहीं बल्कि कई नियमों का उल्लंघन किया है.

  1. किसी व्यक्ति या लोगों की गंभीर नुकसान की कामना या आशा करना

29 मई 2021 को मधु किश्वर ने एक ट्वीट किया था जिसमें सुझाव दिया गया था कि “लव जिहाद” में शामिल मुस्लिम पुरुषों के हाथ काट दिए जाने चाहिए. “लव जिहाद” दक्षिणपंथी हिंदूओं का बनाया गया एक मुहावरा है जिसका मतलब हिंदू महिलाओं को इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए मुसलमानों द्वारा की जाने वाली अप्रमाणित साजिश है.

ट्विटर पॉलिसी के अनुसार, यूज़र्स का “ऐसा कहना कि कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह किसी गंभीर शारीरिक चोट के लायक है.” प्लेटफ़ॉर्म बर्दाश्त नहीं करेगा.

ट्विटर किसी व्यक्ति या लोगों के समूह के खिलाफ़ “मौत या गंभीर शारीरिक नुकसान की इच्छा” जाहिर करने से भी रोकता है. लेकिन मधु किश्वर को ऐसी इच्छा जताने के बाद भी स्सपेंड नहीं किया गया. उन्होंने ये इच्छा जताई थी कि “भारत में शांति वापस लाने” के लिए मुसलमानों को उनके वतन वापस भेज दिया जाना चाहिए. इस्लामी जीत में हुए रक्तपात का ज़िक्र करते हुए वो व्यंग्यात्मक तरीके से “शांतिपूर्वक” शब्द का इस्तेमाल कर रही थीं. बाद में उन्होंने ट्वीट हटा लिया लेकिन उसका आर्काइव्ड लिंक यहां देखा जा सकता है.

जब 2019 में श्रीनगर में मतदान हुआ था. उस वक्त मधु किश्वर ने मेजर लीतुल गोगोई द्वारा एक कश्मीरी नागरिक को सेना की जीप से बांधने पर भी खुशी जताई थी. उन्होंने लिखा था कि “जिहादी भीड़” से इस तरह ही निपटा जाना चाहिए, बावजूद इसके कि जिस व्यक्ति के साथ इस तरह का व्यवहार किया गया था वो एक नागरिक था.

निज़ामुद्दीन मरकज़ को एक COVID हॉटस्पॉट बताये जाने के बाद, उन्होंने ज़्यादा संख्या वाले मुस्लिम एरिया को “मिनी पाकिस्तान” के रूप में संदर्भित किया और लिखा कि इन एरिया के सभी निवासी को बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.

2. संरक्षित श्रेणियों के खिलाफ़ उकसाना

इस सेक्शन के लिए, हमने ट्विटर की पॉलिसी और मधु किश्वर के ट्विटर की पॉलिसी के नियमों का उल्लंघन करने वाले ट्वीट्स की साथ में तुलना की.

ट्विटर ने यूज़र्स को “एक संरक्षित श्रेणी के बारे में डर फ़ैलाने या भयावह रूढ़िवादिता फ़ैलाने पर प्रतिबंधित किया जिसमें ये दावा करना भी शामिल है कि संरक्षित श्रेणी के सदस्यों के खतरनाक या अवैध गतिविधियों में भाग लेने की ज़्यादा संभावना है.” इसके बाद भी मधु किश्वर ने ट्वीट किया कि कश्मीर में भारतीय सेना को एक गर्भवती मुस्लिम महिला की मदद नहीं करनी चाहिए थी. क्योंकि उस महिला के “पिता, पति, भाई, बहन या बेटे” आईएसआई ‘जिहादियों’ की कमान में आतंकवादियों को पनाह देने या सेना के जवानों पर पत्थर मारने” से संकोच नहीं करेंगे. इसका कोई परिणाम नहीं निकला.

फ़रवरी, 2019 में कश्मीरी दुकानों के बारे में एक यूज़र को रिप्लाई देते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि भारत में 5-स्टार होटलों में ज़्यादातर हेंडीक्राफ्ट की दुकानें “जिहादी” समूहों को कवर प्रदान करती हैं. इसके बाद उन्होंने लिखा, ‘अजीब बात है कि 5 स्टार, 4 स्टार होटलों में 5 में से 10 दुकानें कश्मीरी मुसलमानों की हैं.”

