2019 के आम चुनाव समाप्ति की ओर है। इस चुनावी मौसम में फैलाई गई भ्रामक सूचनाओं के प्रमुख उदाहरणों की एक सूची ऑल्ट न्यूज़ ने तैयार की है। भ्रामक/विघटनकारी सूचनाओं के पैरोकारों ने एक कसर न छोड़ी और मतदान से पहले मतदाताओं को भरमाने के लिए हर तरकीब आजमाई। पाठकों के ध्यानार्थ, नीचे सूचीबद्ध उदाहरण किसी खास क्रम में नहीं हैं।

राजनीतिक दलों और नेताओं की भ्रामक सूचनाएं

सोशल मीडिया में गलत सूचनाओं का दिखना असामान्य नहीं है, लेकिन जब यह किसी औपचारिक राजनीतिक व्यवस्था के तहत होता है, तो बड़ी चिंता का कारण बन जाता है।

1. 2019 में कांग्रेस की चुनौती पर पीएम मोदी का गलत दावा

अप्रैल 2019 में, इंडिया टुडे को दिए बहुप्रचारित साक्षात्कार में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के लोगों को एक महत्वपूर्ण तथ्य से अवगत कराया जाना चाहिए- 2019 में कांग्रेस पार्टी आम चुनावों के इतिहास में सबसे कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है। नीचे पोस्ट किए गए वीडियो में प्रासंगिक हिस्सा 1:03:45वें मिनट से सुना जा सकता है।

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि पीएम मोदी तथ्यात्मक रूप से गलत थे। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी 424 सीटों पर लड़ रही है। यह अब तक की सबसे छोटी संख्या नहीं है। 2004 में, कांग्रेस 417 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। इस बारे में ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जांच यहां पढ़ी जा सकती है।

2. कांग्रेस आईटी सेल हेड ने फोटोशॉप तस्वीर ट्वीट कर पीएम मोदी की तुलना हिटलर से की

“आपके क्या विचार हैं?” – यह ट्वीट, कांग्रेस पार्टी की सोशल मीडिया प्रमुख दिव्या स्पंदना ने दो तस्वीरों के साथ किया। बाईं ओर की तस्वीर नाज़ी नेता एडॉल्फ हिटलर की है, जबकि दाईं ओर वाली तस्वीर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की।

वही तस्वीर, 2018 में भी नरेंद्र मोदी के विरोधियों द्वारा प्रसारित की गई थी। ऑल्ट न्यूज़ द्वारा इसकी पड़ताल की गई थी। गूगल पर एक रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि पोस्ट में उपयोग की गई हिटलर की तस्वीर फोटोशॉप की हुई है। मूल तस्वीर में, उन्होंने बच्चे के कान नहीं पकड़े हैं, बल्कि उसके कंधों पर हाथ रखा है। द सन  के एक लेख में मूल तस्वीर प्रकाशित की गई है, जिसे स्पष्ट रूप से नाज़ी नेता को “जर्मन युवाओं के निजी मित्र और अभिभावक” के रूप में चित्रित करने के लिए खींचा गया था।

3. हरियाणा के सीएम ने क्लिप्ड वीडियो के ज़रिए राहुल गांधी पर निशाना साधा

28 अप्रैल को, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य के रतिया में एक चुनावी रैली को संबोधित किया। अपने भाषण में वे राहुल गांधी के एक कथित वीडियो के बारे में बोले, जिसके बारे में “यहां तक ​​कि, बात करना भी मुश्किल था”। खट्टर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने “हमारी माताओं और बहनों की प्रतिष्ठा को अपमानित किया है।” उन्होंने एक वीडियो का हवाला दिया जिसमें, उन्होंने दावा किया, कि गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महिलाएं हर सप्ताह एक बच्चे को जन्म दे सकती हैं या एक वर्ष में 52 बच्चों को।

मनोहर लाल खट्टर द्वारा संदर्भित वीडियो को गलत तरीके से क्लिप किया गया था। यूपी के फूलपुर में राहुल गांधी के 7 साल पुराने भाषण को उठाया गया, क्लिप किया गया और सोशल मीडिया में प्रसारित कर दिया गया। मूल भाषण में, राहुल गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत जननी सुरक्षा योजना के बारे में बात करते हैं, जिसमें गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए 1,400 रुपये की राशि मिलती है। उस संदर्भ में, कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि एक RTI के जवाब के अनुसार, एक ही नाम की महिलाओं को योजना में भ्रष्टाचार के कारण हर हफ्ते राशि मिल रही थी। इस बारे में ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जांच यहां पढ़ी जा सकती है।

4. कांग्रेस नेता अजय माकन ने अमित शाह का क्लिप्ड वीडियो ट्वीट किया

“यह बड़ा अजीब है- भाजपा अध्यक्ष श्री अमित शाह खुद कहते हैं कि मीनाक्षी लेखी को वोट मत देना! तब किसी को भी लेखी जी को वोट क्यों देना चाहिए?” -(अनुवाद)

उपरोक्त संदेश के साथ, दिल्ली के कांग्रेस नेता अजय माकन ने 2 मई को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का वीडियो ट्वीट किया। वीडियो क्लिप 18-सेकंड लंबी है। इसमें, अमित शाह को श्रोताओं से अपील करते हुए कि वे मंच पर मौजूद भाजपा के दो उम्मीदवारों- मीनाक्षी लेखी और रमेश बिधूड़ी को वोट न दें, सुना जा सकता है।

