26 फरवरी को तड़के, पाकिस्तान के बालाकोट में हुए भारतीय वायुसेना द्वारा हवाई हमले की खबरों के आसपास के घटनाक्रम से संबंधित ‘भ्रामक सूचनाओं की युद्ध-सज्जा’ फरवरी की पहचान बन गई। तब से, सोशल मीडिया पर ऐसी भ्रामक सूचनाओं की बाढ़ सी आ गई। इस में मुख्यधारा मीडिया की भी भूमिका रही।
सोशल मीडिया की भ्रामक सूचनाएं
1. JeM शिविरों पर IAF हमले के रूप में, वीडियो गेम क्लिप वायरल
IAF के हवाई हमले के तत्काल बाद, सोशल मीडिया में एक वीडियो इस दावे के साथ चलने लगा कि वह भारत द्वारा सीमा पार के हवाई हमले को चित्रित करता है। उस वीडियो को एक हिंदी मीडिया संगठन खबर उत्तराखंड द्वारा उनकी खास खबर की तरह पोस्ट किया गया था।
वह वीडियो पहली ही नज़र में, वास्तविक नहीं लगता था और किसी वीडियो गेम की क्लिप जैसा दिखता था। पृष्ठभूमि में धुंधले अंग्रेजी विवरण ने शुरुआती संदेह पैदा किए। ऑल्ट न्यूज़ ने अलग-अलग कीवर्ड के साथ यूट्यूब पर गेमिंग वीडियो की खोज की तो हम 2015 के वीडियो गेम ‘अरमा 2’ की क्लिप तक पहुंचे। सोशल मीडिया में वायरल वीडियो, इसी गेम से लिया गया एक हिस्सा था।
2. सीमा पार IAF हमले के रूप में, पुराना वीडियो शेयर
26 फरवरी यानी, हवाई हमले के दिन, पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर भारतीय वायुसेना के हमले का दावा करते हुए एक वीडियो वायरल हुआ। ट्विटर यूजर अजय कुशवाहा ने, जिन्हें ट्विटर पर पीएम नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं, अपनी टाइमलाइन पर नीचे दिया गया वीडियो पोस्ट किया।
India strikes again. This is new India under Leadership of Honourable PM Shri @narendramodi ji. India’s airforce destroyed terrorist camps in Pakistan and more than 200-300 militant have been killed According to souces.
@ImranKhanPTI how’s the josh ??#Balakot #SurgicalStrike2 pic.twitter.com/8FRaUK3TfK— 🇮🇳अजय कुशवाहा🇮🇳 🇮🇳Ajay🇮🇳 (@AjayKushwaha_) February 26, 2019
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने टिप्पणी की थी कि यह वीडियो मूल रूप से पाकिस्तान का था। ऑल्ट न्यूज़ ने यूट्यूब पर ‘इस्लामाबाद पीएएफ फ्लाई पास्ट फ्लेयर्स’ कीवर्ड का उपयोग कर उन वीडियो की तलाश की जो सोशल मीडिया में वायरल वीडियो से मिलते हों। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस वीडियो को एक यूट्यूब यूजर मुहम्मद ज़ोहैब द्वारा सितंबर 2016 की शुरुआत में पोस्ट किया गया था।
3. आतंकी हमलों से असंबद्ध, भूकंप की तस्वीरें, IAF हमले के असर के रूप में शेयर
सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरों को इस दावे के साथ प्रसारित किया गया कि वे पाकिस्तानी क्षेत्र में भारतीय वायु सेना द्वारा की गई तबाही को दर्शाते हैं। इन वायरल तस्वीरों को शेयर करने के लिए इस्तेमाल किया गया कैप्शन था – “पुलवामा की तो तस्वीर बहुत देखी जरा आज पाकिस्तान का भी हाल देखो!!!!”