2021 में मधु किश्वर ने ट्वीट किया था कि गिर गाय का दूध लेना “जारी रखने के लिए उनका दिल नहीं मान रहा” क्योंकि सप्लायर का नाम रहमान है. ट्विटर अपने यूज़र्स को किसी व्यक्ति या समूह की कथित सदस्यता एक संरक्षित श्रेणी में होने की वजह से उनके आर्थिक बहिष्कार को बढ़ावा देने से प्रतिबंधित करता है. उनके ट्वीट में ये भी संकेत दिया गया कि मुस्लिम विक्रेता प्रोडक्ट्स पर थूकते हैं और पेशाब करते हैं. ऑल्ट न्यूज़ ने पहले भी कई बार इसी तरह के एंटी-मुस्लिम दुष्प्रचार पर फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट पब्लिश की है.

मधु किश्वर ने कई बार धर्म या धार्मिक प्रथाओं के आधार पर आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया है. मई 2020 में उन्होंने लोगों को सभी हलाल-सर्टिफ़ाइड प्रोडक्ट्स का बहिष्कार करने के लिए प्रोत्साहित किया था. अक्टूबर 2021 में उन्होंने लिखा कि हिंदुओं को ईसाई स्कूलों का बहिष्कार करना चाहिए और उनसे सब्सिडी वापस लेने की मांग करनी चाहिए.

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उन्होंने ये भी ट्वीट किया था कि “शेहला रशीद जैसे कई लोगों” को सरकार की उड़ान योजना के तहत छात्रवृत्ति नहीं दी जानी चाहिए. क्योंकि वे “इस्लामी जिहादियों के लिए स्लीपर सेल फ़ैलाने” के लिए यूनिवर्सिटीज़ में एडमिशन लेते हैं.

हाल ही में दिल्ली सरकार ने घोषणा की कि सशस्त्र सेना तैयारी स्कूल का उद्देश्य उन छात्रों की मदद करना है जो दिल्ली के निवासी हैं और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और अन्य संबंधित प्रवेश परीक्षाओं में प्रवेश के लिए तैयारी करते हैं. ये परियोजना किश्वर को अच्छी नहीं लगी. उन्हें डर था कि आम आदमी पार्टी “खालिस्तानी” और “आतंकवादियों” को भारतीय सेना में भर्ती करने की योजना बना रही है. इससे ये निष्कर्ष निकलता है कि मधु किश्वर एक निश्चित आस्था या विचारधारा रखने वाले दिल्ली निवासियों को “आतंकवादी” मानती हैं.

3. लगातार और/या गैर-सहमति वाली गालियां, विशेषण, नस्लवादी और सेक्सिस्ट ट्रॉप, या दूसरे कंटेंट जिसमें किसी को नीचा दिखाया गया है

मधु किश्वर अक्सर मुस्लिम समुदाय के सदस्यों को संदर्भित करने के लिए ‘जिहादी’ शब्द का इस्तेमाल करती है. उन्होंने किसी भी मुखर या प्रमुख मुस्लिम आवाज़ के लिए अनिवार्य रूप से इस शब्द का इस्तेमाल किया है जिनमें राणा अय्यूब, सबा नकवी, दानिश सिद्दीकी, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, शाह फैसल और शेहला राशिद शामिल हैं.

लेकिन ये दुश्मनी सिर्फ मुसलमानों तक ही सीमित नहीं है. ईसाइयों के लिए भी उनकी यही भावनाएं हैं और उन्हें “राइस बैग कन्वर्टस्” के रूप में संदर्भित करती हैं.

मधु किश्वर को अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं के खिलाफ़ अपमानजनक और सेक्सिस्ट भाषा का इस्तेमाल करने के लिए भी जाना जाता है. उन्होंने 2018 में पोस्ट किया था, “रेहाना फातिमा को मुल्लाओं को ललकारते हुए देखकर हमें खुशी होनी चाहिए. वे शायद उसके खिलाफ फतवा जारी करने की हिम्मत नहीं करते क्योंकि वे उनमें 73वें हूर को देखते हैं.”

वो केरल की महिला अधिकार कार्यकर्ता रेहाना फातिमा के बारे में बात कर रही थीं. रेहाना फातिमा कोझीकोड कॉलेज की शिक्षिका की सेक्सिस्ट टिप्पणी के खिलाफ थीं जिसमें कहा गया था कि “मुस्लिम महिलाएं ठीक से हिजाब नहीं पहन रही हैं और जानबूझकर कटा हुआ तरबूज की तरह अपने स्तनों को उजागर कर रही हैं.” इस बयान के विरोध में फातिमा ने अपने स्तनों को तरबूज़ से ढंकते हुए पोज़ दिया था.