अमित शाह की वीडियो क्लिप को गलत तरीके से संपादित कर संदर्भ से बाहर लिया गया, ताकि यह प्रतीत हो कि शाह अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को वोट न देने की विचित्र अपील कर रहे हैं। अमित शाह लोगों से, मोदी सरकार द्वारा किए गए कथित ढेर सारे काम के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर, भाजपा उम्मीदवारों को वोट देने की अपील कर रहे थे। इस वीडियो के एक हिस्से को गलत तरीके से संपादित किया गया, और अजय माकन जैसे वरिष्ठ नेता द्वारा शेयर किया गया। यह ट्वीट अभी तक डीलीट नहीं किया गया है।

5. बॉक्सर विजेंदर सिंह ने किया मोहल्ला क्लीनिक को ‘बेनकाब’ करने का प्रयास, लेकिन पहुंचे 40 मिनट लेट

प्रसिद्ध मुक्केबाज विजेंदर सिंह, जो हाल ही में कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए, ने 24 अप्रैल को एक लाइव वीडियो ट्वीट किया। सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट के माध्यम से दिल्ली में मुहल्ला क्लीनिक के अपने दौरे के इस वीडियो का प्रसारण किया था। मुहल्ला क्लिनिक बंद मिलता है, और सिंह को AAP सरकार की आलोचना करते सुना जा सकता है।

बॉक्सर विजेंदर सिंह शायद इस  बात से अनजान थे कि मुहल्ला क्लीनिकों का समय सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक का है। सिंह 2:40 बजे क्लिनिक पहुंचे और स्वभाविक रूप से इसे बंद पाया।

6. ‘ममता बनर्जी ने की भाजपा को वोट देने की अपील’ दिखलाने के लिए बंगाल भाजपा ने संपादित वीडियो शेयर किया

“मोदी सुनामी का प्रभाव – ममता बनर्जी ने सभी से भाजपा को वोट देने की अपील की!” -(अनुवाद) यह बंगाल भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट में घोषणा की गई कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक रैली में भाजपा को वोट देने की अपील की। ट्वीट के साथ 18-सेकंड का एक छोटा वीडियो था जिसमें उनके शब्द – “बीजेपी सोरकार के वोट दिये” – चलते रहते हैं। इसका हिंदी अनुवाद है – “भाजपा को वोट दें”

पता चला कि बंगाल भाजपा ने संपादित वीडियो ट्वीट किया था, जिसे एक भ्रामक प्रभाव देने के लिए लूप में चलाकर क्लिप बना दिया गया था। ममता बनर्जी ने 23 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के खानकुल में एक रैली को संबोधित किया। अपने भाषण को समाप्त करते हुए, बनर्जी ने लोगों से व्यंग्यात्मक लहज़े में भाजपा को वोट देने के लिए कहा। उनके शब्द थे- “6 मई आश्चे दिन, एखॉने भालो कोरे गोणोतोन्त्र बीजेपी सरकार के वोट दिये भालो कोरे कोबोर दिन, भालो कोरे कोबोर दिन, भालो कोरे कोबोर दिन”। इसका लगभग इस प्रकार अनुवाद किया जा सकता है-

“6 मई को भाजपा सरकार को अपना वोट दें और उन्हें उचित दफन दें, उन्हें उचित दफन दें, उन्हें उचित दफन दें”।

जिस हिस्से में बनर्जी कहती हैं “भालो कोरे कोबोर दिन”, जिसका शाब्दिक अर्थ है “उन्हें कब्र में रखना”, उस हिस्से को बंगाल भाजपा द्वारा हटा दिया गया था। दूसरी ओर, जिस हिस्से में बनर्जी व्यंग्यात्मक रूप से कहती हैं “बीजेपी सरकार के वोट दिये” को बरकरार रखा गया और बार-बार लूप में चलाया गया।

7. AAP के सोशल मीडिया प्रमुख ने दिल्ली में कांग्रेस की खिसकती ज़मीन बताने के लिए 2013 का वीडियो ट्वीट किया

दिल्ली के लोगों ने समझ लिया है कि @INCIndia और @SheilaDikshit सिर्फ़ वोटकटवा हैं। अगर यकीन नहीं आता तो ये 24 सेकंड का वीडियो देखिए। आज के #AAPkaManifesto के बाद जो 2-3% लोग कांग्रेस को वोट दे सकते थे, वो भी नहीं देंगे।

उपरोक्त संदेश आम आदमी पार्टी के सोशल मीडिया प्रभारी अंकित लाल ने ट्वीट किया। इसके साथ एक छोटी वीडियो क्लिप भी है जिसमें दिल्ली की पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शीला दीक्षित दिख रही हैं। यह ट्वीट कांग्रेस पार्टी को एक वोट कटवा के रूप में संदर्भित करता है, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में लोकप्रिय जनादेश हासिल करने में असमर्थ है।

लाल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जो वीडियो पोस्ट किया, वह भ्रामक था। वह कोई हालिया रिपोर्ट नहीं है। यह नवंबर 2013 का है। NDTV ने 2013 के दिसंबर में हुए विधानसभा चुनाव से पहले अंबेडकर नगर में कांग्रेस पार्टी की रैली में बहुत कम लोगों के आने को लेकर खबर की थी। इस चुनाव में कांग्रेस को सबसे बड़ी पराजय हासिल हुई थी और वह 43 सीटों से 8 पर आ गई थी।

8. भाजपा सांसद परेश रावल ने पहले से खारिज फर्ज़ी अखबार की क्लिप शेयर की

भाजपा सांसद और अभिनेता परेश रावल ने एक कथित अख़बार की क्लिपिंग को रिट्वीट किया (आर्काइव्ड), जिसके अनुसार बोस्टन हवाई अड्डे पर एक भारतीय राजनेता को ड्रग्स रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ‘30 सितंबर, 2001’ की कथित क्लिप का दावा था कि ये राजनेता एक पूर्व प्रधानमंत्री के पुत्र थे।