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि उपरोक्त तस्वीर अक्टूबर 2005 के कश्मीर भूकंप को दर्शाती है। यह तस्वीर, पाकिस्तानी शहर बालाकोट में ली गई थी। BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, “भूकंप ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत के उत्तरी क्षेत्रों को प्रभावित किया था। अनुमानित 75,000 लोग मारे गए, ज्यादातर पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में – (अनुवाद)।” इन वायरल तस्वीरों पर ऑल्ट न्यूज़ की रिपोर्ट यहाँ पढ़ी जा सकती है।
4. IAF जेट को मार गिराने का निर्मित वीडियो, पाक सोशल मीडिया अकाउंट्स ने शेयर किया
27 फरवरी को, भारतीय वायुसेना, पाकिस्तानी जेट विमानों के साथ व्यस्त रही जब उन्होंने भारतीय वायु सीमा का उल्लंघन किया। इसमें एक IAF पायलट को उनका विमान मार गिराने के बाद पाक अधिकृत कश्मीर में पकड़ लिया गया। इसके तुरंत बाद, पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर एक वीडियो चलने लगा। 30 सेकंड की इस क्लिप में भारतीय विमान पर बमबारी करते एक पाकिस्तानी लड़ाकू जेट को दिखलाने का प्रयास किया गया था। #PakArmyZindabad सहित कई हैशटैग के साथ इसे शेयर किया गया। पाकिस्तान नेशनल असेंबली के एक सदस्य, मियां जावेद लतीफ ने भी यह वीडियो शेयर किया।
#شاہینوں_کی_پرواز
نعرہ تکبیر اللہ اکبر
پلٹنا پلٹ کر جھپٹنا اسی کو کہتے ہیں
اسے تباہ کرتے ہیں ہم دشمن کو #PakArmyZindabad pic.twitter.com/qrmAOKF1aX— Mian javed Latif MNA (@javedlatifMNA) February 27, 2019
ऑल्ट न्यूज़ ने वायरल क्लिप के अलग-अलग फ्रेम की रिवर्स सर्च की और पाया कि इसे कम से कम दो अलग-अलग वीडियो का इस्तेमाल कर बनाया गया था। वायरल क्लिप के पहले कुछ सेकंड, जिसमें लड़ाकू जेट के अंदर एक पायलट को देखा जा सकता है, एक यूट्यूब चैनल ‘पाकिस्तान डिफेंस’ द्वारा 2015 में अपलोड किए गए एक वीडियो से लिया गया था। दूसरा वीडियो जो हमें मिला, वह आरटी न्यूज़ द्वारा 2015 में अपलोड किया गया था और इस रूप से वर्णित किया गया है- “रॉयल डेनिश वायुसेना ने, रिमोट निर्देशित बंशी 600 ड्रोन को गाइडेड मिसाइलों से मार गिराते एफ-16 लड़ाकू फाल्कन जेट के एक अभ्यास, में भाग लिया – (अनुवाद)।”
5. सूरत की लड़की को IAF हवाई हमला करने वाली बताने की झूठी खबर
फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप पर वायरल एक संदेश में दावा किया गया कि पाकिस्तान के बालाकोट में JeM शिविरों पर 26 फरवरी के IAF हवाई हमले की पायलट सूरत के भुलका भवन स्कूल की उर्वीशा जरीवाला नामक लड़की है। यह दावा करने वाले लोगों में एक, राजस्थान की भाजपा नेता, रितलबा सोलंकी थीं।
“उर्वीशा जरीवाला भारतीय वायु सेना” और “उर्वशी जरीवाला भारतीय वायु सेना” कीवर्ड खोजने पर गूगल पर कोई परिणाम नहीं आया। ऑल्ट न्यूज़ ने गूगल पर उस महिला की तस्वीर की रिवर्स सर्च की तो पाया कि वह वास्तव में IAF पायलट स्नेहा शेखावत हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की 2015 की एक रिपोर्ट के अनुसार, “गणतंत्र दिवस परेड के 63 साल के इतिहास में IAF दस्ते का नेतृत्व करके स्नेहा शेखावत ने ऐसा करने वाली पहली महिला पायलट के रूप में इतिहास रचा – (अनुवाद)।”
6. बेंगलुरु एयर शो में घायल पायलट को पाक सोशल मीडिया में घायल IAF पायलट के रूप में दिखलाया
कई पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट्स द्वारा वायरल किया गया एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया गया कि यह भारतीय वायुसेना (IAF) के पकड़े गए पायलट को दर्शाता है। अकेले फेसबुक पेज पाक आर्मी से इसे 18,000 से ज्यादा बार शेयर किया गया। इसे ट्विटर पर भी व्यापक रूप से शेयर किया गया।
2nd Indian Pilot Arrested Alive… pic.twitter.com/TaYWNCCljY
— Dr Shahid Masood (@Shahidmasooddr) February 27, 2019