इस मामले पर मधु किश्वर ने नस्लीय और सेक्सिस्ट टिप्पणी की. उन्होंने कुरान में “स्वर्ग की 72 कुंवारी” कविता का ज़िक्र करते हुए फातिमा को “73 वां हूर” कहा.

हाल ही में किश्वर ने एक वीडियो कोट-ट्वीट करते हुए लिखा कि मुसलमानों में “खून की वासना और बलात्कारी कोख के लिए अतृप्त इच्छा” है. वीडियो में बांग्लादेश में भूत भगाने के तरीके को दिखाया गया है. लेकिन किश्वर ने इस झूठे दावे को आगे बढ़ाया कि ये जबरन धर्म परिवर्तन का है.

ट्विटर की पॉलिसी के मुताबिक, ये प्लेटफ़ॉर्म “उन चीजों पर रोक लगाता है जिसमें दूसरों को बार-बार गालियां दी जाय. ट्रॉप या ऐसे कंटेंट जिसमें एक संरक्षित श्रेणी के बारे में अमानवीय, नकारात्मक या नुकसानदायक रूढ़ियों को बढ़ावा मिले जिसमें किसी को नीचा दिखाने के मकसद से टारगेट किया जाय”. इसमें आगे कहा गया है, “कुछ मामलों में, जैसे गाली-गलौज, उपहास, या नस्लवादी/सेक्सिस्ट ट्रॉप्स का गंभीर और लगातार इस्तेमाल, (लेकिन इन्हीं तक सीमित नहीं) जहां पोस्ट का पहला मकसद दूसरों को परेशान करना या डराना है, हमें ऐसे ट्वीट को हटाने की ज़रूरत हो सकती है.”

4. दूसरों को परेशान करने या डराने के मकसद से अपमान और गाली-गलौज का इस्तेमाल करना

अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद, मधु किश्वर ने उनकी प्रेमिका और अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती को उनकी मौत के लिए ज़िम्मेदार ठहराया. उन्होंने लिखा कि रिया चक्रवर्ती के पिता, एक पूर्व भारतीय सेना अधिकारी, “अपनी बेटी का इस्तेमाल अमीर आदमियों को फंसाने और उनके पैसे हड़पने के बाद उन्हें खत्म करने के लिए करते हैं.”

ये टारगेट, शोषण के बराबर है जो ट्विटर पर प्रतिबंधित है. अपमानजनक व्यवहार पर इस प्लेटफॉर्म की पॉलिसी में कहा गया है, “हम दूसरों को टारगेट करने के लिए अपमान, गाली-गलौज या गालियों के इस्तेमाल के खिलाफ़ कार्रवाई करते हैं.”

ट्विटर ये भी कहता है कि “अपमान या गालियों के लगातार इस्तेमाल के मामले में एक यूज़र को हटाया जा सकता है जहां उसके पोस्ट का पहला मकसद दूसरों को परेशान करना या डराना है.”

मधु किश्वर कई बार रिया चक्रवर्ती को ‘सेक्स बैट’ कह चुकी हैं.

इन्होने दूसरों को भी टारगेट करके शोषण किया है जिनमें शेहला रशीद, रेहाना फातिमा और राणा अय्यूब शामिल हैं.

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नफ़रत फ़ैलाने पर ट्विटर की पॉलिसी के लगभग हर प्रावधान के उल्लंघन के बावजूद ट्विटर ने मधु किश्वर के एकाउंट्स के खिलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की. बिना किसी परिणाम के वो ऐसा कर रही हैं. इस पर बात करने के लिए ऑल्ट न्यूज़ ने ट्विटर से संपर्क किया. हमने ट्विटर को आपत्तिजनक कंटेंट पर विस्तार से एक ईमेल भेजा और ट्विटर ने हमें उन ट्वीट्स की रिपोर्ट करने के लिए कहा जो हमें लगता है कि नफ़रत फ़ैलाने के लिए किये गए हैं और जिससे ट्विटर की पॉलिसी का उल्लंघन हुआ है. ऑल्ट न्यूज़ ने इस आर्टिकल में पहले बताए गए कई ट्वीट रिपोर्ट किए हैं. हालांकि, उनमें से किसी भी ट्वीट को इस आर्टिकल के लिखे जाने तक नहीं हटाया गया है. ट्विटर को इसके बारे में सूचित किया गया था. लेकिन प्लेटफ़ॉर्म ने कई फॉलो-अप ईमेल का जवाब नहीं दिया है.