रावल द्वारा शेयर की गई अखबार की क्लिपिंग फ़र्ज़ी है और 17 अप्रैल को ऑल्ट न्यूज़ द्वारा तब पड़ताल की गई थी, जब RBI के निदेशक एस गुरुमूर्ति ने इसे ट्वीट किया था। यह क्लिपिंग एक वेबसाइट fodey.com पर बनाई गई थी, जो कहानी लिखने, शीर्षक देने, अखबार का नाम देने और तारीख बदलने का विकल्प देती है।

9. भाजपा का झूठा दावा कि TIME कवर स्टोरी के लेखक पाकिस्तानी हैं 

टाइम पत्रिका की कवर स्टोरी ‘इंडियाज़ डिवाइडर-इन-चीफ’ आतिश तासीर द्वारा लिखी गई थी। भारतीय जनता पार्टी ने उसकी आलोचना को खारिज किया और कहा कि लेख को महत्व नहीं देना चाहिए, क्योंकि इसे एक पाकिस्तानी लेखक ने लिखा था। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यह दावा किया था और भाजपा प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने इसे दोहराया।

TIME के उस स्टोरी के लेखक आतिश तासीर के पाकिस्तानी होने का भाजपा का दावा गलत है। तासीर ब्रिटिश नागरिक हैं, कोई पाकिस्तानी नागरिक नहीं। इस बारे में ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जांच यहां पढ़ी जा सकती है।

फ़र्ज़ी अख़बार क्लिप व टीवी न्यूज़ के स्क्रीनशॉट

1. फ़र्ज़ी अखबार क्लिप: पीएम मोदी के भाई-बहन उन्हें पिता के मौत का ज़िम्मेदार मानते हैं

पिछले कुछ वर्षों से सोशल मीडिया में चल रही एक क्लिपिंग इस चुनावी मौसम में फिर सामने आई है। यह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके बचपन की कथित घटनाओं के बारे में है। क्लिपिंग का शीर्षक है- “आज भी नरेंद्र मोदी के भाई बहन नरेंद्र मोदी को ही अपने पिताजी के मौत का जिम्मेदार मानते है”

इसमें कहा गया है कि पीएम मोदी के पिता दामोदरदास मूलचंद मोदी जेब काटकर और रेलवे स्टेशन से कोयला और लोहा चोरी करके गुज़ारा करते थे, जहाँ वो चाय बेचने का काम किया करते थे। उन्होंने चुराए गए सामानों से सोना खरीदा, जिसे नरेंद्र मोदी ने चुरा लिया था, जब वह छोटे थे। उनके पिता अपने बेटे की करतूतों को नहीं झेल पाए और उन्हें दिल का दौरा पड़ गया। एफआईआर दर्ज करने के बावजूद परिवार चोरी किए गए सोने को वापस नहीं पा सका और दामोदरदास मूलचंद मोदी की बाद में मृत्यु हो गई, क्योंकि उनका परिवार ईलाज़ का खर्च नहीं झेल सकता था। कहानी यह दावा करते हुए समाप्त होती है कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 1996 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ मामले और एफआईआर को दबा दिया था।

यह क्लिपिंग सोशल मीडिया में और मैसेजिंग प्लेटफॉर्मों पर व्यापक रूप से शेयर की गई।

ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जांच में पता चला कि इस अखबार की क्लिपिंग में किए गए दावे बेतुके और झूठे हैं। ऑल्ट न्यूज़ ने पीएम मोदी के परिजनों से बात की जिन्होंने पुष्टि की कि इस लेख की सामग्री झूठी है। इसके अलावा इस ‘लेख’ की अशुद्धियां इसके फ़र्ज़ी होने का संकेत देती हैं। इस बारे में ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जांच यहां पढ़ी जा सकती है।

2. ममता बनर्जी के फ़र्ज़ी बयान के साथ फ़र्ज़ी अखबार की क्लिप

लोकप्रिय बंगला दैनिक বর্তমান (बर्तमान) की एक कथित क्लिपिंग सोशल मीडिया में इस शीर्षक के साथ शेयर की गयी है – “৪২টা আসন দিন হিন্দু কীভাবে কাঁদা তে হয় দেখিয়ে দেব: মমতা (मुझे 42 सीटें दो, मैं हिंदुओं को रुला दूंगी : ममता)”। यह तस्वीर व्हाट्सएप पर भी प्रसारित की गई थी।

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि इस तस्वीर को फॉटोशॉप किया गया था। इस क्लिपिंग पर एक गहरी नज़र यह बताने के लिए पर्याप्त है कि तस्वीर को बदला गया है। “হিন্দু (हिंदू)” और “কাঁদা তে (रोना)” का फ़ॉन्ट, आकार और रंग बाकी के शब्दों से मेल नहीं खाते हैं। वे सही लाइन में नहीं है, दूसरे शब्दों की तुलना में बड़े और गहरे काले रंग के हैं। इसके अलावा मूल तस्वीर के कई शब्दों को बदल दिया गया था।

3. AAP नेता राघव चड्ढा के नाम से फ़र्ज़ी बयान

एक कथित समाचार पत्र क्लिपिंग सोशल मीडिया में कुछ यूज़र्स द्वारा शेयर की गई थी। इसका शीर्षक है – “पंजाबी वोटर अगर मेरा साथ दें तो देहाती जाट गुज्जरों और बिहारियों को धूल चाटा दूंगा – राघव चड्ढा।” यह उद्धरण ट्वीटर पर भी शेयर किया गया।

इस क्लिपिंग में कई ऐसे संकेत मौजूद हैं जिससे यह ख़ारिज की जा सकती है। दावे का बेतुकापन खुद संदेह खड़े करता है। कथित बयान को लेकर मीडिया की रिपोर्टिंग की कमी की वज़ह से इसके झूठे होने की आशंका बढ़ती है। अंत में, इस क्लिपिंग को अख़बार के जैसा बनाया गया है, लेकिन इसे ध्यान से देखना-भर ही यह पता करने के लिए पर्याप्त है कि यह निर्मित है।