आल्ट न्यूज़ ने इस वीडियो की जांच की और पाया कि पाकिस्तानी सोशल मीडिया तंत्र में इसे गलत संदर्भ के साथ प्रसारित किया गया। यह वीडियो, बैंगलोर में एयर शो से एक दिन पहले 19 फरवरी 2019 का है, जब अभ्यास के दौरान दो सूर्य किरण विमान टकरा गए थे। इस हादसे में एक पायलट की मृत्यु हो गई और दो पायलट घायल हो गए थे।
मुख्यधारा मीडिया की भ्रामक सूचनाएं
पुलवामा और हवाई हमले की घटनाएं दोनों राष्ट्रों के मुख्यधारा समाचार संगठनों द्वारा आक्रामक रिपोर्टिंग से चिह्नित हुईं। इस प्रक्रिया में सत्य हताहत रहा।
1. IAF का लड़ाकू जेट मार गिराया दिखलाने के लिए पाकिस्तानी मीडिया ने 2016, जोधपुर के तस्वीर का इस्तेमाल किया
खबरों के अनुसार, पाकिस्तानी लड़ाकू जेट विमानों ने 27 फरवरी को जम्मू और कश्मीर में भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया, लेकिन IAF द्वारा वापस खदेड़ दिए गए। मगर पाकिस्तानी मीडिया ने, उल्टा दावा किया कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने उनके देश के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और PAF द्वारा मार गिराए गए। पाकिस्तानी मीडिया IAF जेट विमानों को मार गिराने का प्रसारण करते रहे और एक स्थानीय समाचार चैनल ARY न्यूज़ ने मार गिराए गए एक विमान का तस्वीर दिखलाया।
ARY न्यूज़ द्वारा दिखलाई गई तस्वीर 2016 की थी, जब लड़ाकू विमान मिग-27, राजस्थान के जोधपुर में एक इमारत से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
2. पाकिस्तानी मीडिया ने उड़ीसा में विमान दुर्घटना की पुरानी तस्वीर, मार गिराए गए IAF विमान के रूप में शेयर की
अग्रणी पाकिस्तानी दैनिक, डॉन द्वारा प्रकाशित एक लेख का शीर्षक था — “PAF ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र के अंदर दो भारतीय विमानों को मार गिराया; एक पायलट गिरफ्तार – (अनुवाद)”। इस लेख के साथ, लोगों से घिरे दुर्घटनाग्रस्त विमान की तस्वीर भी दी गई थी। ईरान के प्रेस टीवी ने भी उसी तस्वीर के साथ वही रिपोर्ट प्रकाशित की थी।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि उस विमान की वह तस्वीर, जिसे नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान में मार गिराने का दावा किया गया, वह तीन साल पुरानी है। इस तस्वीर की एक सरल गूगल खोज से पता चला कि यह भारतीय वायु सेना के लड़ाकू प्रशिक्षण विमान से संबंधित है जो 2015 में उड़ीसा के मयूरभंज जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
3. कई भारतीय मीडिया चैनलों ने JeM शिविरों पर IAF के हमले के रूप में पुराने फुटेज चलाए
26 फरवरी को तड़के पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा JeM के आतंकी शिविरों पर बमबारी की खबरों के साथ, जब भारत जगा, उस समय कई समाचार चैनलों ने एक वीडियो प्रसारित किया, जो कथित रूप से पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर IAF के जेट विमानों का था। इंडिया टुडे ने दावा किया है कि यह वीडियो, भारत के सीमा पार हमले का पहला दृश्य है, जो लगभग 3:30 बजे सुबह हुआ था। अन्य समाचार चैनलों ने इसे हमले के बाद लिए गए वीडियो के रूप में प्रसारित किया।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि कई समाचार संगठनों द्वारा IAF के हमले की रिपोर्टिंग में इस्तेमाल किए गए इस वीडियो को पहली बार 2017 में पोस्ट किया गया था। सितंबर 2017 में, एक यूट्यूब चैनल ने ‘फ्लेयर्स एट नाइट पीएएफ एफ -16’ शीर्षक से यह वीडियो अपलोड किया था। समाचार संगठनों द्वारा इसी वीडियो का उपयोग IAF की कार्रवाई के फुटेज के रूप में किया गया।
भ्रामक सूचनाओं के लिए ज़रिया बना पुलवामा हमला
हवाई हमले के आसपास की घटनाओं और गतिविधियों के अलावा, इससे पहले हुआ पुलवामा आतंकी हमला, भ्रामक सूचनाओं के लिए एक और अवसर बन गया।
1. राहुल गांधी, पुलवामा के आत्मघाती हमलावर के साथ फोटो खिंचवाते दिखलाए गए