गौरतलब है कि मधु किश्वर अल्पसंख्यकों को टारगेट करने के लिए लगातार ग़लत सूचनाओं का भी इस्तेमाल करती हैं. लेकिन ट्विटर की कोई विशिष्ट नीति नहीं है जो ग़लत सूचनाओं पर ध्यान रखे. बहुत ही कम मौकों पर लागू ‘मैनीपुलेटेड मीडिया’ टैग के अलावा, ये यूज़र्स को झूठी खबरों के लिए ट्वीट पर रिपोर्ट करने का विकल्प भी नहीं देता है.

अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ गलत सूचना को बढ़ावा देने वाले मधु किश्वर के ट्वीट्स

मधु किश्वर न सिर्फ मुसलमानों के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करती हैं. बल्कि मुस्लिम और दूसरे अल्पसंख्यक समुदायों को निशाना बनाकर ग़लत सूचनाएं भी शेयर करती हैं.

  1. सीएए विरोध के दौरान सिख व्यक्ति को मुस्लिम ढोंगी बताया.

फरवरी 2020 में जब नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ़ विरोध अपने चरम पर था. तब मधु किश्वर ने एक सिख व्यक्ति की पगड़ी हटाने वाले पुलिसकर्मियों का वीडियो ट्वीट किया. उन्होंने दावा किया कि ये सिख असलियत में एक मुस्लिम है.

वीडियो 2011 में मोहाली में ग्रामीण पशु फार्मासिस्टों की छंटनी के बाद शूट किया गया था. जिस व्यक्ति की पगड़ी उतारी गई वो एक प्रदर्शनकारी और सिख समुदाय का सदस्य था. ग़लत सूचना पर ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है. मधु किश्वर ने बाद में अपना ट्वीट हटा लिया.

2. एक काल्पनिक ‘लव जिहाद’ कहानी को बढ़ावा दिया

मधु किश्वर ने एक ट्वीट को कोट-ट्वीट किया जिसमें कुछ तस्वीरें पोस्ट की गई थीं. तीन में से दो तस्वीरें एक जोड़े की हैं जहां पहली तस्वीर में लड़की ने सिंदूर और सिर पर दुपट्टा लिया है, दूसरी तस्वीर में उसने मुस्लिम पोशाक पहना है. और तीसरी तस्वीर में सूटकेस में एक मृत महिला दिखाई दे रही है और आसपास पुलिस मौजूद हैं.

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि दो अलग-अलग घटनाओं की तस्वीरों को ग़लत तरीके से पेश किया गया और एक झूठी कहानी बनाई गई. एक सूटकेस में मिला शव उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद के एक मामले से संबंधित है. जबकि दूसरी दो तस्वीरों में उत्तराखंड के देहरादून की एक महिला है. दोनों मामलों का आपस में कोई लेना-देना नहीं है और तस्वीरों में दिख रही महिला की हत्या नहीं की गई थी.

3. गुजरात की एक मस्जिद से हथियार बरामद होने के झूठे दावे के साथ पुरानी तस्वीरें पोस्ट कीं

हथियार एक मस्जिद से नहीं बल्कि एक हाईवे होटल पर छापेमारी से बरामद किए गए थे. ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां देखी जा सकती है.

4. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने तिरुपति मंदिर ट्रस्ट के प्रमुख के लिए एक इंजीलवादी नियुक्त करने का झूठा दावा किया

जून 2019 में किश्वर ने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने बोर्ड की सदस्य, लेखक और इंफ़ोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति को हटाकर अपने चाचा और कथित रूप से “एक कट्टर प्रचारक” को तिरुमाला तिरुपति मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया.

इस दावे को खुद सुधा मूर्ति ने खारिज़ किया था.

5. भारत में कैडबरी द्वारा गोमांस वाले प्रोडक्ट्स बेचने का झूठा दावा किया

उपर दिए गए ट्वीट में शेयर किया गया स्क्रीनशॉट कैडबरी ऑस्ट्रेलिया का है न कि भारत का. कंपनी भारत में बीफ़ वाले प्रोडक्ट्स नहीं बेचती है.

6. फ्रांस बिहेडिंग मामले के बाद पेरिस में मुस्लिम समुदाय का विरोध फिर से शुरू होने का भ्रामक दावा

मधु किश्वर ने इस दावे के साथ एक वीडियो ट्वीट किया कि पेरिस में मुसलमानों ने नमाज़ अदा करने के लिए फुटपाथ पर कब्ज़ा कर लिया जिसके बाद वहां के लोगों ने उसी जगह फ्रांसीसी राष्ट्रगान गाया.