4. योगी आदित्यनाथ के नाम से झूठा व उत्तेजक बयान

“अगर हमारी सरकार गीरी तो पुरे देश में आग लगा दूंगा – योगी आदित्यनाथ।” – यह बयान, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के नाम से, किसी न्यूज़ चैनल के स्क्रीनग्रैब-जैसी तस्वीर के साथ आया।

स्क्रीनग्रैब में दिख रहे लोगो से ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह मंतव्य न्यूज़ नामक गुजराती न्यूज़ चैनल का है। हमने पाया कि यूपी के सीएम के नाम से इस भड़काऊ बयान फ़ज़ी है। इस बारे में ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जांच यहां पढ़ी जा सकती है।

5. नहीं, स्मृति ईरानी ने नहीं कहा, “अगर पीएम मोदी हार गए तो मैं आत्महत्या कर लूंगी”

केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के नाम एक उद्धरण का ABP न्यूज़ का स्क्रीनग्रैब, फेसबुक पेज ‘इंडिया रेसिस्ट‘ द्वारा शेयर किया गया। इसमें ईरानी के हवाले से कहा गया है, “अगर प्रधानमंत्री मोदी जी हारे तो में आत्महत्या कर लुंगी“। वायरल पोस्ट में उक्त चैनल द्वारा कथित रूप से प्रसारित समाचार रिपोर्ट का स्क्रीनशॉट देकर, इस दावे की विश्वसनीयता दिखलाने का प्रयास किया गया।

यह स्क्रीनशॉट फ़र्ज़ी है। ऑल्ट न्यूज़ ने ABP न्यूज़ के वरिष्ठ संपादक पंकज झा से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि की, “हां, यह  फॉटोशॉप किया हुआ स्क्रीनशॉट है“। ईरानी के नाम से दिए गए बयान से संबंधित कीवर्ड सर्च का गूगल पर कोई परिणाम नहीं मिला। ईरानी द्वारा दिए गए इस तरह के बयान का सबसे पुराना संदर्भ जो मिला, उसमें कहा गया है, “जिस दिन प्रधान सेवक ‘नरेंद्र मोदी जी ने संन्यास लेने का फैसला किया, मैं भी भारतीय राजनीति छोड़ दूंगी“।

फोटोशॉप तस्वीरों का इस्तेमाल

1. क्रॉस पहने प्रियंका गांधी की फोटोशॉप तस्वीर

प्रियंका गांधी का क्रॉस नेकलेस पहने फोटो सोशल मीडिया में व्यापक रूप से शेयर किया गया। भाजपा समर्थक कई फेसबुक पेजों पर तस्वीर पोस्ट की गई, जिसमें प्रियंका गांधी की दो तस्वीरें अगल-बगल लगी हुई थीं। इसमें, बाईं ओर की तस्वीर में, श्रीमती गांधी क्रॉस पहने दिखती हैं। दावा किया गया था कि यह तस्वीर केरल में ली गई थी। इसी प्रकार, दाईं ओर की तस्वीर में, श्रीमती गांधी रुद्राक्ष की माला पहनी हुई हैं। दावा किया गया कि यह तस्वीर उत्तर प्रदेश की थी। इन तस्वीरों द्वारा प्रियंका गांधी का कथित पाखंड और छलावा उजागर करने की कोशिश की गई थी।

प्रियंका गांधी की क्रॉस पहने हुई तस्वीर, फोटोशॉप की हुई है। ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर की तथ्य-जांच की थी और पाया कि श्रीमती गांधी ने वास्तव में एक लॉकेट पहना हुआ था, जिसे फ़ोटोशॉप में क्रॉस से बदल दिया गया था। मूल तस्वीर 2017 में उत्तर प्रदेश की एक रैली की थी।

2. फोटोशॉप तस्वीर में राहुल गांधी, ममता बनर्जी को पाक पीएम और सेना प्रमुख के साथ दिखलाया

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की उनके देश के सेना प्रमुख क़मर जावेद बाजवा के साथ बातचीत की एक तस्वीर सोशल मीडिया में प्रसारित हुई। इस तस्वीर में एक कोने में बैठे हुए कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा, नवजोत सिंह सिद्धू, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को भी देखा जा सकता है। इसे इस कैप्शन के साथ प्रसारित किया गया — “ನೀವು ಕಾಂಗ್ರೆಸ್ ಗೆ ಮತ ಹಾಕಿದರೆ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ಕ್ಕೆ ಮತ ಹಾಕಿದ ಹಾಗೆ.ಚಿತ್ರ ನೋಡಿ ಪಾಕಿಸ್ತಾನ ದ ಪರ ಗುಲಾಮರು ಮೂಲೆಯಲ್ಲಿ ಹೇಗೆ ಕುಳಿತಿದ್ದಾರೆ,” जिसका अनुवाद होता है, “यदि आप कांग्रेस को वोट देते हैं, तो आप पाकिस्तान को वोट देंगे। तस्वीर को देखिए, पाकिस्तान के गुलाम कैसे कोने में बैठे हैं।”

ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि मूल तस्वीर, जिसमें भारतीय नेता मौजूद नहीं हैं, को फॉटोशॉप किया गया था। इस तस्वीर को ट्विटर यूज़र @Atheist_Krishna द्वारा फोटोशॉप किया गया था, जिसने 5 अप्रैल को इस कैप्शन के साथ इसे पोस्ट किया था — “बालाकोट में मारे गए आतंकवादियों के सबूत जुटाने के लिए पाकिस्तान पहुंचा विपक्ष।” इससे पता चलता है कि उसने विपक्षी नेताओं पर कटाक्ष किया था।