“भारतीय फौज पर हमला करने बाला नीकला राहुल गांधी का खास। क्या इस हमले के पीछे कांग्रेस का हाथ तो नहीं” -यह संदेश सोशल मीडिया में एक तस्वीर के साथ पोस्ट किया गया। तस्वीर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पुलवामा हमले के आत्मघाती हमलावर के साथ दिखते हैं।
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि वह तस्वीर जिसमें पुलवामा का आत्मघाती हमलावर और राहुल गांधी दिखते हैं, वह फोटोशॉप की हुई है। हमें फोटो वायर एजेंसी गेट्टी इमेजीस द्वारा पोस्ट की गई मूल तस्वीर मिली।
राहुल गांधी के बगल में खड़ा व्यक्ति पुलवामा का आत्मघाती हमलावर नहीं है। वह, वास्तव में, यूपीए सरकार में राज्यमंत्री रहे जितिन प्रसाद हैं।
2. पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की पुरानी तस्वीर, हमले के बाद दोनों के हंसने के रूप में शेयर
हालिया पुलवामा आतंकी हमले के बाद एक साथ हंसने के लिए बिहार सीएम नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया में निशाना बनाया गया। युवा कांग्रेस ने तस्वीरों का एक कोलाज ट्वीट किया जिसमें दोनों की एक तस्वीर शामिल थी। यह तस्वीर कई सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इसके पुलवामा हमले के बाद लिए जाने के दावे के साथ, व्यापक रूप से शेयर की गई।
ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर की गूगल रिवर्स इमेज सर्च की तो पाया कि यह तस्वीर जुलाई, 2015 की है। 26 जुलाई, 2015 को द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्रकाशित एक लेख में यह तस्वीर थी। तस्वीर का श्रेय PTI को दिया गया था। इसका कैप्शन था, “पीएम नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार शनिवार को पटना में – (अनुवाद)।” 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव के महीनों पहले मोदी और कुमार ने पटना में एक रेलवे परियोजना के उद्घाटन समारोह में मंच साझा किया था।
3. गुरमेहर कौर द्वारा बीबीसी को पाकिस्तान में इंटरव्यू देने के झूठे दावे
21 फरवरी को दोपहर 1:23 बजे, ट्विटर हैंडल ‘कॉमरेड स्क्विन्टी’ ने BBC उर्दू के साथ छात्र कार्यकर्ता गुरमेर कौर का साक्षात्कार ट्वीट किया और दावा किया कि इसकी पाकिस्तान में शूटिंग हुई थी। इस हैंडल ने यह भी आरोप लगाया कि वह “केवल यह कहने के लिए पाकिस्तान गई कि पुलवामा जैसे हमलों से अल्पसंख्यकों को चोट पहुंचती है – (अनुवाद)।” @squintneon, असम अभाविप के राज्य सोशल मीडिया प्रभारी द्वारा चलाया जाता है।
19-सेकेंड की इस क्लिप में, कौर को यह कहते सुना जा सकता है, “जब ऐसा हमला होता है, यह हमारे अल्पसंख्यकों को चोट पहुंचाता है और कई राजनीतिज्ञ चुनावों से पहले देश में इस ध्रुवीकरण पर निर्भर करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि नागरिक ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं – (अनुवाद)।”
ऑल्ट न्यूज़ ने पुष्टि की कि इस शो की शूटिंग लंदन स्टूडियो में हुई थी, पाकिस्तान में नहीं। बीबीसी उर्दू ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर पुलवामा हमले पर अपना पूरा प्रसारण अपलोड किया। ‘सीरबीन शुक्रवार 15 फरवरी 2019 – बीबीसीउर्दू’ नाम का यह रिपोर्ताज 17:37 मिनट लंबा है और प्रसारण के शुरुआत में ही एंकर हिंदी में कहते हैं, “हमारे लंदन स्टूडियो से मैं हूँ शफी नक़ी जेमी – (अनुवाद)।” बीबीसी पत्रकार ने खुद कहा कि वह बीबीसी उर्दू के लंदन स्टूडियो से रिपोर्ट कर रहे थे। ऑल्ट इसे स्वतंत्र रूप से भी सत्यापित किया।
4. जनरल जी डी बख़्शी ने महबूबा मुफ्ती और 2014 की बडगाम फायरिंग के बारे में झूठे दावे किए
सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा शेयर की गई इंडिया टीवी के प्राइम टाइम प्रसारण की एक वीडियो क्लिप में, जनरल जी डी बख़्शी से एंकर रजत शर्मा द्वारा पूछा गया कि कैसे विस्फोटक लदी एसयूवी जांच से बच गई, तो जनरल बख़्शी ने कहा कि यह उस आदेश का परिणाम था जो महबूबा मुफ्ती द्वारा जारी किया गया था जब वह 2014 में जम्मू और कश्मीर की मुख्यमंत्री थीं। यह आदेश, बडगाम की एक घटना के बाद जिसमें सुरक्षा बैरियर लांघने की कोशिश करते दो युवकों को सेना द्वारा गोली मार दी गई थी, पारित हुआ था।