2020 में फ्रांस में एक शिक्षक का सिर काट दिया गया था. मधु किश्वर ने जो वीडियो शेयर किया वो 2017 का है. जब एक स्थानीय मस्जिद को बंद करने के बाद मुसलमान नमाज अदा करने के लिए सड़क पर उतर आए थे. फ्रांस में सार्वजानिक रूप से नमाज़ पढ़ा जाना राजनेताओं को अच्छा नहीं लगा. फ्रांस एक ऐसा देश है जहां चर्च और राज्य के अलगाव को काफी लागू किया जाता है.

इस मामले पर ऑल्ट न्यूज़ का फ़ैक्ट-चेक विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है.

7. ईसाई विरोधी भावना के साथ रानू मंडल पर व्यंग्य किया

गायिका रानू मंडल जो रेलवे प्लेटफॉर्म पर गाते हुए एक वीडियो के वायरल होने के बाद मशहूर हुई थीं. उन पर एक व्यंग्यपूर्ण ट्वीट किया गया. मधु किश्वर ने इसे कोट-ट्वीट करते हुए सवाल किया, “मिशनरियों ने उसे उस वक्त कैसे नहीं देखा जब वो रेलवे प्लेटफार्म पर रह रही थी?” रानू मंडल ईसाई समुदाय से ताल्लुक रखतीं हैं.

ये दावा काल्पनिक था जिसे फ़ॉक्सी नामक एक वेबसाइट द्वारा बनाया गया था. ये एक ‘व्यंग्यात्मक प्लेटफॉर्म’ है.

8. पैरोडी अकाउंट से रेप के आरोपी केरल बिशप का फ़र्ज़ी बयान ट्वीट किया

किश्वर ने रेप के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के हवाले से एक ट्वीट किया था, “मेरे और नन के बीच जो कुछ भी हुआ, वो बलात्कार नहीं है. एक्ट के अंत में होली जीसस के जादुई अस्तित्व को महसूस करना ज्ञान की पवित्र रस्म है.”

ये कोट “breakyourownnews.com” पर बनाया गया था. इस वेबसाइट का इस्तेमाल ऐसी खबरें बनाने के लिए किया जाता है जो न्यूज़ की तरह ही दिखती हैं.

9. कर्नाटक में हिजाब समर्थक विरोध के खिलाफ़ झूठी कहानी बनाने के लिए जेडीएस सदस्य नजमा नज़ीर की तस्वीरों को कोट-ट्वीट किया

कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं को हिजाब पहनकर क्लास में आने पर रोक लगा दी गई थी. इसके बीच, मधु किश्वर ने नजमा नज़ीर नाम की एक महिला की कई तस्वीरें कोट-ट्वीट की. तस्वीरों में नजमा को हिजाब पहने और बिना हिजाब पहने दिखाया गया था. कहा गया था कि नजमा नज़ीर आमतौर पर हिजाब नहीं पहनती. लेकिन अपने ‘एजेंडा’ को आगे बढ़ाने के लिए कॉलेज में हिजाब पहनती हैं.

नजमा नज़ीर जनता दल (सेक्युलर) कर्नाटक की सदस्य हैं. वो कॉलेज की छात्रा नहीं है. लेकिन 2018 में उन्होंने स्नातक की डिग्री ली थी. हिजाब बैन के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन को बदनाम करने के लिए उनकी तस्वीरों का ग़लत इस्तेमाल किया जा रहा था.

किश्वर ने एक और मौके पर नजमा नज़ीर की तस्वीरें शेयर कीं थीं. और सच्चाई जानने के बावजूद उन्होंने अपने दोनों ट्वीट्स नहीं हटाये थे. इस मामले पर ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.

10. झूठा दावा: 2015 में ग़िरफ्तार किए गए ब्रिटेन के मालिकों ने “गैर-मुसलमानों” को मलमूत्र के साथ खाना परोसा था

2021 में एक महिला ने यूके के दो मुस्लिम रेस्टोरेंट मालिकों के बारे में एक रिपोर्ट शेयर की थी जिन्हें ग्राहकों को मलमूत्र के साथ खाना परोसने के आरोप में ग़िरफ्तार किया गया था. महिला ने दावा किया कि खाने के साथ मलमूत्र सिर्फ गैर-मुसलमानों को परोसा गया था और मधु किश्वर ने इस महिला के ट्वीट को कोट ट्वीट करते हुए इस दावे को आगे बढ़ाने का काम किया.