3. कन्हैया कुमार की चुनाव प्रचार वाहन को अफ़ज़ल गुरु की तस्वीर के साथ फोटोशॉप किया

सीपीआई के बेगूसराय उम्मीदवार कन्हैया कुमार की एक तस्वीर सोशल मीडिया में प्रसारित की गई। इसमें कन्हैया कथित रूप से 2001 के संसदीय हमले के दोषी अफज़ल गुरु के पोस्टर के पीछे खड़े होकर प्रचार कर रहे हैं।

यह तस्वीर, बेगूसराय में सीपीआई उम्मीदवार के चुनाव अभियान रैली की तस्वीर से उठाई गई है। मूल तस्वीर में कुमार, अफ़ज़ल गुरु के चित्र के पीछे नहीं खड़े हैं। यूट्यूब पर अपलोड किए गए इस रैली के वीडियो में वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के निशान के पीछे खड़े दिख रहे हैं।

4. दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह को भाजपा का प्रचार करते दिखलाया

फिल्म स्टार जोड़ी दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह की एक तस्वीर फेसबुक पर एक पेज द्वारा पोस्ट की गई। तस्वीर में दोनों को केसरिया स्कार्फ डाले दिखाया गया, जिन पर ‘वोट फॉर बीजेपी एन मोदी’ छपा हुआ है। तस्वीर के साथ पोस्ट किए गए संदेश में लिखा था, ‘कमल का बटन दबाकर देश की तरक्की में भागीदार बनें’।

जैसी अपेक्षा थी, इस तस्वीर को फॉटोशॉप करके बनाया गया था। ऑल्ट न्यूज़ ने इस तस्वीर की गूगल पर रिवर्स इमेज सर्च की तो मूल तस्वीर मिली जिसे 30 नवंबर 2018 को खींचा गया था। दीपिका और रणवीर सिद्धिविनायक मंदिर गए थे, जहां यह तस्वीर ली गई थी। इसे कई मीडिया संगठनो ने भी प्रकाशित किया था।

5. पीएम मोदी की कोलकाता रैली में समर्थन का सैलाब दिखलाने के लिए बनाई डिजिटल तस्वीर

“दो सिरों के सामने यह कोई रेत नहीं है। भाजपा की कोलकाता रैली में यह लोगों की भीड़ है। कल कोलकाता में एक असामान्य दिन था। मोदी जी शहर में थे! ममता बी नहीं थीं! विशाल ब्रिगेड ग्राउंड पर 10+ लाख कार्यकर्ताओं (कोलकाता पुलिस द्वारा दिया गया आंकड़ा) की भारी भीड़ थी।”-(अनुवाद) यह संदेश, कथित रूप से कोलकाता में हुई एक रैली की तस्वीर के साथ पोस्ट किया गया, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संबोधित किया था। पीएम मोदी ने 3 अप्रैल को एक चुनाव प्रचार रैली के लिए कोलकाता का दौरा किया था।

ऑल्ट न्यूज़ ने इस रूपांतरित तस्वीर को पूर्व में तब खारिज किया था जब इसे मोदी-शाह की रैली में “समर्थकों की सुनामी” के रूप में शेयर किया गया था। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि यह तस्वीर दिसंबर 2017 की है, जब पीएम मोदी और अमित शाह शिमला में मंच साझा कर रहे थे। यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के शपथ ग्रहण समारोह का था।

मुख्यधारा मीडिया की भ्रामक खबरें

1. “मैं मोदी को थप्पड़ मारूंगी” – आज तक, एबीपी, न्यूज़18 ने ममता बनर्जी के बयान की गलत खबर दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 मई को टीएमसी को निशाना बनाते हुए इस पार्टी को ‘TTT’ या ‘तृणमूल, टोलबाज़ी, टैक्स’ कहा। बंगाली शब्द टोलबाज़ी का मतलब लुटेरा होता है। पीएम के बयान के बाद कई बड़े मीडिया संगठनो ने बताया कि उनकी टिप्पणी पर ममता बनर्जी बनर्जी की प्रतिक्रिया थी – “मैं मोदी को थप्पड़ मारूंगी।” यह खबर करने वालों में आज तक, एबीपी न्यूज़ और न्यूज़18 शामिल थे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के बयान को मीडिया द्वारा गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया। उन्होंने नहीं कहा था कि “मैं मोदी को थप्पड़ मारूंगी।” बल्कि उन्होंने कहा था कि,”मै मोदी को लोकतंत्र का करारा चांटा मारना चाहती हूं।” तृणमूल कांग्रेस ने बनर्जी का वीडियो अपलोड किया जिसमें वो कह रही है, ”নরেন্দ্র মোদী যখন বাংলায় এসে বলে মমতা ব্যানার্জী তোলাবাজ, তখন শুনলে আমার মনে হয় দি ঠাসি একটা ভালো করে গণতন্ত্রের থাপ্পড় (जब नरेंद्र मोदी बंगाल आये और उन्होंने मुझ पर लुटेरा होने का आरोप लगाया तब मुझे उन्हें लोकतंत्र का कड़ा तमाचा देने का मन किया।)”

2. रिपब्लिक टीवी ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते व्यक्ति को गलत तरीके से कांग्रेस विधायक बताया

“कांग्रेस के विधायक अनिल उपाध्याय भी हुए पीएम मोदी के मुरीद, बांधे तारीफों के पूल” -इस ब्रेकिंग न्यूज़ की सुर्खियों का प्रसारण 27 अप्रैल को रिपब्लिक टीवी के हेलो भारत कार्यक्रम में किया गया। इसमें पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए एक व्यक्ति का वीडियो था, जिसमें वह व्यक्ति कहता है कि, केवल भ्रष्ट लोग ही उन्हें खोना चाहते हैं। एंकरों ने आगे बताया कि उन्होंने इसे ‘बड़ी ख़बर’ इसलिए कहा क्योंकि देश के आम नागरिक ही नहीं, बल्कि पीएम मोदी के राजनीतिक विरोधी भी उनकी प्रशंसा से भरे हैं। उन्होंने उस व्यक्ति का परिचय मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय के रूप में दिया।