इस वीडियो क्लिप को शेयर करने वालों में पूर्व आईपीएस अधिकारी और पुडुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी शामिल थीं।
Listen to this please. pic.twitter.com/iC8Djq1a7B
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) February 17, 2019
ऑल्ट न्यूज़ ने इस दावे की तथ्य-जांच की और इसे गलत पाया। सबसे पहले, महबूबा मुफ्ती तब मुख्यमंत्री भी नहीं थीं, जब बडगाम की घटना हुई थी। उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्री थे। इसके अलावा, वाहनों की जांच को रोकने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया गया था।
विविध
उपरोक्त विषयों के अलावा, कुछ अन्य उदाहरण उल्लेखनीय रहे।
1. पीयूष गोयल ने वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का धोखे वाला वीडियो पोस्ट किया
केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल ने वंदे भारत एक्सप्रेस का एक वीडियो इस संदेश के साथ पोस्ट किया, “यह एक चिड़िया है, यह एक प्लेन है। मेक इन इंडिया पहल के तहत बनी देश की सेमी हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस को बिजली की गति से गुजरते देखिए – (अनुवादित)।” यह वीडियो गोयल के आधिकारिक ट्विटर और फेसबुक अकाउंट्स से पोस्ट किया गया है।
It’s a bird…It’s a plane…Watch India’s first semi-high speed train built under ‘Make in India’ initiative, Vande Bharat Express zooming past at lightening speed. pic.twitter.com/KbbaojAdjO
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) February 10, 2019
ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि रेलमंत्री द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो एक यूट्यूब वीडियो का क्लिप किया हुआ एक हिस्सा था, जिसे इसकी मूल गति से दोगुना तेज कर दिया गया था।
2. इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार में राजीव और राहुल गांधी द्वारा कलमा पढ़ने का झूठा दावा
सोशल मीडिया में वायरल एक तस्वीर इस दावे के साथ शेयर की गई कि यह इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार में राजीव और राहुल गांधी को कलमा पढ़ते हुए दर्शाती है। भाजपा के एक युवा कार्यकर्ता के फेसबुक प्रोफाइल से यह तस्वीर इस कैप्शन के साथ प्रसारित की गई — “इन्दिरा की लाश के सामने राहुल और राजीव गांधी कलमा पढ रहे हैं फिर भी हमारे देश के लोगों को लगता है कि ये लोग ब्राह्मण हैं।”
ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर की रिवर्स सर्च की तो कुछ स्रोतों का पता चला जिनका दावा था कि यह तस्वीर, वास्तव में, पख़्तून स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल गफ्फार खान, जो बच्चा खान या ‘फ्रंटियर गांधी’ के नाम से लोकप्रिय थे, उनके अंतिम संस्कार में ली गई थी। सोशल मीडिया में वायरल दावा गलत था। ऑल्ट न्यूज़ की रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है।
3. प्रधानमंत्री की कुंभ यात्रा के बारे में भाजपा आईटी सेल के प्रमुख का गलत दावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के कुंभ मेले में गंगा में पवित्र डुबकी लगाई। इसके तुरंत बाद, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालविया ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री मोदी “इतने वर्षों में कुंभ आने वाले पहले राज्य-प्रमुख हैं – (अनुवादित)।”
ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य जांच में पता चला कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुंभ मेला में जाने वाले पहले प्रधानमंत्री नहीं हैं। यह जवाहरलाल नेहरू हैं।
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