ऑल्ट न्यूज़ ने देखा कि असल में ब्रिटेन के दो रेस्टोरेंट मालिकों को मानव मल से दूषित खाना परोसने का दोषी पाया गया था. लेकिन ये तो जानबूझकर किया गया था और न ही घटना का कोई धार्मिक कारण था. एक अदालत ने पाया कि रेस्टोरेंट के कर्मचारियों ने शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद अपने हाथ ठीक से नहीं धोए थे.

इस मामले में भी मधु किश्वर को सच बताया गया था लेकिन उन्होंने अभी तक अपना ट्वीट नहीं हटाया है.

11. रोहिंग्या शिविर में आग लगने के बाद की तस्वीर को नफ़रत भरे मेसेज के साथ शेयर किया

मधु किश्वर ने हाल ही में रोहिंग्या व्यक्ति का एक इन्फ़ोग्राफ़िक शेयर किया जिसमें दावा किया गया था कि उसके पास खाने के लिए भोजन या पहनने के लिए कपड़े नहीं हैं. लेकिन उसकी तीन पत्नियां और आठ बच्चे हैं. इसमें आगे दावा किया कि उस आदमी के पास 29 हज़ार रुपये का एक मोबाइल फ़ोन भी है.

इस तस्वीर को 2019 में फ़ोटोग्राफ़र देबायन रॉय ने क्लिक किया था. उन्होंने हमें बताया था, “रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए ज़कात फ़ाउंडेशन द्वारा चलाए जा रहे दारुल हिजरत के एक शिविर में आग लग गई थी. एक सुबह ये ज़गह रहस्यमय ढंग से जली हुई मिली. पूरा इलाका पूरी तरह जलकर खाक हो गया. ये लोग [तस्वीर में] एक कोने में बैठे थे और तस्वीर में दिख रहा व्यक्ति असल में दो बच्चों का पिता था. आग में उसकी पत्नी और बेटा घायल हो गए. जब ट्रस्ट द्वारा खाना परोसा जा रहा था, उस वक्त उन्होंने फ़ोन उसे पकड़ने के लिए दिया था, जो फ़ोन तस्वीर में उसके हाथ में दिख रहा है. दरअसल, जब उसे फ़ोन पकड़ाया गया तो उसने फ़ोन को किसी एलियन ऑब्जेक्ट की तरह देखा था. सोशल मीडिया पर जो भी दावा किया जा रहा है वो सच नहीं है. घटनाओं को इस तरह बताया जाना वाकई दुखद है.”

ग़लत राजनीतिक सूचना

मधु किश्वर नियमित रूप से भाजपा के विरोधियों को निशाना बनाकर राजनीतिक गलत सूचनाएं भी शेयर करती हैं. और अक्सर इस तरह की ग़लत सूचना एंटी-मुस्लिम प्रोपेगेंडा के साथ शेयर करती हैं.

12. 2019 में महाराष्ट्र चुनाव के बाद कौमी एकता सप्ताह का वीडियो सांप्रदायिक ऐंगल के साथ शेयर किया

मधु किश्वर ने एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया कि उद्धव ठाकरे का महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद पुलिसकर्मी जुम्मे की मुबारकबाद देते हुए तस्बीह बांट रहे हैं. तस्बीह मुसलमानों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली नमाज़ की माला होती है.

29 नवंबर, 2019 को शुक्रवार की नमाज के बाद आयोजित राष्ट्रीय एकता सप्ताह (कौमी एकता सप्ताह) के दौरान पुलिस ने तस्बीह बांटी थी. ये गृह मंत्रालय की एक पहल है और इसे हर साल पूरे देश में मनाया जाता है. इस मामले पर ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.

13. कांग्रेस के एक कार्यक्रम में ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाने का झूठा दावा किया

मधु किश्वर द्वारा शेयर किए गए वीडियो में दिखाई दे रहे मंच पर लगे बैनर में लिखा था – ‘नगर कांग्रेस कमेटी राजसमंद’ और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ असल में ये नारे लगा रही थी, “मैं लई ललकार है, हमकी सौ के पार है. भाटी साब ज़िंदाबाद.”

इस मामले पर ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट पढ़ें.