कांग्रेस के विधायक अनिल उपाध्याय भी हुए पीएम मोदी के मुरीद, बांधे तारीफों के पूल

कांग्रेस के विधायक अनिल उपाध्याय भी हुए पीएम मोदी के मुरीद, बांधे तारीफों के पूल

Posted by Republic Bharat on Friday, 26 April 2019

रिपब्लिक टीवी ने साफ तौर से गलत खबर चलाई थी। ऐसा इसलिए, क्योंकि ऑल्ट न्यूज़ ने पता लगाया कि अनिल उपाध्याय नाम से कोई कांग्रेस विधायक नहीं है। वीडियो वाले व्यक्ति की पहचान द क्विंट ने मोहन (मुन्ना) पांडे के रूप में की थी। पांडे के कई वीडियो ट्विटर यूज़र, तन्मय शंकर (@Shanktan) द्वारा शेयर किए गए हैं। इन सभी वीडियो में, वह पीएम मोदी का समर्थन करने के लिए बहुत उत्साही और भावनात्मक दिखाई दे रहे हैं। “द क्विंट” से बात करते हुए, शंकर ने पुष्टि की कि वह व्यक्ति मोहन पांडे हैं और उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हैं।

3. ABP न्यूज़ एंकर ने डिग्री विवाद में स्मृति ईरानी के बचाव में लिया झूठ का सहारा

बिहार के दरभंगा से एबीपी न्यूज़ द्वारा प्रसारित एक चर्चा में स्मृति ईरानी की डिग्री का सवाल एक बार फिर सामने आया, जब दर्शकों में से एक व्यक्ति ने उनकी संदिग्ध शैक्षिक योग्यता पर सवाल उठाया। जवाब में, एबीपी न्यूज़ के एंकर ने बहस में बीच-बचाव करते हुए कहा कि ईरानी के पास मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) की डिग्री है। चर्चा का प्रासंगिक हिस्सा नीचे पोस्ट किए गए वीडियो में 38:16वें मिनट पर देखा जा सकता है।

श्रोताओं में से एक व्यक्ति द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में, एबीपी न्यूज़ की एंकर रुबिका लियाकत ने तुरंत जवाब देते हुए कहा, “एमए किया है सर कॉरोस्पोंडेंस से, एमए किया हुआ है, एमए किया हुआ है।”  यह सच नहीं है, क्योंकि ईरानी के 2019 के चुनावी हलफनामे में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि उन्होंने अपने तीन साल के डिग्री कोर्स को पूरा नहीं किया है।

4. अज्ञात लोगों का गैर-सत्यापित वीडियो, बंदूक दिखलाते पुरुलिया के ‘टीएमसी गुंडे’ के रूप में शेयर

12 मई को, मुख्यधारा के कई मीडिया संगठनों द्वारा कुछ नकाबपोश लोगों के दृश्य प्रसारित किए गए, जिनमें उन्हें बंदूक दिखलाते हुए और कैमरे के पीछे के एक आदमी से बात करते सुना गया। दावा किया गया कि बंदूक दिखलाने वाले लोगों के वे दृश्य पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के थे। कुछ संगठनों ने एक कदम आगे बढ़कर यह भी आरोप लगाया कि वे लोग टीएमसी कार्यकर्ता थे। इनमें ईटीवी भारत और रिपब्लिक टीवी शामिल थे।

ऑल्ट न्यूज़ इस वीडियो को स्वतंत्र रूप से सत्यापित या इसकी उत्पत्ति स्थापित नहीं कर सका। फिर भी यह कहने के लिए इतना पर्याप्त है, कि बिना किसी सत्यापन के, एक वीडियो को मुख्यधारा मीडिया के एक वर्ग द्वारा प्रमाणरहित इस संदेश के साथ कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ता मतदाताओं को धमका रहे थे, प्रसारित कर दिया गया। जहां तक ​​पुरुलिया में टीएमसी कार्यकर्ताओं के बंदूक तानने का दावा है, वीडियो में लोगों ने केवल इतना कहा है कि वे रघुनाथपुर जा रहे हैं, जो पुरुलिया जिले में है। न तो, इसका कोई सबूत है कि वे टीएमसी कार्यकर्ता थे और न ही वे पुरुलिया में दाखिल हुए।

5. राहुल गांधी से चूक? टाइम्स नाउ, इंडिया टुडे की गलत खबरें

इंडिया टुडे समूह ने 14 मई को मध्य प्रदेश के नीमच में राहुल गांधी के चुनावी भाषण को गलत तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के नाम में बड़ी गड़बड़ी की है। उनकी वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख का शीर्षक है, “राहुल गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री के नाम में की गड़बड़ी, ट्वीटर पर यह मुद्दा छाया रहा।” टाइम्स नाउ ने भी बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने भारी भूल की थी।

इस मामले में तथ्य यह है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों के सीएम के नामों में हेर-फेर नहीं की थी, जैसा कि टाइम्स नाउ और इंडिया टुडे ने बताया। इस झूठे दावे का आधार एक क्लिप्ड वीडियो था। इस बारे में ऑल्ट न्यूज़ की तथ्य-जांच यहां पढ़ी जा सकती है।

विविध

1. इटली की इमारतों पर गांधी परिवार के स्वामित्व का झूठा दावा

शानदार यूरोपीय वास्तुकला की ओर इशारा करता हुआ एक आदमी दावा करते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस भव्य संपत्ति के मालिक हैं। यह आदमी गुजराती में कहते हैं, “उन्होंने भारत को लूटा है और इटली में इन इमारतों को ख़रीदा है”। यह वीडियो सोशल मीडिया में व्यापक रूप से प्रसारित किया गया। एक मिनट की इस क्लिप में राहुल गांधी के खिलाफ, जिन्होंने भारत के पैसे से इटली में तीन असाधारण इमारतें खरीदी हैं और इससे भारी किराया प्राप्त करते हैं, यह व्यक्ति लोगों को सावधान करते हैं।

 

इटली से आयी पप्पु की सच्चाई देखो ओर दूसरो को भी दिखाओ …….