14. मुस्लिम तुष्टीकरण दिखाने के लिए ममता बनर्जी का एक क्लिप्ड वीडियो शेयर किया

2019 में मधु किश्वर ने एक वीडियो शेयर किया जिसमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को इस्लामिक प्रार्थना करते हुए देखा जा सकता है. उन्होंने अपने ट्वीट में ममता बनर्जी को ‘जिहादी’ करार दिया.

हालांकि, ममता बनर्जी ने इस्लामिक प्रार्थना की थी. लेकिन किश्वर ने जो वीडियो ट्वीट किया था वो एक काफी लंबे वीडियो प्रसारण का छोटा सा हिस्सा था. पूरे वीडियो में पश्चिम बंगाल के सीएम को हिंदू और सिख प्रार्थना करते हुए भी सुना जा सकता है. इस मामले पर हमारी फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.

15. राहुल गांधी को निशाना बनाकर अखबार की फ़र्ज़ी क्लिपिंग शेयर की

मधु किश्वर ने एक नकली अखबार की क्लिपिंग कोट-ट्वीट करते हुए दावा किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बोस्टन हवाई अड्डे पर ड्रग्स रखने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. कई लोगों द्वारा फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट शेयर किये जाने के बावजूद, किश्वर ने अभी तक अपना ट्वीट नहीं हटाया है. इसे आर्टिकल लिखे जाने तक 4 हज़ार से ज़्यादा लाइक्स मिले हैं.

इस मामले पर ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.

16. 2018 में ग़लत सूचना शेयर करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस ने मधु किश्वर की खिंचाई की

मधु किश्वर ने ट्वीट किया था कि मुठभेड़ में बुरहान वानी को मारने वाले एसपी को जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिर्देशक शेष पॉल वैद ने सस्पेंड कर दिया है.

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इस सूचना को “मनगढ़ंत” बताया था.

17. कपिल सिब्बल के एक नकली बयान को कोट-ट्वीट किया

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के इस नकली बयान को शेयर किया, “अगर अयोध्या में मंदिर का निर्माण होता है तो उसका वही हाल होगा जो बाबरी मस्जिद का हुआ था.”

गौर से देखने पर पता चलता है कि ये ट्वीट ‘टाइम्स हाउ’ नामक हैंडल से पोस्ट किया गया था जो एक पैरोडी अकाउंट था. इस मामले पर ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां पढ़ें.

18. पिछले साल बेंगलुरु दंगे के बाद हिंदू देवता कृष्ण की अपमानजनक पेंटिंग फिर से शेयर की

मधु किश्वर ने 2020 में बेंगलुरु दंगों के बाद, एक पेंटिंग की तस्वीर शेयर की. दंगों की शुरुआत इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ़ एक भड़काऊ पोस्ट से हुई थी जिसे कथित तौर पर कांग्रेस विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति के भतीजे नवीन ने बनाया था. इस मामले में पुलिस फायरिंग में तीन लोगों की मौत हो गई थी और हिंसा के आरोप में 300 से ज़्यादा लोगों को ग़िरफ्तार किया गया था.

लेकिन मधु किश्वर ने इन सांप्रदायिक दंगों के बीच 2015 की एक पुरानी पेंटिंग फिर से शेयर करते हुए दावा किया कि मुसलमानों ने हिंदू देवताओं का अपमान किया है. ये चित्रकार गुवाहाटी का रहने वाला था. उसके खिलाफ़ FIR दर्ज की गई थी और उसे ग़िरफ्तार भी किया गया था.

19. विरोध प्रदर्शन की सांकेतिक तस्वीर को इस दावे के साथ शेयर किया कि सीएए प्रदर्शनकारी चोट का दिखावा कर रहे हैं

‘एक आंख में पट्टी बांध कर’ विरोध प्रदर्शन की इस वायरल तस्वीर को नई दिल्ली के पत्रकार जफ़र अब्बास ने 29 दिसंबर को एक पोस्ट किया था. ये कथित पुलिस बर्बरता के खिलाफ़ एक प्रतीकात्मक आंदोलन था जिसकी वजह से जामिया के एक छात्र की एक आंख चली गई थी. छात्रों ने चोट लगने का ‘दिखावा’ नहीं किया था.

20. केरल में भाजपा-आरएसएस द्वारा सीएए समर्थक रैली पर “कम्युनिस्ट” द्वारा हमले के रूप में शेयर किया पुराना वीडियो

बाइक सवारों के एक ग्रुप का वीडियो इस दावे के साथ ट्वीट किया गया कि सीएए और एनआरसी के समर्थन में बीजेपी-आरएसएस की रैली पर केरल में “कम्युनिस्टों” ने हमला किया था. मधु किश्वर ने इस ट्वीट को रीट्वीट किया.