Posted by Mera Bharat Mahan on Saturday, 27 April 2019

यह दावा न सिर्फ झूठा है, बल्कि तर्कसंगत भी नहीं है। वीडियो में दिखाई गई इमारतें इटली के ट्यूरिन के एक सिटी स्क्वॉयर – पियाज़ा कैस्टेलो – का हिस्सा हैं। चौकोर आकार की यह ऐतिहासिक इमारतें 16वीं शताब्दी में बनी रॉयल पैलेस ऑफ ट्यूरिन सहित संग्रहालय, थिएटर और महलें हैं। इन वास्तुकला परिसरों में से कई यूनेस्को द्वारा संरक्षित विश्व विरासत स्थल हैं। ऑल्ट न्यूज़ द्वारा की गई तथ्य जांच यहां पढ़ी जा सकती है।

2. पीएम मोदी द्वारा रैली में अपशब्द बोलने का झूठा दावा

“श्रीमान प्रधानमंत्री, यह किस प्रकार की भाषा है? क्या यह देश के प्रधानमंत्री को अपशब्दों का उपयोग इतने सार्वजनिक रूप से, करना सम्मानजनक है? विश्वास नहीं होता है, चौंकाने वाला!! कुछ नहीं तो इस कुर्सी का थोड़ा सम्मान करें।” -(अनुवाद)

उपरोक्त संदेश गौरव पांधी ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया जिस पर लिखा है– ‘मोदी ने रैली में बीसी कहा’। पांधी कांग्रेस पार्टी से जुड़े हैं। यह वीडियो, इस संदेश के साथ कि प्रधानमंत्री ने एक अपशब्द का उपयोग किया था, न केवल सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बल्कि व्हाट्सएप पर भी व्यापक रूप से शेयर किया गया।

यह दावा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली में ‘बेन***’ शब्द का उच्चारण किया, गलत है। पीएम मोदी ने ‘थवान(ई) छे’ शब्दों का इस्तेमाल किया था, जिसे वीडियो क्लिप में पीएम मोदी द्वारा बोलते सुना जा सकता है। इसे ही गलत तरीके से ‘बेन***’ बता दिया गया। ‘थवान(ई) छे’ का अनुवाद होता है- ‘होगा/होने वाला है’। इसका मूल शब्द प्रयोग ‘थवानी छे’ है, लेकिन पीएम मोदी ने ‘थवान छे’ कहा, जिसे बोलचाल की भाषा में उपयोग किया जाता है। वीडियो क्लिप में ‘थवान छे’ को बार-बार चलाना, यह भ्रम पैदा करता है कि पीएम मोदी ने ‘बेन***’ कहा।

3. एक ही महिला के साथ कांग्रेस नेताओं के फोटो खिंचवाने की भ्रामक सूचना

रेणुका जैन, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ट्विटर पर फॉलो करते हैं, उनका एक ट्वीट न केवल ट्विटर, बल्कि फेसबुक पर भी खूब शेयर किया गया (आर्काइव्ड)। अपने ट्वीट में जैन ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी ने अपने सभी फोटोशूट के लिए एक ही बुज़ुर्ग महिला का इस्तेमाल किया था। उनके ट्वीट में लिखा है, “कांग्रेस उन्हें 5000 रुपये प्रति फोटोशूट देती है।”

यह दावा झूठा है। चारों महिलाएं अपने सफेद बालों के कारण एक जैसी लग सकती हैं। हालांकि, गौर से देखने पर इनकी भौतिक विशेषताओं में अंतर स्पष्ट रूप से दिखता है। ऑल्ट न्यूज़ ने अंतर स्पष्ट करने के लिए चारों महिलाओं की तस्वीरों को एक साथ रखा है। दूसरी महिला की तस्वीर भाजपा के सुरेंद्रन के साथ और चौथी शशि थरूर के साथ की थी। तीसरी बुजुर्ग महिला वही है जिसे राहुल गांधी को गले लगाते हुए दिखाया गया है।

4. फ़र्ज़ी: BBC के चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण में 2019 में भाजपा की ज़बरदस्त जीत की भविष्यवाणी

फेसबुक और व्हाट्सएप पर व्यापक रूप से शेयर किए जा रहे एक संदेश के अनुसार, दुनियाभर में समाचार प्रसारित करने वाले ब्रिटिश मीडिया संगठन BBC द्वारा किए गए चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण का एक नतीजा निकला है। सत्तारूढ़ भाजपा अपने 2014 के प्रदर्शन से बेहतर प्रदर्शन करके सत्ता में ज़बरदस्त वापसी करने वाली है।

यह संदेश पूरी तरह फ़र्ज़ी है। BBC द्वारा इस तरह का कोई चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण नहीं किया गया है। वास्तव में, यह ब्रॉडकास्टर, भारत के लिए चुनाव-पूर्व सर्वेक्षण करता ही नहीं है। ऑल्ट न्यूज़ को दिए एक बयान में, BBC के प्रवक्ता ने कहा, ”लोकसभा चुनावों का यह फर्जी सर्वेक्षण व्हाट्सएप और फेसबुक पर साझा किया जा रहा है, इसके BBC न्यूज़ के होने का दावा किया जा रहा है। हम यह बिल्कुल स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह फ़र्ज़ी है और यह BBC का नहीं है। BBC भारत में चुनाव-पूर्व सर्वेक्षणों का समर्थन नहीं करता है।” -(अनुवाद)

5. अनिल उपाध्याय- एक ऐसे राजनेता जो हैं ही नहीं!

सोशल मीडिया में एक नाम जो अक्सर यूज़र्स द्वारा प्रसारित किया जाता है, वह है अनिल उपाध्याय। कभी उन्हें कांग्रेस का विधायक कहा जाता है तो कभी उनके भाजपा का राजनीतिज्ञ होने का दावा किया जाता है। ऑल्ट न्यूज़ के सामने गलत सूचनाओं के कई उदाहरण आए, जिनमें ‘अनिल उपाध्याय’ को संदर्भित किया गया था। उदाहरण के लिए, पारिवारिक विवाद का एक पुराना वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया गया कि ‘भाजपा विधायक अनिल उपाध्याय‘ ने एक दलित युवक की पिटाई की थी।

यह दावा झूठा था। अनिल उपाध्याय के नाम से भाजपा का कोई विधायक नहीं है। इसके अलावा, जैसा कि लेख में पहले बताया गया है, रिपब्लिक टीवी ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते एक व्यक्ति को ‘कांग्रेस विधायक अनिल उपाध्याय’ बताया था

6. बुर्के की आड़ में फ़र्ज़ी वोटिंग के झूठे दावे के साथ पुराना वीडियो शेयर

अप्रैल में सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक महिला को, बुर्का पहने मतदाताओं के समूह से फर्जी आधार कार्ड जब्त करते हुए दिखलाया गया। दावा किया गया कि वह महिला मुज़फ्फरनगर भाजपा की मुस्लिम कार्यकर्ता थी, जो 12 अप्रैल को मतदान में गई थी। वीडियो मुज़फ्फरनगर के भाजपा प्रत्याशी संजीव बाल्यान के आरोपों — कि लोग बुर्का पहनी महिलाओं के वेश में फर्जी वोट डाल रहे थे — की पृष्ठभूमि में शेयर किया गया था।

यदि कोई वीडियो को ध्यान से सुने तो शुरुआती कुछ सेकंडों में ही, महिला अपना और अपनी पार्टी का नाम लेती है। उसे यह कहते हुए सुना जा सकता है- “मैं बसपा प्रत्याशी शेला हूँ”। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि शैला खान नाम की एक महिला को 2017 में बहुजन समाजवादी पार्टी ने रामपुर नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाया था। यह एक पुराना, असंबद्ध वीडियो था।

7. झूठा दावा: प्रज्ञा ठाकुर को आतंकी आरोपों से बरी कर दिया गया है

पत्रकार और नेटवर्क 18 के कार्यकारी संपादक, अमिश देवगन ने अभिनेत्री स्वरा भास्कर के ट्वीट को संदर्भित करते हुए ट्वीट किया कि आतंकी आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को अदालत ने बरी कर दिया है। भोपाल से भाजपा के टिकट पर ठाकुर के नामांकन के ठीक बाद इस ट्वीट से खूब विवाद हुआ था।

कई भाजपा समर्थक सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस दावे को, जो सच नहीं है, दोहराया था। प्रज्ञा ठाकुर को अदालत ने बरी नहीं किया है। 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा और अन्य का मुकदमा अभी भी चल रहा है। प्रज्ञा पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। दिसंबर 2017 में, एक विशेष एनआईए अदालत ने साध्वी प्रज्ञा, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रशांत पुरोहित और छह अन्य को यूएपीए के तहत आरोपित किए जाने का फैसला किया था।

मुख्य निष्कर्ष

1. भ्रामक सूचनाओं का चक्र, जैसा अपेक्षित था, ज़्यादातर, चुनाव के विभिन्न चरणों के आधार पर निर्धारित किया गया। जिस किसी भी राज्य में मतदान होना था, चुनाव के पूर्व पर उसे निशाना बनाना गया।

2. कुछ भी कहने या हवाला देने के लिए, भ्रामक/ विघटनकारी सूचनाओं की प्रकृति, क्लिप किए हुए वीडियो से लेकर, फोटोशॉप की हुई तस्वीरें, नकली समाचार क्लिप, झूठे उद्धरण, पुराने और असंबद्ध तस्वीरों और/या वीडियो का उपयोग तक बेशुमार रहा।

3. पश्चिम बंगाल, भ्रामक/ विघटनकारी सूचनाओं का प्रमुख निशाना रहा। ऑल्ट न्यूज़ ने पाया कि झूठ के मामलों की अधिकतम संख्या इसी राज्य से रही। इसके अलावा, यहां भ्रामक सूचनाओं की प्रकृति सांप्रदायिक और भड़काऊ रही।

4. मुख्यधारा मीडिया के कुछ हिस्सों ने भी भ्रामक सूचना के संकट के आगे घुटने टेक दिए। ऐसे मामलों में खबरें एकतरफा रहीं।

यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भ्रामक/ विघटनकारी सूचनाओं ने 2019 के आम चुनाव का बड़े पैमाने पर चरित्र-चित्रण किया है।

 

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About the Author

Arjun Sidharth is a writer with Alt News. He has previously worked in the television news industry, where he managed news bulletins and breaking news scenarios, apart from scripting numerous prime time television stories. He has also been actively involved with various freelance projects. Sidharth has studied economics, political science, international relations and journalism. He has a keen interest in books, movies, music, sports, politics, foreign policy, history and economics. His hobbies include reading, watching movies and indoor gaming.