वीडियो 2019 का था और वीडियो में सबरीमाला फैसले के खिलाफ़ किए गए हड़ताल के समर्थकों की रैली पर भीड़ के हमले को दिखाया गया था.

21. लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी का वीडियो केरल बाढ़ का सर्वेक्षण करने के रूप में शेयर किया

एक फ्लाइट में समोसा खाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी का एक वीडियो मधु किश्वर ने इस दावे के साथ शेयर किया कि ये उस वक्त शूट किया गया था जब वो 2019 में केरल में बाढ़ का सर्वेक्षण कर रहे थे.

जबकि ये वीडियो 2019 के चुनाव प्रचार का है.

22. गांधी परिवार को निशाना बनाते हुए अमूल के विज्ञापन की एडिटेड तस्वीर ट्वीट की

मधु किश्वर ने एक अमूल विज्ञापन की एडिटेड तस्वीर ट्वीट की जिसमें लिखा था, “नाना ने खाया, दादी ने खाया, पापा ने खाया, मम्मी ने खाया, आओ बहना तुम भी खालो, जीजू को भी यहां बुला लो.”

मधु किश्वर ने जिस तस्वीर पर गांधी परिवार को निशाना बनाया, वो तस्वीर असल में फोटोशॉप की गई थी. मामले पर ऑल्ट न्यूज़ की फ़ैक्ट-चेक रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.

23. 76 पेज के DMK घोषणापत्र का ‘112 वां’ पेज कोट किया

21 मार्च, 2019 को मधु किश्वर ने ट्वीट किया, “DMK घोषणापत्र पेज 112..अतिक्रमित मंदिर की जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को ज़मीन का मालिकाना हक़ ट्रान्सफ़र किया जाएगा. पेज 85..अतिक्रमित वक्फ प्रॉपर्टी को फिर से वक्फ को सौंप दिया जाएगा.”

ऑल्ट न्यूज़ ने घोषणापत्र का अंग्रेजी वर्ज़न देखा. हमें मालूम हुआ कि पूरा घोषणापत्र सिर्फ 76 पेज का है. पेज 85 और 112 है ही नहीं. इस मामले पर आप विस्तार से हमारी रिपोर्ट यहां पढ़ सकते हैं.

24. वीडियो झूठे दावे के साथ शेयर किया कि अमेरिकी छात्रों ने HCQ के लिए भारत को धन्यवाद देते हुए भारतीय राष्ट्रगान गाया

उपर दिखाए गए वीडियो को 2017 में भारतीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर एक यूट्यूबर ने अपलोड किया था और इसका COVID-19 के दौरान, भारत द्वारा अमेरिका को हाइड्रोक्लोक्वीन दवा की आपूर्ति करने से कोई लेना-देना नहीं था.

25. चीनी डांस का एडिटेड वीडियो हिंदू भक्ति गीत पर भारतीय प्रदर्शन के रूप में शेयर किया

ये डांस 2018 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में किया गया था. डांस के इस फॉर्म को ‘एक हजार हाथों का डांस’ कहा जाता है, और इसकी शुरुआत चीन में हुई थी. ये एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित कोरियोग्राफ़र और चीनी राष्ट्रीय सेना (PLA) के एक अधिकारी झांग जिगांग ने बनाया था. असली वीडियो में हिंदू देवता राम के नाम का जाप नहीं किया गया है.

इस आर्टिकल में मधु किश्वर द्वारा नफ़रत फैलाए जाने के कई उदाहरणों को सूचीबद्ध किया गया है. लेकिन ये सिर्फ छोटा सा हिस्सा है. उनकी प्रोफ़ाइल में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ़ अपमानजनक और आपत्तिजनक कंटेंट की एक गैलरी है. लेकिन मधु किश्वर के दो मिलियन फ़ॉलोवर्स हैं जिनमें से ज़्यादातर उनके विचारों को फ़ॉलो करते हैं और ये उनकी मुस्लिम विरोधी भावनाओं को बढ़ाने का काम करतीं हैं. ट्विटर के पास ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे मधु किश्वर के अकाउंट को सस्पेंड न किया जाय या उनका वेरीफ़ाईड बैज न हटाया जाय जिससे उन्हें आसानी से धोखा खा जाने वाले यूज़र्स के बीच वैधता मिलती है.

 

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Pooja Chaudhuri is a senior editor at Alt News.